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सांभर झील प्रबंधन एजेंसी के गठन को मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राज्य सरकार ने सांभर झील के कुशल प्रबंधन के लिये समर्पित ‘सांभर झील प्रबंधन एजेंसी’ (Sambhar Lake Management Agency) के गठन को मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- सांभर झील के प्रबंधन को सुदृढ़ और परिणामकेंद्रित करने के लिये पर्यावरण विभाग के प्रस्ताव पर सांभर झील प्रबंधन हेतु गठित स्टैंडिंग कमेटी के अनुमोदन उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा सांभर झील की सुरक्षा, संरक्षण और सर्वांगीण विकास के लिये ‘सांभर झील प्रबंधन एजेंसी’ के गठन की अनुमति प्रदान की गई।
 - उल्लेखनीय है कि जयपुर, अजमेर और नागौर ज़िलों में फैली सांभर झील अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त रामसर साइट है। यह झील भारत की दूसरी और राज्य की सबसे बड़ी खारे पानी की झील तथा एशिया का सबसे बड़ा अंतर-स्थलीय नमक उत्पादन केंद्र है।
 - राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस मैनजमेंट एजेंसी का गठन किया जाएगा। मैनेजमेंट एजेंसी सांभर झील क्षेत्र की सुरक्षा, संरक्षण और विकास के लिये कार्य करेगी।
 - एजेंसी में खान, भू-जल एवं अभियांत्रिकी विभाग, वन एवं पर्यावरण, राजस्व, ऊर्जा विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, मत्स्य एवं पशुपालन विभाग, उद्योग विभाग, वित्त विभाग, पंचायती राज विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, पर्यटन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और नगरीय विकास विभाग के इंचार्ज सचिव होंगे।
 - प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, आरएजेयूवीएएस के निदेशक, सॉल्ट कमिश्नर निदेशक, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जयपुर अजमेर नागौर के ज़िला कलेक्टर सदस्य सचिव होंगे।
 - इसी तरह राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, राज्य जैवविविधता बोर्ड और सांभर साल्ट लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक सदस्य होंगे।
 - वर्तमान में राजस्थान में सांभर और भरतपुर के रूप में दो रामसर साइट्स चिह्नित हैं। राजस्थान के लिये यह इसलिये भी बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि चिल्का, ई.के.डब्ल्यू. और लोकटक के बाद यह देश में चौथी ऐसी झील प्रबंधन एजेंसी होगी।
 
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