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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 09 Dec 2022
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झारखंड की युवा कवयित्री जसिंता केरकेट्टा फोर्ब्स इंडिया की सेल्फ मेड वुमन की सूची में शामिल

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार फोर्ब्स इंडिया ने भारत की सेल्फ मेड वुमन 2022 की सूची में झारखंड की युवा कवयित्री और स्वतंत्र पत्रकार जसिंता केरकेट्टा को शामिल किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस साल फोर्ब्स इंडिया की डब्ल्यू-पॉवर 2022 की सूची में ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया है, जो रूढ़ियों को तोड़ रही हैं, संदेह को खारिज कर रही हैं और बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं।
  • जसिंता केरकेट्टा के अलावा जो प्रमुख नाम इस सूची में शामिल हैं, वे हैं- निखत जरीन, कटरीना कैफ, अंजु श्रीवास्तव एवं अंजलि बंसल।
  • फोर्ब्स इंडिया की टीम ने रिसर्च करके ऐसे नामों को इस सूची में जगह दी जिन्होंने अपनी पहचान खुद बनाई, जिन्हें विरासत में धन या पद नहीं मिला तथा ऐसी महिलाएँ जो दूसरों के लिये प्रेरणा बन सकें। इस सूची में 20 नामों को जगह दी गई है।
  • जसिंता केरकेट्टा देश की जानी-पहचानी कवयित्री और स्वतंत्र पत्रकार हैं, जिन्होंने लगातार महिला अधिकारों की बात की, जिन्होंने आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचारों की बेबाकी से चर्चा की। इसके अलावा अपने समाज में व्याप्त अंधविश्वासों का भी खुलकर विरोध किया है।
  • जसिंता की कविताएँ इन दिनों न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी ख्याति प्राप्त कर चुकी है। जसिंता ने प्रकृति के साथ अपने सान्निध्य को बताने के लिये अपने घर के आँगन में लगे सौ साल से भी अधिक के फुटकल पेड़ की चर्चा की है। यह जल-जंगल और ज़मीन के प्रति उनके प्रेम और आंदोलन दोनों का प्रतीक है। जसिंता ने लिखा है- फुटकल गाछ प्रकाशित है।

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राष्ट्रीय बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस शुरू

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की ओर से प्रायोजित एवं साइंस फॉर सोसाइटी, झारखंड की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस का राज्य के डीपीएस बोकारो में शुभारंभ हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यक्रम के पहले दिन राज्य के 13 विभिन्न ज़िलों से पहुँचे 100 से अधिक बाल वैज्ञानिक प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया।
  • पहले दिन निर्णायक मंडली के सदस्यों के लिये उन्मुखीकरण कार्यक्रम (ओरिएंटेशन प्रोग्राम) हुआ, जिसमें सोसाइटी के पदाधिकारियों ने निर्णायकों को बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस की विषय-वस्तु ‘स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिये पारिस्थितिकी तंत्र को समझना’के साथ प्रोजेक्ट के मूल्यांकन, इससे संबंधित मापदंडों, विभिन्न तकनीकी पहलुओं एवं उसके आधार पर प्रतिभागियों के चयन के संदर्भ में जानकारी दी।
  • झारखंड साइंस फॉर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अली इमाम खान ने बताया कि सोसाइटी तत्कालीन बिहार के समय से ही वर्ष 1993 से बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस का आयोजन कर रही है। इसका उद्देश्य बच्चों में शोध की प्रवृत्ति का विकास कर उनमें वैज्ञानिक चेतना जागृत करना तथा बच्चों को स्कूली शिक्षा के पारंपरिक दायरे से अलग हटकर नवाचार के साथ शोध में शामिल करना है।
  • उन्होंने बताया कि बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस में सर्वे और प्रयोग के आधार पर रिसर्च एक्टिविटी केंद्र में होती है। इसमें स्कूल की बाध्यता नहीं है। इसमें शहरी, ग्रामीण, सीनियर व जूनियर, चार समूहों में आयोजित विज्ञान कॉन्ग्रेस में स्कूल से बाहर के बच्चे भी अपने नवोन्मेषी प्रोजेक्ट के साथ शामिल होते हैं। यहाँ आयोजित हो रहे राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में से लगभग 15 सफल प्रतिभागी विभिन्न वर्गों में राष्ट्रीय स्तर के लिये चयनित होंगे।

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