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भूटान के प्रधानमंत्री का बोधगया का दौरा
चर्चा में क्यों?
भूटान के प्रधानमंत्री ने बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर का भ्रमण किया और भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना अर्पित की तथा पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान लगाया।
महाबोधि मंदिर
महाबोधि महाविहार के बारे में
- परिचय:
- महाबोधि महाविहार वह स्थल है जहाँ गौतम बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था।
- मंदिर का निर्माण मूलतः सम्राट अशोक द्वारा ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में कराया गया था, जबकि वर्तमान संरचना 5वीं–6वीं शताब्दी ईस्वी की है।
- वास्तुकला संबंधी विशेषताएँ:
- संपूर्ण परिसर में 50 मीटर ऊँचा मुख्य मंदिर (वज्रासन), पवित्र बोधि वृक्ष तथा बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति से संबंधित छह अन्य पवित्र स्थल शामिल हैं, जो प्राचीन स्तूपों से घिरे हुए हैं।
- यह गुप्तकाल के सर्वप्रथम सुरक्षित ईंट-निर्मित मंदिरों में से एक है। सम्राट अशोक ने यहाँ बुद्ध के ध्यान स्थल को चिह्नित करने के लिये वज्रासन (हीरकासन) की स्थापना कराई थी।
- पवित्र स्थल:
- प्रमुख स्थलों में बोधि वृक्ष (मूल वृक्ष का प्रत्यक्ष वंशज), अनिमेष लोचन चैत्य (जहाँ बुद्ध ने ज्ञान-प्राप्ति के बाद ध्यान किया था) तथा अन्य संबंधित स्थल शामिल हैं।
- मान्यता:
- महाबोधि मंदिर को वर्ष 2002 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सम्मिलित किया गया था