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मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना
चर्चा में क्यों?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिये 10,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी, बशर्ते वे जीविका स्वयं सहायता समूहों में शामिल हों।
- इसे प्रधानमंत्री द्वारा बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ के शुभारंभ से पूरक बनाया गया, जिसका उद्देश्य जीविका सदस्यों को किफायती ऋण उपलब्ध कराना है।
मुख्य बिंदु
योजना के बारे में:
- उद्देश्य: बिहार में प्रत्येक परिवार की एक महिला को स्व-रोज़गार उद्यम शुरू करने के लिये 10,000 रुपये की प्रारंभिक वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- कार्यान्वयन: योजना के अंतर्गत रोज़गार प्रारंभ करने की इच्छुक महिलाओं को जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ना अनिवार्य होगा, जिसके माध्यम से आवश्यक धन उपलब्ध कराया जाएगा।
- योजना के लिये आवेदन-पत्र का प्रारूप तैयार हो चुका है और महिलाओं को सितंबर से धनराशि मिलनी शुरू हो जाएगी।
- नोडल एजेंसी: ग्रामीण विकास विभाग इस योजना के लिये नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा, जबकि शहरी विकास एवं आवास विभाग इसके कार्यान्वयन के लिये आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।
- भविष्य की संभावनाएँ: छह महीने बाद योजना के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा। इस पहल की सफलता के आधार पर लाभार्थियों को 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जा सकती है।
- स्थानीय बाज़ारों की भूमिका: यह योजना स्थानीय बाज़ारों या 'हाट बाज़ारों' की स्थापना को भी प्रोत्साहित करेगी, जहाँ महिलाएँ स्वयं निर्मित उत्पादों की बिक्री कर सकेंगी। इससे उनकी आर्थिक स्वावलंबन क्षमता सुदृढ़ होगी।
- प्रभाव: इस पहल का उद्देश्य बिहार से रोज़गार की तलाश में होने वाले लोगों के पलायन को रोकना तथा राज्य के भीतर बेहतर रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना है।
बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड
- उद्देश्य: इसकी परिकल्पना एक वैकल्पिक वित्तीय तंत्र के रूप में की गई है, ताकि माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (MFIs) पर निर्भरता कम की जा सके तथा कम ब्याज दरों पर समय पर अधिक ऋण राशि उपलब्ध कराई जा सके।
- सदस्यता: जीविका के अंतर्गत पंजीकृत सभी क्लस्टर-स्तरीय संघ इस संघ के सदस्य बनेंगे।
- वित्तपोषण: इस संस्था के संचालन हेतु बिहार सरकार तथा केंद्र सरकार दोनों ही वित्तीय सहयोग प्रदान करेंगी।
- पारदर्शिता: यह व्यवस्था पूर्णतः डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कार्य करेगी, जिससे जीविका दीदियों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष, त्वरित तथा पारदर्शी धन अंतरण सुनिश्चित होगा। इस प्रक्रिया को सहयोग देने के लिये 12,000 सामुदायिक कार्यकर्त्ताओं को टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे।