इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Jan 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

दुनिया का सबसे उन्नत किस्म का कृत्रिम हृदय बनाएगा आईआईटी कानपुर

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आईआईटी कानपुर के उप-निदेशक प्रो. एस. गणेश ने बताया कि आईआईटी दुनिया का सबसे उन्नत किस्म का कृत्रिम हृदय तैयार करेगा।

प्रमुख बिंदु

  • आईआईटी परिसर में संचालित स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी (एसएमआरटी) की ओर से इस कवायद के लिये हृदय यंत्र कार्यक्रम बनकर तैयार हो गया है। इसमें देश-दुनिया के चिकित्सा व प्रौद्योगिकी जगत के विशेषज्ञ तो जुड़ेंगे, साथ ही किसी भी वर्ग से पढ़ने वाले स्नातक छात्रों को भी चुनौती के साथ बहुत कुछ सीखने का मौका दिया जाएगा। 
  • भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएएमआर) के विशेषज्ञ भी इस कार्यक्रम में आईआईटी कानपुर की मदद करेंगे।
  • प्रो. एस. गणेश ने बताया कि कृत्रिम हृदय को तैयार करने के लिये लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (एलवीएडी) को विकसित किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि प्रमुख अस्पतालों की मदद से यह कार्यक्रम दुनिया के लिये ‘मेड इन इंडिया’ के विज़न को बढ़ावा देगा। अभी जिस कृत्रिम हृदय का उपयोग होता है, वो बेहद खर्चीला होता है। आईआईटी कानपुर में यह तैयार हो जाता है तो इसे मील का पत्थर माना जाएगा। यह देश की पहली ऐसी डिवाइस होगी, जो यहाँ विकसित होगी।
  • उल्लेखनीय है कि एलवीएडी या आर्टिफिशियल हार्ट एक ऐसा पंप है, जिसका उपयोग हार्ट फेल्योर के मरीज़ों के लिये अंतिम चरण में किया जाता है। इसके अलावा हार्ट ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा में ब्रिज के रूप में या ट्रांसप्लांट किये जाने में असमर्थ लोगों के लिये डेस्टीनेशन थेरेपी के रूप में इसका उपयोग होता है।
  • यह एक इंप्लांटेबल बैटरी से चलने वाला मैकेनिकल पंप है, जो बाएँ वेंट्रिकल (हृदय का मुख्य पंपिंग चैंबर) को शरीर के बाकी हिस्सों में खून भेजने में मदद करता है।
  • हृदय यंत्र कार्यक्रम न केवल देश के स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र को समृद्ध करेगा, बल्कि अंत:विषय जैव चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार में भी मार्ग प्रशस्त करेगा।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2