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उत्तर प्रदेश ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत हासिल किया 100% ओडीएफ प्लस कवरेज
चर्चा में क्यों?
- 28 सितंबर, 2023 को उत्तर प्रदेश ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण II के अंतर्गत 100% ओडीएफ प्लस कवरेज हासिल किया है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश के सभी 95,767 गाँवों, यानी मिशन के चरण II के तहत 100 % गाँवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर लिया है। ओडीएफ प्लस गाँव वह है, जिसने ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के साथ-साथ अपनी खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाए रखा है।
- अभी तक, देश भर में 4.4 लाख (75%) गाँवों ने खुद को ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया है, जो 2024-25 तक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण II के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- चालू वित्तीय वर्ष में 1 जनवरी, 2023 तक उत्तर प्रदेश में केवल 15,088 गाँव थे, जिन्हें ओडीएफ प्लस घोषित किया गया था। केवल 9 महीने की छोटी-सी अवधि में, राज्य ने मिशन मोड में ओडीएफ प्लस हासिल करने के लिये प्रयास किये।
- पिछले 9 महीनों में 80,000 से अधिक गाँवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल किया और इस त्वरित गति के परिणामस्वरूप ओडीएफ प्लस की समयबद्ध उपलब्धि हासिल हुई।
- पंचायत स्तर पर क्षमता निर्माण और साइट पर सहायता, तेजी से कार्यान्वयन के लिये प्रमुख कारक थे।
- 95,767 ओडीएफ प्लस गाँवों में से 81,744 गाँव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था के साथ ओडीएफ प्लस महत्त्वाकांक्षी गाँव हैं, 10,217 गाँव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था के साथ ओडीएफ प्लस उभरते गाँव हैं और 3,806 गाँव ओडीएफ हैं।
- ओडीएफ प्लस मॉडल गाँव वह है, जो अपनी ओडीएफ स्थिति को बनाए रखे हुए है और इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है तथा दृश्य स्वच्छता का निरीक्षण करता है, यानी न्यूनतम कूड़ा, न्यूनतम स्थिर अपशिष्ट जल, सार्वजनिक स्थानों पर कोई प्लास्टिक कचरा डंप नहीं करना और जहाँ ओडीएफ प्लस सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) संदेश प्रदर्शित किये जाते हैं।


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