उत्तराखंड Switch to English
विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने घोषणा की कि हरिद्वार, पंतनगर और औली में तीन नए राडार लगाकर उत्तराखंड की रियल टाइम मौसम पूर्वानुमान क्षमता को मज़बूत किया जाएगा। ये नए राडार सुरकंडा देवी, मुक्तेश्वर और लैंसडाउन में स्थापित मौजूदा राडारों के पूरक होंगे।
- यह घोषणा 28 से 30 नवंबर, 2025 तक देहरादून में आयोजित विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन के दौरान की गई।
मुख्य बिंदु
- परिचय: विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन (WSDM) 2025 एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है, जो वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, व्यवसायियों और उद्योग जगत के नेताओं को एक साथ लाकर आपदा प्रबंधन में अनुसंधान, नीति और क्षेत्र-स्तरीय अनुप्रयोगों के बीच सेतु का कार्य करता है।
- उद्देश्य: यह शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करने, बहु-हितधारक सहभागिता को बढ़ावा देने और वैश्विक आपदा जोखिमों का समाधान करने वाले तथा सुदृढ़ समुदायों के निर्माण के लिये नवोन्मेषी और प्रसार-योग्य समाधान विकसित करने का लक्ष्य रखता है।
- आयोजन निकाय: WSDM 2025 का संयुक्त रूप से उत्तराखंड सरकार, उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) और हिमालयन अकादमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (HAST) द्वारा आयोजन किया जा रहा है।
- प्रमुख विषय: इस वर्ष का व्यापक विषय, "Strengthening International Cooperation for Building Resilient Communities अर्थात् सुदृढ़ समुदायों के निर्माण के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करना," वैश्विक जलवायु कार्य प्रयासों और सुरक्षित, सतत् विकास की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है।
- चर्चाओं का केंद्र ज्ञान-साझाकरण, सुदृढ़ समुदाय निर्माण, सीमा-पार सहयोग, आपदा जोखिम न्यूनीकरण और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन पर है, साथ ही यह सम्मेलन विचारशील नेताओं और समुदाय प्रतिनिधियों के लिये अंतर्दृष्टि साझा करने का एक मंच भी प्रदान करता है।
- महत्त्व: यह आयोजन सिलक्यारा सुरंग बचाव मिशन की वर्षगाँठ का स्मरण कराता है, जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- यह शिखर सम्मेलन आपदा प्रतिरोधक क्षमता और जलवायु कार्रवाई में उत्तराखंड की बढ़ती प्रमुखता को मजबूती प्रदान करता है और राज्य को वार्ता, अनुसंधान एवं सहयोगात्मक समाधानों के लिये एक महत्त्वपूर्ण वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करता है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
विश्व एड्स दिवस 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा विश्व एड्स दिवस 2025 के राष्ट्रीय कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे। इस अवसर पर वे HIV रोकथाम, उपचार और कलंक उन्मूलन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराएँगे। साथ ही, एड्स को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने की दिशा में प्रगति को गति देने के लिये नए नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइज़ेशन (NACO) बहु-माध्यम अभियानों का शुभारंभ करेंगे।
मुख्य बिंदु
विश्व एड्स दिवस
- परिचय: विश्व एड्स दिवस प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को HIV/AIDS महामारी के संबंध में जागरूकता बढ़ाने, HIV संबंधित बीमारियों से मृत लोगों को याद करने और HIV/AIDS के साथ जीवन यापन कर रहे लोगों का समर्थन करने के लिये मनाया जाने वाला एक वैश्विक अवलोकन है।
- इसे पहली बार 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा चिह्नित किया गया था और तब से यह सरकारों, समुदायों और व्यक्तियों के लिये इस रोग के विरूद्ध लड़ाई में एकजुट होने का एक मंच बन गया है।
- विषय: इस वर्ष की थीम, "Overcoming disruption, transforming the AIDS response अर्थात् अवरोधों को पार करना, एड्स प्रतिक्रिया को रूपांतरित करना", अतीत की उपलब्धियों की रक्षा करने के साथ-साथ HIV सेवाओं को अधिक समुत्थानशील, न्यायसंगत और समुदाय-संचालित बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।
- भारत में अवलोकन: भारत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान, सामुदायिक पहुँच गतिविधियों और नवीनीकृत सरकारी प्रतिबद्धताओं के माध्यम से प्रत्येक वर्ष विश्व एड्स दिवस मनाता है।
ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस
- परिचय: HIV एक ऐसा वायरस है जो CD4 कोशिकाओं (श्वेत रक्त कोशिकाओं) पर हमला करके प्रतिरक्षा प्रणाली को क्षति पहुँचाता है। यदि इसका उपचार न किया जाए, तो यह एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) का कारण बन सकता है, जिससे शरीर संक्रमणों और कैंसर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है।
- संचरण (ट्रांसमिशन): HIV संक्रमित शारीरिक तरल पदार्थों जैसे रक्त, वीर्य, स्तन दूध और योनि स्राव के सीधे संपर्क से फैलता है। यह असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने तथा सुइयाँ साझा करने के माध्यम से भी फैल सकता है। यह सामान्य दैनिक संपर्क (जैसे हाथ मिलाना, गले मिलना, एक साथ भोजन करना, मच्छर के काटने आदि) से नहीं फैलता है।
- लक्षण: प्रारंभिक अवस्था (बुखार, चकत्ते), बाद की अवस्था (सूजी हुई लिम्फ नोड्स, वज़न कम होना, दस्त) और गंभीर अवस्था (तपेदिक, मस्तिष्कावरण शोथ, कैंसर (जैसे लिंफोमा))।
- जोखिम कारक: कई यौन साथी होना या यौन संचारित संक्रमण (STI) होना, असुरक्षित रक्त आधान।
- निदान: समान दिन के परिणामों के लिये त्वरित नैदानिक परीक्षण, स्व-परीक्षण किट और पुष्टिकरण वायरोलॉजिकल परीक्षण।
- रोकथाम: नियमित HIV परीक्षण, STI जाँच, सुरक्षित रक्त आधान और टैटू के लिये बंध्यीकृत सुइयों का उपयोग करना रोकथाम हेतु आवश्यक है।
- उपचार: HIV का कोई उपचार नहीं है, एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) वायरस को नियंत्रित करने में सहायता करती है। स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिये ART को जीवन भर प्रतिदिन लेना आवश्यक होता है।
- उन्नत HIV रोग (AHD): WHO AHD को CD4 <200 कोशिकाएँ/मिमी³ के रूप में परिभाषित करता है। AHD वाले लोगों की मृत्यु का उच्च जोखिम होता है, यहाँ तक कि ART शुरू करने के बाद भी।
- वैश्विक प्रतिक्रिया: 2030 तक HIV महामारी को समाप्त करना (संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्य 3.3)।
- भारत की प्रगति: भारत HIV अनुमान 2023 के अनुसार, 2.5 मिलियन लोग HIV के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, जिसमें 0.2% वयस्क प्रसार है। वर्ष 2010 के बाद से नए संक्रमणों में 44% की गिरावट आई है, जो वैश्विक 39% गिरावट से अधिक है।
- HIV/AIDS (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 HIV के साथ जीवन यापन करने वाले लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है और भेदभाव को प्रतिबंधित करता है।
- राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP), जिसे 1992 में शुरू किया गया था, भारत में HIV/AIDS के विरुद्ध लड़ाई में मुख्य आधार बना हुआ है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
वर्ल्ड स्किल्स एशिया प्रतियोगिता 2025
चर्चा में क्यों?
भारत ने वर्ल्ड स्किल्स एशिया प्रतियोगिता 2025 में अपनी पहली भागीदारी में 29 देशों के साथ प्रतिस्पर्द्धा करते हुए 8वीं रैंक प्राप्त करके वैश्विक कौशल मंच पर एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर चिह्नित किया।
मुख्य बिंदु
- परिचय: ताइपे, ताइवान में 27-29 नवंबर, 2025 को नानगंग प्रदर्शनी केंद्र में तीसरी वर्ल्डस्किल्स एशिया प्रतियोगिता की मेज़बानी की गई। इस आयोजन ने शिक्षा, आर्थिक विकास, पर्यटन और अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिये 29 एशियाई सदस्य और अतिथि देशों के 500 से अधिक प्रतिभागियों को एक साथ लाया।
- भागीदारी: भारतीय दल में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के नेतृत्व में 21 विशेषज्ञों के समर्थन से 21 कौशल श्रेणियों में 23 प्रतियोगी शामिल थे।
- पदक तालिका: भारत ने 1 रजत, 2 कांस्य पदक और 3 उत्कृष्टता पदक (मेडलियन फॉर एक्सीलेंस) प्राप्त किये। इनमें पेंटिंग एंड डेकोरेटिंग, इंडस्ट्रियल डिज़ाइन टेक्नोलॉजी, रोबोट सिस्टम इंटीग्रेशन, वेब टेक्नोलॉजीज, इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन और सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन डेवलपमेंट जैसे कौशल क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन शामिल रहे।
- महिलाओं की उपलब्धियाँ: महिला प्रतियोगियों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया, जिससे पदक तालिका में महत्त्वपूर्ण योगदान मिला। उन्होंने गैर-पारंपरिक कौशल क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट सफलता प्राप्त की और भारतीय प्रतिभागियों में सर्वाधिक समग्र अंक प्राप्त किये।
- प्रशिक्षण एवं तैयारी: प्रतियोगियों का चयन इंडिया स्किल्स नेशनल कॉम्पिटिशन 2024 के माध्यम से किया गया था और उन्होंने सेक्टर स्किल काउंसिल्स, शैक्षणिक संस्थानों एवं वैश्विक विशेषज्ञों के समर्थन से उद्योग-नेतृत्व वाले महीनों के गहन प्रशिक्षण से गुजरकर विश्व-स्तरीय तत्परता सुनिश्चित की।
- महत्त्व एवं प्रभाव: भारत का मज़बूत पदार्पण वैश्विक कौशल प्रतिभा के केंद्र के रूप में देश की बढ़ती स्थिति को मज़बूती प्रदान करता है। यह देश के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र की मज़बूती को दर्शाता है और युवा उत्कृष्टता, मज़बूत प्रशिक्षण ढाँचे तथा समर्पित राष्ट्रीय नेतृत्व के माध्यम से राष्ट्र की महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाता है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
भारत IMP काउंसिल में पुनः निर्वाचित
चर्चा में क्यों?
भारत को वर्ष 2026-27 के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) काउंसिल में श्रेणी B के अंतर्गत सर्वाधिक मतों के साथ पुनः निर्वाचित किया गया है, जिससे वैश्विक समुद्री मामलों में इसकी नेतृत्वकारी भूमिका की पुष्टि होती है।
यह पुनर्निर्वाचन इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 की सफल मेज़बानी के बाद हुआ है जिसमें 100 से अधिक देशों ने भाग लिया था।
प्रमुख बिंदु
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के बारे में: अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग की सुरक्षा और संरक्षा में सुधार लाने तथा जहाज़ों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के उपाय करने हेतु उत्तरदायी है।
- यह विधिक मामलों में भी शामिल है, जिसमें दायित्व और मुआवजे के मुद्दे, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय समुद्री यातायात की सुविधा भी शामिल है।
- इसकी स्थापना 6 मार्च, 1948 को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के तत्त्वावधान में अंगीकृत किये गए एक अभिसमय के माध्यम से की गई थी, तथा इसकी पहली बैठक जनवरी 1959 में हुई थी।
- IMO काउंसिल: काउंसिल IMO का कार्यकारी अंग है और सभा के अधीन संगठन के कार्यों की देखरेख हेतु उत्तरदायी है।
- काउंसिल 40 सदस्य देशों से बनी है, जिन्हें सभा द्वारा दो वर्ष के कार्यकाल के लिये चुना जाता है।
- निर्वाचन परिणाम:
- लंदन में 34वीं IMO असेंबली के दौरान हुए चुनावों में भारत को 169 वैध मतों में से 154 मत प्राप्त हुए , जो श्रेणी B में सबसे अधिक है, जिसमें 10 प्रमुख समुद्री व्यापार राष्ट्र शामिल हैं।
- श्रेणी B उन देशों का प्रतिनिधित्व करती है जिनकी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक रुचि है; भारत का पुनः निर्वाचन इसकी बढ़ती समुद्री प्रासंगिकता और प्रभाव को उजागर करता है।
- भारत के साथ-साथ, श्रेणी B के निर्वाचित सदस्यों में ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, फ्राँस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं, जो प्रमुख समुद्री व्यापारिक राष्ट्रों के समूह को दर्शाते हैं।
- लंदन में 34वीं IMO असेंबली के दौरान हुए चुनावों में भारत को 169 वैध मतों में से 154 मत प्राप्त हुए , जो श्रेणी B में सबसे अधिक है, जिसमें 10 प्रमुख समुद्री व्यापार राष्ट्र शामिल हैं।
- महत्व:
- यह भारत का लगातार दूसरा द्विवार्षिक सम्मेलन है, जिसमें उसे श्रेणी B में सर्वाधिक वोट प्राप्त हुए हैं तथा यह अमृत काल समुद्री विज़न 2047 के तहत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी समुद्री केंद्र बनने की दिशा में प्रगति को बल देता है।
- यह अधिदेश सुरक्षित, संरक्षित, कुशल और हरित समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है तथा देश को वैश्विक नौवहन नीतियों को आकार देने में एक विश्वसनीय समर्थक के रूप में स्थापित करता है।
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