उत्तराखंड
विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन
- 01 Dec 2025
- 18 min read
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने घोषणा की कि हरिद्वार, पंतनगर और औली में तीन नए राडार लगाकर उत्तराखंड की रियल टाइम मौसम पूर्वानुमान क्षमता को मज़बूत किया जाएगा। ये नए राडार सुरकंडा देवी, मुक्तेश्वर और लैंसडाउन में स्थापित मौजूदा राडारों के पूरक होंगे।
- यह घोषणा 28 से 30 नवंबर, 2025 तक देहरादून में आयोजित विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन के दौरान की गई।
मुख्य बिंदु
- परिचय: विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन (WSDM) 2025 एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है, जो वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, व्यवसायियों और उद्योग जगत के नेताओं को एक साथ लाकर आपदा प्रबंधन में अनुसंधान, नीति और क्षेत्र-स्तरीय अनुप्रयोगों के बीच सेतु का कार्य करता है।
- उद्देश्य: यह शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करने, बहु-हितधारक सहभागिता को बढ़ावा देने और वैश्विक आपदा जोखिमों का समाधान करने वाले तथा सुदृढ़ समुदायों के निर्माण के लिये नवोन्मेषी और प्रसार-योग्य समाधान विकसित करने का लक्ष्य रखता है।
- आयोजन निकाय: WSDM 2025 का संयुक्त रूप से उत्तराखंड सरकार, उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) और हिमालयन अकादमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (HAST) द्वारा आयोजन किया जा रहा है।
- प्रमुख विषय: इस वर्ष का व्यापक विषय, "Strengthening International Cooperation for Building Resilient Communities अर्थात् सुदृढ़ समुदायों के निर्माण के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करना," वैश्विक जलवायु कार्य प्रयासों और सुरक्षित, सतत् विकास की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है।
- चर्चाओं का केंद्र ज्ञान-साझाकरण, सुदृढ़ समुदाय निर्माण, सीमा-पार सहयोग, आपदा जोखिम न्यूनीकरण और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन पर है, साथ ही यह सम्मेलन विचारशील नेताओं और समुदाय प्रतिनिधियों के लिये अंतर्दृष्टि साझा करने का एक मंच भी प्रदान करता है।
- महत्त्व: यह आयोजन सिलक्यारा सुरंग बचाव मिशन की वर्षगाँठ का स्मरण कराता है, जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- यह शिखर सम्मेलन आपदा प्रतिरोधक क्षमता और जलवायु कार्रवाई में उत्तराखंड की बढ़ती प्रमुखता को मजबूती प्रदान करता है और राज्य को वार्ता, अनुसंधान एवं सहयोगात्मक समाधानों के लिये एक महत्त्वपूर्ण वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करता है।
