उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में मॉडल रॉकेट का परीक्षण
चर्चा में क्यों?
एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) ने IN-SPACe (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र) तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सहयोग से अक्तूबर 2025 में निर्धारित छात्र मॉडल रॉकेटरी प्रतियोगिता की तैयारी के तहत रॉकेट लॉन्च परीक्षणों का सफलतापूर्वक संचालन किया।
मुख्य बिंदु
- भारतीय अंतरिक्ष यात्री सोसाइटी (ASI):
- भारत में अंतरिक्ष यात्रियों के विकास को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1990 में ASI की स्थापना की गई थी।
- यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ (IAF), पेरिस में अपनी भूमिका के माध्यम से विकासशील देशों के हितों का सक्रिय रूप से समर्थन करता है, जहाँ यह एक मतदान सदस्य के रूप में कार्य करता है।
- छात्र मॉडल रॉकेटरी प्रतियोगिता:
- कुशीनगर में प्रस्तावित IN-SPACe कैनसैट (CANSAT) तथा मॉडल रॉकेटरी इंडिया छात्र प्रतियोगिता 2024-25, स्नातक छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगी। इसमें छात्र CANSAT तथा मॉडल रॉकेट के डिज़ाइन, निर्माण और प्रक्षेपण में भाग लेंगे।
- कैनसैट वे छोटे उपग्रह होते हैं, जो सॉफ्ट ड्रिंक के डिब्बे में समा जाते हैं। इन्हें साउंडिंग रॉकेट के माध्यम से कुछ सौ मीटर की ऊँचाई तक प्रक्षेपित किया जाता है और पैराशूट के सहारे नीचे उतारा जाता है।
- कुशीनगर में प्रस्तावित IN-SPACe कैनसैट (CANSAT) तथा मॉडल रॉकेटरी इंडिया छात्र प्रतियोगिता 2024-25, स्नातक छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगी। इसमें छात्र CANSAT तथा मॉडल रॉकेट के डिज़ाइन, निर्माण और प्रक्षेपण में भाग लेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe)
- परिचय:
- IN-SPACe एक एकल-द्वार, स्वतंत्र और नोडल एजेंसी है, जो अंतरिक्ष विभाग (DOS) के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था के रूप में कार्य करती है। इसका गठन वेर्ष 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद, निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्षम एवं सुविधाजनक बनाने के लिये किया गया था।
- प्रमुख कार्य:
- IN-SPACe गैर-सरकारी संस्थाओं (NGEs) की अंतरिक्ष गतिविधियों को प्रोत्साहित, अधिकृत और पर्यवेक्षण करता है। इसके अंतर्गत प्रक्षेपण वाहनों का निर्माण, अंतरिक्ष सेवाएँ प्रदान करना, ISRO के बुनियादी ढाँचे को साझा करना तथा नई अंतरिक्ष सुविधाओं की स्थापना शामिल है।
- IN-SPACe, ISRO और NGEs के बीच इंटरफेस के रूप में कार्य करता है, जिससे अंतरिक्ष अभियानों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सरल और प्रभावी बनाया जा सके।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
- परिचय:
- ISRO का मुख्यालय बंगलूरू, कर्नाटक में स्थित है। यह अंतरिक्ष विभाग के अधीन कार्य करता है और भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है, जो राष्ट्रीय तथा वैश्विक हितों के लिये अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- ISRO का विकास भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) से हुआ, जिसकी स्थापना वर्ष 1962 में डॉ. विक्रम साराभाई के दृष्टिकोण के तहत की गई थी।
- वर्ष 1969 में ISRO को औपचारिक रूप से स्थापित किया गया, जिसने INCOSPAR का स्थान लिया और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की भूमिका को सुदृढ़ किया।
- वर्ष 1972 में अंतरिक्ष विभाग की स्थापना हुई और ISRO को इसके प्रशासनिक नियंत्रण में लाया गया।
- मुख्य उद्देश्य:
- ISRO/अंतरिक्ष विभाग का लक्ष्य राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास एवं अनुप्रयोग करना है, जिनमें शामिल हैं:
- संचार और प्रसारण
- मौसम सेवाएँ
- संसाधन निगरानी और प्रबंधन
- नेविगेशन तथा पोजिशनिंग सिस्टम
- ISRO/अंतरिक्ष विभाग का लक्ष्य राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास एवं अनुप्रयोग करना है, जिनमें शामिल हैं:
- प्रमुख उपलब्धियाँ:
- ISRO ने भारत में टेलीविज़न, मौसम पूर्वानुमान तथा उपग्रह आधारित संसाधन मानचित्रण के लिये प्रमुख अंतरिक्ष प्रणालियाँ विकसित की हैं।
- इसने उपग्रहों को वांछित कक्षा में स्थापित करने हेतु ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) तथा भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) जैसे स्वदेशी प्रक्षेपण यान भी विकसित किये हैं।