उत्तर प्रदेश
सतत् विमानन ईंधन विनिर्माण नीति-2025
- 03 Jun 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि अपशिष्ट को जेट ईंधन में परिवर्तित करने हेतु सतत् विमानन ईंधन (SAF) विनिर्माण नीति-2025 की रूपरेखा प्रस्तुत की है।
- इस नीति की रूपरेखा पर विचार-विमर्श हेतु लखनऊ में Invest UP द्वारा एक उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
- SAF के बारे में:
- यह कृषि अपशिष्ट, नगर ठोस अपशिष्ट और वन अवशेषों जैसे नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित किया जाता है।
- यह पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 80% तक कम करने की क्षमता रखता है।
- SAF के उत्पादन के लिये गन्ने के शीरे जैसे स्वदेशी फीडस्टॉक और मेक इन इंडिया तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
- नीति के बारे में:
- नीति का लक्ष्य गन्ने की खोई, चावल की भूसी और गेहूँ के भूसे जैसे कृषि अपशिष्टों से सतत् विमानन ईंधन का उत्पादन करना है।
- साथ ही इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में जैव-जेट ईंधन विनिर्माण के लिये औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित करना है।
- इस पहल से लगभग 2.5 करोड़ किसानों को सीधे लाभ होगा, क्योंकि इससे उनकी फसल के अपशिष्ट के लिये नए बाज़ार उपलब्ध होंगे।
- नीति का महत्त्व:
- देश में अपनी तरह की पहली नीति: यह भारत के विमानन ईंधन मिश्रण में कृषि अपशिष्ट-आधारित जैव ईंधन को शामिल करने की दिशा में एक अग्रणी पहल है।
- जलवायु परिवर्तन शमन: यह पेरिस समझौते के तहत कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता घटाने तथा नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता का समर्थन करती है।
- कृषि अपशिष्ट प्रबंधन: यह पराली जलाने की प्रवृत्ति में कमी लाकर, जो उत्तरी भारत में वायु प्रदूषण और धुंध का एक प्रमुख कारण है, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पारिस्थितिकीय संतुलन में सुधार कर सकती है।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तीकरण: यह कृषि अवशेषों के लिये नए बाज़ार और मूल्य शृंखलाएँ निर्मित कर किसानों के लिये अतिरिक्त आय के स्रोत उत्पन्न करेगी।
- औद्योगिक वृद्धि: यह उत्तर प्रदेश की रणनीतिक लॉजिस्टिक और कृषि-औद्योगिक क्षमता का उपयोग कर SAF निर्माण इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा देगी।
- संबंधित चुनौतियाँ:
- तकनीकी व्यवहार्यता: विभिन्न कृषि अपशिष्टों को प्रभावी ढंग से विमान ईंधन में परिवर्तित करने के लिये विश्वसनीय और व्यापक प्रक्रियाओं का विकास एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
- मूल्य प्रतिस्पर्द्धा: SAF का उत्पादन ऐसी लागत पर किया जाना आवश्यक है, जो पारंपरिक जेट ईंधन के समान हो, ताकि भारी सब्सिडी के बिना इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।
- अवसंरचना विकास: बिखरे हुए फसल अवशेषों का प्रभावी संग्रहण, परिवहन और भंडारण सुनिश्चित करने के लिये प्रभावी लॉजिस्टिक्स की आवश्यकता है ताकि निरंतर आपूर्ति बनी रहे।
- नीति समन्वय: बायोफ्यूल और विमानन से जुड़ी राज्य और केंद्र की नीतियों को संगत बनाना जरूरी है ताकि अनुमोदन और प्रोत्साहनों की प्रक्रिया सुचारू हो सके।