प्रारंभिक परीक्षा
PSLV-C61/EOS-09 मिशन
- 19 May 2025
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स्रोत: द हिंदू
इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-C61) मिशन में रॉकेट के तीसरे चरण में खराबी के कारण पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-09 (EOS-09) को उसकी निर्धारित सन-सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में स्थापित करने में विफलता हुई।
- यह इसरो का 101वाँ मिशन और PSLV का 63वाँ मिशन था। EOS-09 सैटेलाइट में सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) पेलोड था, जिसे सभी मौसमों में पृथ्वी की छवियाँ कैप्चर करने के लिये डिज़ाइन किया गया था।
नोट
- सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा (Sun-synchronous polar orbit) में उपग्रह प्रत्येक दिन एक ही स्थानीय सौर समय पर पृथ्वी के एक ही स्थान से गुजरता है तथा सूर्य के सापेक्ष एक समान स्थिति बनाए रखता है।
PSLV क्या है?
- परिचय: ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) इसरो द्वारा विकसित एक अत्यधिक विश्वसनीय एवं लागत प्रभावी प्रक्षेपण यान है।
- इसका उपयोग उपग्रहों को विभिन्न कक्षाओं में ले जाने के लिये किया जाता है, जिनमें सूर्य-तुल्यकालिक, भू-स्थिर और नेविगेशन कक्षाएँ शामिल हैं।
- कार्य: यह शक्तिशाली प्रणोदन प्रणालियों के माध्यम से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण को पार करते हुए उपग्रहों (पेलोड) को अंतरिक्ष में ले जाने में सक्षम है।
- संरचना: PSLV में 4 चरण होते हैं:
- PS1: 6 स्ट्रैप-ऑन बूस्टर के साथ ठोस रॉकेट मोटर।
- PS2: तरल इंजन (विकास इंजन)।
- PS3: उच्च प्रणोदन हेतु ठोस रॉकेट मोटर।
- PS4: अंतिम रूप से कक्षा में प्रवेश हेतु दो तरल-ईंधन इंजन।
- प्रकार: PSLV-XL (विस्तारित स्ट्रैप-ऑन के साथ), PSLV-DL, PSLV-QL आदि का चयन पेलोड भार और लक्षित कक्षा के आधार पर किया जाता है।
- महत्त्व: अपनी बहुमुखी प्रतिभा और उच्च सफलता दर के कारण इसे इसरो के "कार्यकर्त्ता" के रूप में जाना जाता है।
- चंद्रयान-1 (वर्ष 2008) और मार्स ऑर्बिटर मिशन (वर्ष 2013) जैसे प्रमुख मिशनों में इसका उपयोग किया गया।
- एक ही मिशन (PSLV-C37, 2017) में 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित करके वैश्विक मान्यता प्राप्त की।
- इससे पहले की विफलताएँ: PSLV अपने पूर्व में दो बार विफल हो चुका है। पहली विफलता वर्ष 1993 में (PSLV-D1) सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याओं के कारण हुई थी , जिसके कारण IRS-1E उपग्रह समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
- दूसरी घटना वर्ष 2017 में (PSLV-C39) हुई, जब ताप-शील्ड पृथक्करण विफलता के कारण IRNSS-1H उपग्रह फँस गया, जिससे इसकी कक्षा में स्थापना नहीं हो सकी।
पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-09 (EOS-09) क्या है?
- परिचय: EOS-09, जिसे RISAT-1B भी कहा जाता है, एक उन्नत भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह है जो C-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) से सुसज्जित है, जो सभी मौसमों में, दिन और रात में पृथ्वी की इमेजिंग करने में सक्षम है।
- इसे भूमि उपयोग मानचित्रण, जल विज्ञान, आपदा प्रबंधन, कृषि, वानिकी और तटीय सुरक्षा सहित विविध अनुप्रयोगों के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- सभी मौसमों में क्षमता: SAR बादलों, वर्षा, कोहरे और अंधेरे को भेद सकता है, जिससे निरंतर निगरानी सुनिश्चित होती है।
- उच्च रिज़ॉल्यूशन: 1 मीटर तक रिज़ॉल्यूशन और विस्तृत क्षेत्र कवरेज (10 से 225 किमी) प्रदान करता है।
- मल्टीपल इमेजिंग मोड: विभिन्न उपयोगों के लिये हाई-रेज़ोल्यूशन स्पॉटलाइट और मीडियम रेज़ोल्यूशन स्कैन SAR जैसे पाँच मोड का समर्थन करता है।
- दोहरा उपयोग: यह नागरिक अनुप्रयोगों और रक्षा निगरानी, जिसमें सैन्य गतिविधि एवं समुद्री सुरक्षा की निगरानी भी शामिल है, दोनों का समर्थन करता है।
- कक्षा: निरंतर दैनिक कवरेज हेतु सूर्य-तुल्यकाली ध्रुवीय कक्षा के लिये अभिप्रेत।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |