उत्तर प्रदेश
बचपन डे केयर सेंटर
- 03 Jun 2025
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार विशेष आवश्यकता वाले बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों हेतु अपनी पहल का विस्तार करने के लिये 26 और ज़िलों में बचपन डे केयर सेंटर खोलने जा रही है, साथ ही पहुँच, शिक्षा, पुनर्वास और प्रशिक्षण में सुधार के लिये नई योजनाएँ शुरू करेगी।
मुख्य बिंदु
- बचपन डे केयर सेंटर के बारे में:
- ये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित विशेष सुविधाएँ हैं, जो विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को प्रारंभिक हस्तक्षेप, देखभाल, शिक्षा और सामाजिक प्रशिक्षण प्रदान करती हैं।
- इन केंद्रों का उद्देश्य प्रारंभिक आयु से ही सहायक और समावेशी वातावरण देकर दिव्यांग बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
- वर्तमान में ये केंद्र 25 ज़िलों में संचालित हो रहे हैं, जिनमें सभी संभागीय मुख्यालय तथा सात आकांक्षी ज़िले (चित्रकूट, फतेहपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और चंदौली) शामिल हैं।
- सुलभता एवं अवसंरचना सुधार:
- यह सुनिश्चित करने के लिये एक नई योजना प्रस्तावित की गई है कि सभी स्टेडियम और खेल परिसर दिव्यांग व्यक्तियों के लिये पूरी तरह से सुलभ हों।
- इसके अतिरिक्त, दिव्यांग व्यक्तियों के लिये पहुँच और सुविधा बढ़ाने, सार्वजनिक स्थानों में समावेशिता और समान भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये राज्य में अवसंरचना सुधार को उन्नत किया जाएगा।
- इस कदम का उद्देश्य न केवल खेलों में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है, बल्कि 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को भी मज़बूत करना है।
- यह सुनिश्चित करने के लिये एक नई योजना प्रस्तावित की गई है कि सभी स्टेडियम और खेल परिसर दिव्यांग व्यक्तियों के लिये पूरी तरह से सुलभ हों।
- विशेष शिक्षा में डिजिटल रूपांतरण:
- विशेष विद्यालयों के लिये ई-लर्निंग प्रबंधन प्रणाली पोर्टल की शुरुआत की जा रही है।
यह पोर्टल—- शैक्षणिक गतिविधियों और विद्यार्थियों की प्रतिभाओं की रीयल-टाइम निगरानी को सक्षम बनाएगा,
- शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा और
- विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करेगा।
- विशेष विद्यालयों के लिये ई-लर्निंग प्रबंधन प्रणाली पोर्टल की शुरुआत की जा रही है।
- बौद्धिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिये पुनर्वास और सहायता:
- प्रत्येक ज़िले में आश्रयगृह-सह-प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की योजना बनाई गई है।
- ये केंद्र सुरक्षित वातावरण और कौशल-आधारित प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
- ये स्वतंत्र जीवन को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार और निजी संस्थाओं द्वारा समर्थित हैं।
- विशेष शिक्षकों के लिये प्रशिक्षण और सहायता:
- सेवारत विशेष शिक्षकों के लिये रिफ्रेशर कोर्स एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत की जा रही है, जिनका उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक शैक्षणिक विधियों से अद्यतन रखना है।
- जिससे वे दिव्यांग विद्यार्थियों की बदलती आवश्यकताओं का बेहतर ढंग से समाधान कर सकें।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों से संबंधित योजनाएँ
- दिव्यांग पेंशन योजना: राज्य सरकार की पेंशन योजना 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के दिव्यांग व्यक्तियों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे उनकी आजीविका और जीवन स्तर में सुधार होता है। बेहतर सहायता प्रदान करने के लिये पेंशन राशि में समय-समय पर वृद्धि की जाती है।
- दीन दयाल विकलांग पुनर्वास योजना (DDRS): यह योजना वर्ष 1999 में शुरू की गई थी और वर्ष 2003 में इसे संशोधित कर इसका नाम परिवर्तित किया गया। इसे पहले "दिव्यांगजनों के लिये स्वैच्छिक प्रयासों को प्रोत्साहन देने की योजना" के रूप में जाना जाता था।
- DDRS एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो दिव्यांगजनों की शिक्षा और पुनर्वास हेतु कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।