बिहार
बिहार में डेयरी और दूध पाउडर संयंत्र की स्थापना
- 31 Jul 2025
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चर्चा में क्यों?
डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने और किसानों की आजीविका में सुधार लाने के लिये, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में तीन नए डेयरी संयंत्रों तथा दो दूध पाउडर विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- नए डेयरी संयंत्र और दूध पाउडर इकाइयाँ
- 5 लाख लीटर प्रतिदिन की संयुक्त क्षमता वाले तीन डेयरी संयंत्र दरभंगा, वज़ीरगंज (गया) और गोपालगंज में स्थापित किये जाएंगे।
- प्रतिदिन 30 मीट्रिक टन की क्षमता वाले दो दूध पाउडर विनिर्माण संयंत्र डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास) और सीतामढ़ी में स्थापित किये जाएंगे।
- इन संयंत्रों का उद्देश्य दुग्ध उत्पादों की बढ़ती माँग को पूरा करना तथा स्थानीय क्षेत्रों में रोज़गार उपलब्ध कराना है।
- कृषि विकास में डेयरी उद्योग की भूमिका
- राज्य सरकार ने राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में प्रमुख योगदानकर्त्ता के रूप में डेयरी के महत्त्व और दुधारू पशुओं की उन्नत नस्लों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
- नई डेयरी इकाइयाँ सहकारी विस्तार में भी मदद करेंगी और दूध की गुणवत्ता में सुधार करेंगी।
- परियोजना का वित्तपोषण
- संयंत्रों का वित्तपोषण भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) और बिहार राज्य दुग्ध सहकारी संघ (COMFED) के माध्यम से किया जाएगा।
बिहार की GDP में क्षेत्रीय योगदान
- नीति आयोग के अनुसार, बिहार की वास्तविक सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वर्ष 2012-13 और 2021-22 के बीच 5.0% की औसत दर से बढ़ी है, जो इसी अवधि के दौरान राष्ट्रीय औसत विकास दर 5.6% से कम है।
- विगत तीन दशकों में, राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में बिहार की हिस्सेदारी 1990-91 में 3.6% से घटकर 2021-22 में 2.8% हो गई है।
- वर्ष 2021-22 में इसकी नाममात्र प्रति व्यक्ति आय, राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय का केवल 30% थी।
- GSVA में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी सबसे अधिक (57.1%) है, उसके बाद कृषि (24.3%) और उद्योग (17.2%) का स्थान है।
- वित्त वर्ष 2021-22 में कुल GSVA (नाममात्र) में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 24.9% थी।
- वर्ष 2013-14 और 2022-23 के बीच राज्य के सेवा क्षेत्र, उद्योग तथा कृषि में क्रमशः 6.4%, 8.6% एवं 2.6% की वृद्धि हुई।