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डेली न्यूज़

कृषि

भारत का डेयरी और पशुधन क्षेत्र

  • 11 Feb 2022
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय गोकुल मिशन, डेयरी विकास के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम।

मेन्स के लिये:

भारतीय अर्थव्यवस्था में डेयरी और पशुधन क्षेत्र की भूमिका एवं संबंधित मुद्दे तथा इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये की गई पहल।

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय बजट 2022-23 में डेयरी और पशुधन क्षेत्र को वर्तमान कोविड-19 महामारी के बीच विभिन्न उपायों के माध्यम से प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया है।

डेयरी और पशुधन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति:

  • डेयरी भारत में सबसे बड़ी कृषि जिंस है। यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान देता है और 80 मिलियन डेयरी किसानों को प्रत्यक्ष रोज़गार प्रदान करता है।
  • आर्थिक गतिविधियों में सुधार, दुग्ध और दुग्ध उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि, आहार संबंधी प्राथमिकताओं में बदलाव तथा भारत में बढ़ते शहरीकरण ने डेयरी उद्योग को वर्ष 2021-22 में 9-11% की वृद्धि के लिये प्रेरित किया है।
  • वर्ष 2020 को समाप्त हुए पिछले पाँच वर्षों में पशुधन क्षेत्र 8.15% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) देखी गई है।
  • तरल दूध उद्योग जो डेयरी उद्योग के आधे से अधिक के लिये ज़िम्मेदार है, में वृद्धि के स्थिर (6-7%) रहने की संभावना है।
  • संगठित डेयरी खंड, जिसका उद्योग (मूल्य के आधार पर) में 26-30% हिस्सा है, में असंगठित क्षेत्र की तुलना में तेज़ी से विकास देखा गया है।

डेयरी और पशुधन क्षेत्र के लिये बजट 2022-23 में की गईं पहल:

  • ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत अवसंरचना विकास:
    • नए बजट में उत्तर भारत के सीमावर्ती गाँवों को 'न्यू वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' के तहत शामिल किया गया है, जहाँ कम आबादी और सीमित संपर्क सुविधाएँ हैं।
      • लगभग 95% पशुधन किसान ग्रामीण भारत में केंद्रित हैं। इसलिये वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत बुनियादी ढाँचे का विकास इन पशुपालकों के लिये बाज़ार तक पहुँच को सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
      • बजट में घोषित न्यू वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्देश्य मुख्य रूप से चीन की सीमा के साथ दूरदराज़ के इलाकों में सामाजिक और वित्तीय बुनियादी ढाँचे में सुधार करना है और यह मौजूदा सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम का एक उन्नत संस्करण होगा।
  • वैकल्पिक न्यूनतम कर को कम करना:
    • सहकारी समितियों और कंपनियों के बीच एक समान अवसर प्रदान करने हेतु वैकल्पिक न्यूनतम कर को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
    • सरकार ने 1 करोड़ रुपए से अधिक और 10 करोड़ रुपए तक की कुल आय वाले सहकारी समितियों पर अधिभार को वर्तमान में 12% से घटाकर 7% करने का भी प्रस्ताव किया है।
      • इससे सहकारी समितियों और इसके सदस्यों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी जो ज़्यादातर ग्रामीण और कृषक समुदायों से हैं।
  • केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं हेतु बढ़ा हुआ आवंटन:
    • वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के लिये आवंटन में 20% की वृद्धि की गई है।
    • इससे देशी मवेशियों की उत्पादकता बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन में मदद मिलने की उम्मीद है।
      • वर्ष 2022-23 के लिये पशुधन क्षेत्र हेतु आवंटन में 40% से अधिक और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं हेतु आवंटन में 48% से अधिक की वृद्धि पशुधन एवं डेयरी किसानों के विकास के लिये सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  • पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण के लिये आवंटन में वृद्धि:
    • पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022-23 के लिये पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण हेतु आवंटन में लगभग 60% की वृद्धि से स्वस्थ पशुधन सुनिश्चित होगा।
  • डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहन:
    • डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल भुगतान और फिनटेक नवाचारों को प्रोत्साहित कर दूध खरीद के दौरान भुगतान को सुव्यवस्थित करके अधिक पारदर्शिता के माध्यम से पशुधन क्षेत्र में एक सकारात्मक रुझान देखने को मिलेगा।
    • मंत्रालयों द्वारा खरीद के लिये पूरी तरह से पेपरलेस, ई-बिल प्रणाली शुरू की जाएगी।

मौजूदा मुद्दे:

  • डेयरी एनालॉग्स (Dairy Analogues), प्लांट-आधारित उत्पाद और मिलावट डेयरी उद्योग के लिये एक बड़ी चुनौती और खतरा है। 
  • चारे संबंधी संसाधनों की कमी और पशु रोगों का अप्रभावी नियंत्रण।
  • देशी नस्लों के लिये क्षेत्रोन्मुखी संरक्षण रणनीति का अभाव।
  • उत्पादकता में सुधार हेतु किसानों के लिये कौशल और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की कमी तथा इस क्षेत्र को समर्थन देने हेतु अनुचित बुनियादी ढाँचा।

डेयरी और पशुधन क्षेत्र से संबंधित योजनाएंँ:

आगे की राह

पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और प्रजनन सुविधाओं एवं डेयरी पशुओं के प्रबंधन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इससे दूध उत्पादन की लागत कम हो सकती है।

पशुपालन और डेयरी विभाग तथा नए सहकारिता मंत्रालय द्वारा स्वच्छ दूध उत्पादन व विभिन्न योजनाओं पर जागरूकता प्रदान करने से भविष्य में डेयरी किसानों के विकास में मदद करेगी।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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