मध्य प्रदेश
जल गंगा संवर्द्धन अभियान
- 17 Jun 2025
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चर्चा में क्यों?
30 मार्च 2025 को शुरू किये गए मध्य प्रदेश सरकार के जल गंगा संवर्द्धन अभियान से खंडवा ज़िले में नर्मदा की सहायक नदी घोड़ा पछाड़ का सफल पुनरुद्धार हुआ है।
मुख्य बिंदु
- जल गंगा संवर्द्धन अभियान की प्रमुख उपलब्धियाँ:
- 'रिज टू वैली' दृष्टिकोण का उपयोग करके जल संचयन:
- प्रशासन द्वारा 33 किमी लंबे क्षेत्र में जल संरक्षण संरचनाएँ बनाने के लिये 'रिज टू वैली' मॉडल को अपनाया गया।
- इस पद्धति का उद्देश्य पर्वतीय शिखरों (रिज) पर जल की प्रत्येक बूँद को संजोना तथा भूमि पर प्रवाहित जल की मात्रा और गति को धीमा करना है।
- इसका परिणाम यह हुआ कि घोड़ा पछाड़ नदी पुनः बहने लगी है, जिससे इस क्षेत्र की नदियों में वर्ष भर जल प्रवाह होने की उम्मीद है।
- नदी प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु प्रयास:
- मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नर्मदा, चंबल, शिप्रा, बेतवा, सोन, टोंस, ताप्ती, माही, सिंध और बेनगंगा सहित प्रमुख नदियों का सर्वेक्षण किया।
- इस सर्वेक्षण में यह पाया गया कि प्रतिदिन लगभग 450 मिलियन लीटर घरेलू अपशिष्ट जल नदियों में प्रवाहित किया जा रहा है, जो एक गंभीर पारिस्थितिकी संकट उत्पन्न कर रहा है।
- इस समस्या के समाधान हेतु नगर विकास विभाग द्वारा 869 मिलियन लीटर प्रतिदिन की कुल उपचार क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) की स्थापना की जा रही है।
- यह पहल राज्य की नदियों की जल गुणवत्ता को बेहतर बनाएगी तथा स्वच्छ व सतत् जल संसाधनों को बढ़ावा देगी।
- आर्द्रभूमि संरक्षण और रामसर मान्यता:
- मध्य प्रदेश ने वर्ष 2002 में केवल एक रामसर स्थल से बढ़ाकर वर्ष 2025 तक यह संख्या पाँच कर दी है।
- इनमें संख्या सागर, सिरपुर वेटलैंड, यशवंत सागर, तवा जलाशय तथा भोज वेटलैंड शामिल हैं।
- इंदौर भारत का पहला वेटलैंड सिटी बनकर शहरी जल प्रबंधन में एक मानक स्थापित कर चुका है।
- इसके अतिरिक्त, इंदौर में 330 से अधिक पारंपरिक कुओं और बावड़ियों का संरक्षण किया गया है, जिससे इस क्षेत्र की ऐतिहासिक जल संस्कृति के पुनरुत्थान में योगदान मिला है।
- नर्मदा नदी:
- नर्मदा नदी मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से होकर पश्चिम की ओर बहती है तथा लगभग 98,796 वर्ग किमी. के बेसिन क्षेत्र को कवर करती है।
- यह नदी लगभग 1,300 किमी. तक फैली हुई है और इसे 41 सहायक नदियाँ जल उपलब्ध कराती हैं।
- यह नदी छत्तीसगढ़ सीमा के पास पूर्वी मध्य प्रदेश में मैकाल पर्वतमाला से निकलती है।
- एक प्राचीन यूनानी भूगोलवेत्ता ने नर्मदा को नामदे नाम से संदर्भित किया है, जो अरब सागर और गंगा बेसिन को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग के रूप में इसके ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाता है।
- इसमें अनेक झरने हैं, जिनमें जबलपुर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित प्रमुख धुआँधार जलप्रपात भी शामिल है।
- मध्य प्रदेश के अमरकंटक में नर्मदा कुंड है, जिसे नदी का पवित्र उद्गम माना जाता है।
- जल संसाधन विकास:
- नर्मदा नदी जलविद्युत उत्पादन और सिंचाई के लिये एक महत्त्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करती है।
- इस नदी पर प्रमुख बाँधों में सरदार सरोवर बाँध (गुजरात), इंदिरा सागर बाँध (पुनासा, म.प्र.), ओंकारेश्वर बाँध, बरगी बाँध तथा महेश्वर बाँध शामिल हैं।
- नर्मदा बचाओ आंदोलन:
- मेधा पाटकर और बाबा आमटे जैसे कार्यकर्त्ताओं के नेतृत्व में नर्मदा बचाओ आंदोलन (NBA) ने बाँध परियोजनाओं के कारण होने वाले विस्थापन का विरोध किया।
- उनके योगदान के कारण सर्वोच्च न्यायालय और विश्व बैंक ने इस परियोजना पर अस्थायी रोक लगा दी तथा वर्ष 1993 में विश्व बैंक ने इस परियोजना से अपने को अलग कर लिया।
- वर्ष 2000 में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रभावित समुदायों के पुनर्वास की शर्त पर चरणबद्ध बाँध निर्माण की अनुमति दी थी।
- निर्माण पूरा होने के बावजूद, NBA जलाशयों के बढ़ते स्तर और विस्थापित आबादी के लिये खतरे पर चिंता जताता रहा है।