प्रारंभिक परीक्षा
ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना
- 13 May 2025
- 6 min read
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र ने मध्य प्रदेश में ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना को संयुक्त रूप से कार्यान्वित करने के लिये एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं। यह विश्व की सबसे बड़ी भूजल पुनर्भरण (Groundwater Recharge) योजना है, जिसका उद्देश्य दोनों राज्यों में सिंचाई हेतु नदी जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित करना है।
ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना क्या है?
- परिचय: यह एक संयुक्त अंतर-राज्यीय भूजल पुनर्भरण पहल है, जिसके अंतर्गत मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र संयुक्त रूप से मुलताई, मध्य प्रदेश से निकलने वाली ताप्ती नदी की तीन उपधाराओं का विकास किया जाएगा।
- यह केन-बेतवा लिंक परियोजना (मप्र और उत्तर प्रदेश) और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना (मप्र और राजस्थान) के बाद मध्य प्रदेश से जुड़ी तीसरी प्रमुख अंतर-राज्यीय नदी परियोजना है।
- प्रमुख विशेषताऐं:
- जल आवंटन: इस परियोजना के अंतर्गत ताप्ती नदी से पूर्वोत्तर महाराष्ट्र में पेयजल आपूर्ति तथा दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश में सिंचाई सहायता हेतु जल स्थानांतरित कर आपूर्ति की जाएगी।
- उपयोग हेतु कुल जल 31.13 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसी) है, जिसमें से 11.76 टीएमसी मध्य प्रदेश को और 19.36 टीएमसी महाराष्ट्र के लिये आवंटित है।
- इस परियोजना में मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर एक डायवर्जन वियर का निर्माण तथा दोनों राज्यों में दाएँ और बाएँ किनारे की नहरों का विकास शामिल है।
- इस परियोजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश की 3,362 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा, जिसके लिये किसी विस्थापन या पुनर्वास की आवश्यकता नहीं होगी।
- लाभार्थी ज़िले: यह परियोजना मध्य प्रदेश के बुरहानपुर और खंडवा तथा महाराष्ट्र के अकोला, अमरावती और बुलढाणा ज़िलों को कवर करती है, जो पारंपरिक रूप से भूजल संकट और अनियमित वर्षा की समस्या से ग्रसित रहे हैं।
- जल आवंटन: इस परियोजना के अंतर्गत ताप्ती नदी से पूर्वोत्तर महाराष्ट्र में पेयजल आपूर्ति तथा दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश में सिंचाई सहायता हेतु जल स्थानांतरित कर आपूर्ति की जाएगी।
ताप्ती नदी से संबंधित मुख्य तथ्य
- अवस्थिति: ताप्ती नदी, नर्मदा के बाद भारत की दूसरी सबसे लंबी पश्चिम की ओर बहने वाली नदी है, जो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से होकर बहती है।
- यह भारत की 3 प्रमुख नदियों में से एक है जो नर्मदा और माही के साथ पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है।
- यह गुजरात में खंभात की खाड़ी में अरब सागर में मिलती है।
- बेसिन क्षेत्र और भूभाग: तापी बेसिन, सतपुड़ा रेंज (उत्तर), महादेव पहाड़ियों (पूर्व), अजंता और सतमाला पहाड़ियों (दक्षिण) और अरब सागर (पश्चिम) से घिरा हुआ है।
- यह सतपुड़ा रेंज और महादेव पहाड़ियों के बीच बहती है, उत्तर में नर्मदा नदी के समानांतर प्रवाहित होती है, जो सतपुड़ा रेंज के मुख्य भाग से अलग होती है।
- सहायक नदियाँ: ताप्ती की 14 प्रमुख सहायक नदियाँ हैं: 4 दाहिने किनारे (वाकी, आनेर, अरुणावती, गोमई) और 10 बाएँ किनारे (नेसू, अमरावती, बुराय, पंजहारा, बोरी, गिरना, वाघुर, पूर्णा, मोना, सिपना)।
- पूर्णा नदी बाएँ किनारे की मुख्य सहायक नदी है, जो बारहमासी प्रवाह प्रदान करती है।
- बाँध और परियोजनाएँ: उकाई बाँध (गुजरात), हथनूर बाँध (महाराष्ट्र)
नदियों को जोड़ने हेतु राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan: NPP) क्या है?
और पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: नदियों को जोड़ने के लिये राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी)
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. नर्मदा नदी पश्चिम की ओर बहती है, जबकि अधिकांश अन्य बड़ी प्रायद्वीपीय नदियाँ पूर्व की ओर बहती हैं, क्यों ? (2013)
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. नदियों को आपस में जोड़ना सूखा, बाढ़ और बाधित जल-परिवहन जैसी बहु-आयामी अंतर्संबंधित समस्याओं का व्यवहार्य समाधान दे सकता है। आलोचनात्मक परिक्षण कीजिये। (250 शब्द) (2020) |