इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

भोपाल के वैज्ञानिक ने देश का पहला प्लास्टिक फ्री सैनिटरी नैपकिन बनाया

  • 11 Oct 2021
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, भोपाल के वैज्ञानिक एवं पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. योगेंद्र कुमार सक्सेना ने देश का पहला सिंगल यूज़ प्लास्टिक फ्री सैनिटरी नैपकिन तैयार किया है।

प्रमुख बिंदु

  • यह नैपकिन बायोडिग्रेडेबल स्टार्च शीट, नॉनवोवेव कपड़ा, वूड पल्प शीट, सेप शीट और बैक साइड रिलीज पेपर टेप की सहायता से तैयार किया गया है। राग इनोवेशन पैड फैक्ट्री मैनपुरा ज़िला भिंड के विराग बोहरे ने इस इनोवेशन में उनकी मदद की। 
  • इस सेनिटरी नैपकिन को उपयोग के बाद बायो मेडिकल वेस्ट की ही तरह इंसीनरेटर में नष्ट करना होगा। इसे खुले में फेंकने, दफन करने या जला देने पर यह पर्यावरण के लिये वैसा नुकसानदायक नहीं होगा, जैसा मौजूदा नैपकिन होते हैं। दूसरे कई सेनिटरी नैपकिन में 90% सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग होता है। 
  • उल्लेखनीय है कि देश में 70% शहरी और 48% ग्रामीण महिलाएँ सेनिटरी नैपकिन का उपयोग करती हैं। इसमें से 24 प्रतिशत नैपकिन ही वैज्ञानिक रूप से निष्पादन के लिये इंसीनरेटर में जाते हैं, शेष 76 प्रतिशत में से 28 प्रतिशत सामान्य कचरे में पहुँच जाते हैं, 33 प्रतिशत ज़मीन में दफन कर दिये जाते हैं और 15% को खुले में जला दिया जाता है। 
  • एक नैपकिन को नष्ट होने में 500-800 साल लगते हैं। देश में कुछ लोगों ने बायोडिग्रेडेबल सेनिटरी नैपकिन बनाए हैं, लेकिन उनमें भी 20-25% प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि डॉ. सक्सेना पहले भी गोकाष्ठ, गोबर के दीये और पीओपी की प्रतिमाओं को अमोनियम बाई कार्बोनेट में विसर्जन कर खाद बनाने जैसे नवाचार कर चुके हैं।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2