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झारखंड

झारखंड में सिकल सेल रोग पर नियंत्रण

  • 26 Jun 2025
  • 12 min read

चर्चा में क्यों?

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस (19 जून) पर सिकल सेल रोग के उन्मूलन के लिये झारखंड की प्रतिबद्धता दोहराई और उपचार तथा जागरूकता हेतु व्यापक दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया।

मुख्य बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने सिकल सेल रोग के उन्मूलन के लिये जागरूकता बढ़ाना तथा शीघ्र निदान और उपचार सुनिश्चित करने के लिये स्क्रीनिंग बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
  • उन्होंने इस बीमारी से निपटने के लिये सरकारी निकायों, स्वास्थ्य पेशेवरों और यूनिसेफ जैसे संगठनों से सामूहिक प्रयास करने का आग्रह किया।
  • विश्व सिकल सेल रोग दिवस: यह प्रत्येक वर्ष 19 जून को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर 2008 को एक प्रस्ताव पारित कर सिकल सेल रोग को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में मान्यता दी।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी एस.सी.डी. को प्रथम आनुवंशिक रोगों में से एक माना है।

सिकल सेल रोग (SCD) 

  • परिचय:
    • SCD एक आनुवंशिक विकार है, जिसमें असामान्य हीमोग्लोबिन के कारण लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC) कठोर और हंसुली (sickle) के आकार की हो जाती हैं, जिससे ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है।
  • लक्षण:
    • क्रोनिक एनीमिया – थकान और कमज़ोरी का कारण बनता है। 
    • दर्दनाक प्रकरण – अचानक और तीव्र दर्द, जिसे सिकल सेल संकट कहा जाता है।
    • विकास और यौवन में विलंब।
  • उपचार:

    • रक्त आधान: एनीमिया से राहत और दर्द की समस्या को कम करता है। 
    • हाइड्रोक्सीयूरिया (Hydroxyurea): दर्दनाक घटनाओं और जटिलताओं को कम करता है। 
    • अस्थि मज्जा/स्टेम कोशिका प्रत्यारोपण : संभावित उपचार।

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