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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    "एफ.डी.आई. भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, साथ ही वित्तीय स्थिरता, विकास और संवृद्धि की एक निश्चित अवस्था प्राप्त करने में भी मदद करता है।" इस वक्तव्य के संदर्भ में विभिन्न सरकारी पहलों की चर्चा कीजिये।

    21 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से उत्पन्न प्रमुख लाभ और लाभान्वित हुए प्रमुख क्षेत्रों की चर्चा।
    • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों की चर्चा करें।
    • निष्कर्ष।

    भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बढ़ने से भारत के आर्थिक विकास को बल मिला है। इस संदर्भ में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

    • पूंजी प्रवाह में वृद्धि
    • बेहतर प्रौद्योगिकी
    • प्रबंधन विशेषज्ञता
    • अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुँच

    प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से लाभान्वित हुए प्रमुख क्षेत्र हैं:

    • वित्तीय क्षेत्र (बैंकिंग और गैर बैंकिंग)
    • बीमा
    • दूरसंचार
    • आतिथ्य और पर्यटन
    • फार्मास्यूटिकल्स
    • सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी इत्यादि।

    सरकार की पहलः

    सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को देश में लाने की काफी सुलभ व्यवस्था की है जिसके अंतर्गत ऑटोमेटिक मार्ग से अधिकतर क्षेत्रों/गतिविधियों में शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है। 

    आर्थिक वृद्धि और विकास के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के महत्त्व को देखते हुए सरकार ने रक्षा तथा रेलवे क्षेत्र में प्रमुख प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सुधारों की घोषणा की। रेल क्षेत्र में ऑटोमेटिक मार्ग से रेल अवसंरचनाओं के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सौ प्रतिशत किया गया और रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत की गई। 

    सरकार ने अवसंरचना निर्माण को बढ़ावा देने तथा नीति में व्यावहारिकता लाने के लिये निर्माण विकास के क्षेत्र में भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति की समीक्षा की और इसमें निकास के तौर-तरीकों को आसान बनाया गया। क्षेत्रीय प्रतिबंधों को तर्कसंगत बनाया गया और लोगों द्वारा वहन करने योग्य मकानों को बनाने पर बल दिया गया। 

    चिकित्सा उपकरण के क्षेत्र पर बल देने के लिये फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को ऑटोमेटिक मार्ग से 100 प्रतिशत कर दिया गया। 

    प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत  सरकार ने अनुसूचित (नियमित समय-सारिणी पर चलने वाली) हवाई परिवहन सेवाओं - नियमित समय सारिणी के अनुसार परिचालित यात्री-सेवा एयरलाइनों तथा क्षेत्रीय हवाई परिवहन सेवा में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है।

    पेंशन क्षेत्र में भी इसी सीमा तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश खोल दिया गया है। एनआरआई निवेश के संबंध में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को स्पष्ट किया गया है। इसके तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति के उद्देश्यों के लिये अपने देश न भेजे जाने के आधार पर एनआरआई निवेश को फेमा की अनुसूची 4 (भारत के बाहर के निवासी द्वारा सिक्योरिटी ट्रांसफर या जारी करना) के अंतर्गत नियम बनाकर एनआरआई निवेशकों के निवेश को भारत के निवासियों द्वारा किये जाने वाले निवेश के बराबर घरेलू निवेश के रूप में समझा जाएगा। 

    इस प्रकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति व्यवस्था में समय-समय पर परिवर्तन किये गए हैं ताकि भारत आकर्षक निवेश स्थल और निवेशक सहज बना रहे। इन कदमों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ने की आशा है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश घरेलू निवेश का पूरक है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से घरेलू कम्पनियों को लाभ होता है, कम्पनियां पूरक पूंजी प्राप्त कर सकती हैं, अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकती हैं, उन्हें विश्वस्तरीय प्रबंधकीय व्यवहारों से जुड़ने का मौका मिलता है और विश्व बाज़ार के साथ जुड़ने का अवसर भी प्राप्त होता है। इससे देश की घरेलू वृद्धि में तेज़ी आती है।

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