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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    तीव्र शहरीकरण अपने साथ प्रचुर मात्रा में चुनौतियाँ लाता है, ‘नया विकास एजेंडा’ इन चुनौतियों का किस प्रकार स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामना करता है?

    09 Apr, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा : 
    • प्रश्न तीव्र नगरीकरण तथा इसकी चुनौतियों से संबंधित है। 
    • न्यू डेवलपमेंट एजेंडा तथा इन चुनौतियों से निपटने में इसके निहितार्थ से संबंधित है। 
    • हल करने का दृष्टिकोण
    • सबसे पहले नगरीकरण को परिभाषित करें तथा इससे उत्पन्न चुनौतियों का उल्लेख करें, इसके बाद चुनौतियों से निपटने में ‘न्यू डेवलपमेंट एजेंडा’ के प्रभाव का परीक्षण करें। 

    शहरीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा नगरों का निर्माण होता है तथा इनके आकार में वृद्धि होती है और अधिक लोग केन्द्रीय क्षेत्रों में रहना तथा काम करना प्रारंभ कर देते हैं। तीव्र नगरीकरण ऐसा मामला है जिसमें लोग कृषिगत गाँवों को छोड़कर उद्योग तथा सेवाओं की बहुलता वाले नगरों में रहना प्रारंभ कर देते हैं। 

    शहरीकरण की विशेषताएँ:
    1- जनसंख्या विस्फोट                 2- जनसंख्या आवेग
    3- जनसंख्या विभेदन                 4- पर्यावरणीय दुर्दशा
    5- वैश्वीकरण                 6- प्रसार एवं विकेन्द्रीकरण 
    7- ग्रामीण-शहरी संबंधों में परिवर्तन         8- शासनहीनता

    इसके अलावा कुछ अन्य समस्याएँ भी हैं: शहर का फैलाव, अत्यधिक भीड़-भाड़, आवास की समस्या, बेरोज़गारी, झुग्गी तथा अनधिकृत वास परिवहन, मल-जल, कचरा निस्तारण, शहरी अपराधों तथा प्रदूषण जैसी समस्याएँ भी तीव्र शहरीकरण की वजह से आती हैं।

    न्यू डेवलपमेंट एजेंडा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा गरीबी हटाने के प्रयासों, असंपोषणीय उपभोग एवं उत्पादन के वैश्विक रुझान को पलटने तथा सतत् विकास लक्ष्यों के अंतर्गत अगले 15 वर्ष तक पर्यावरण की रक्षा एवं प्रबंधन और इसके 11वाँ लक्ष्य (शहरों को समावेशी, सुरक्षित, लचीला तथा धारणीय बनाना) नीति निर्माताओं द्वारा नगरों को नया स्वरूप देने में पथ-प्रदर्शक का कार्य करेगा। सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों ने मिश्रित परिणाम हासिल किये, कुछ क्षेत्रों में अधिक विकास देखने को मिला तो कुछ क्षेत्रों में विकास स्थिर रहा। साथ ही, वैश्विक जलवायु परिवर्तन तथा पर्यावरण की दुर्दशा के चिह्न अधिक परिलक्षित होने लगे और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह महसूस हुआ कि वैश्विक लक्ष्य तथा धारणीय विकास लक्ष्यों को फिर से तय करना होगा एवं पर्यावरण के उद्देश्यों को उच्च प्राथमिकता देनी होगी।

    न्यू डेवलपमेंट एजेंडा में शहरों को प्राथमिकता दी गई है, तथा बदलते जीवन स्तर के वैश्विक प्रणाली का सामना करने के लिये शहरों का धारणीय विकास तथा प्रभावी उपयोग करना होगा। विश्व के नेताओं द्वारा न्यू डेवलपमेंट एजेंडा अपनाया गया है, जिसमें धारणीय शहरी विकास के लिये वैश्विक मानक निर्धारित किये गए हैं तथा यह हमें न्यू डेवलपमेंट एजेंडा के तहत सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिये योजना बनाने तथा प्रबंधन करने में सहायता करेगा। न्यू डेवलपमेंट एजेंडा नगर निर्माण के लिये रोडमैप है जो कि पर्यावरण का संरक्षण करते हुए समृद्धि का इंजन तथा सांस्कृतिक एवं सामाजिक कल्याण के केन्द्र के रूप में बदला जा सकता है।

    न्यू अर्बन एजेंडा की विशेषताएँ:

    सभी नागरिकों को मूलभूत सेवा प्रदान करनाः आवास, सुरक्षित पेयजल तथा शौचालय, पोषक आहार, स्वास्थ्य सेवाएँ एवं परिवार नियोजन, शिक्षा, संस्कृति और संचार प्रौद्योगिकी तक पहुँच प्रदान करना।

    सभी नागरिकों के लिये समान अवसर तथा भेदभाव रहित वातावरण सुनिश्चित करनाः अपने शहर में उपलब्ध अवसरों से लाभ उठाने का अधिकार प्रत्येक नागरिक को है। न्यू अर्बन एजेंडा, शहर के अधिकारियों को महिलाओं, युवाओं तथा बच्चों, दिव्यांगजनों, हाशिये पर खड़े लोगों, बुजुर्गों और स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं का विशेष ख्याल रखे जाने का प्रावधान करती है। 

    स्वच्छ शहरों के लिये उपायों को प्रोत्साहन देनाः शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या को सुलझाना लोगों के स्वास्थ्य तथा पृथ्वी दोनों के लिये फायदेमंद है। इस एजेंडा में नेताओं ने नवीकरणीय ऊर्जा का अधिक प्रयोग कर बेहतर तथा पर्यावरण मित्र सार्वजनिक परिवहन सुविधा प्रदान करने तथा अपने प्राकृतिक संसाधनों का धारणीय रूप से प्रबंधन करने के लिये अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की गई है। 

    शहरों में आपदाओं के जोखिम एवं प्रभाव को कम करने के लिये लचीलेपन को सशक्त करनाः कई शहरों ने प्राकृतिक आपदाओं के बुरे प्रभावों का सामना किया है तथा नेता अब इन प्रभावों के शमन के उपायों को लागू करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। इनमें बेहतर शहरी योजना, गुणवत्तापूर्ण आधारभूत संरचना तथा स्थानीय प्रत्युत्तर में सुधार इत्यादि शामिल है। 

    हरितगृह गैसों के उत्सर्जन में कमी करके जलवायु परिवर्तन की समस्या के प्रति कार्रवाई करनाः नेतागण न केवल स्थानीय सरकार को बल्कि समाज के सभी हितधारकों को जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के लक्ष्यों की प्राप्ति में शामिल करना चाहते हैं, जो कि वैश्विक तापमान में वृद्धि को 2°C से कम रखना है। धारणीय शहर जो कि ऊर्जा से उत्सर्जन कम करते हैं तथा लचीलेपन का निर्माण करते हैं वे इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। 

    शरणार्थियों, प्रवासियों तथा आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों को उनके प्रवास की स्थिति की परवाह किये बिना पूरा सम्मान देनाः नेताओं ने यह माना कि प्रव्रजन चुनौतियाँ उत्पन्न करता है परंतु यह शहरी जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान करता है। इस कारण से उन्होंने प्रवासियों, शरणार्थियों तथा आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की मदद के उपाय सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्धता जाहिर की ताकि वे समाज में अपना सकारात्मक योगदान दे सकें। 

    संपर्क में सुधार तथा नवाचारी एवं हरित पहल को समर्थन प्रदान करनाः इसमें व्यवसाय तथा सिविल सोसाइटी के साथ भागीदारी करके शहरी चुनौतियों का धारणीय हल ढूँढना शामिल है। 

    सुरक्षित, सुलभ तथा हरित सार्वजनिक स्थलों को बढ़ावा देनाः परस्पर मानवीय क्रिया को शहरी योजना के द्वारा सुविधा दी जानी चाहिये, जैसे कि फुटपाथ, साइक्लिंग लेन, उद्यान, चौराहे एवं पार्क आदि। धारणीय शहरी बनावट शहर को रहने लायक तथा शहर की समृद्धि सुनिश्चित करता है। 

    अतः न्यू डेवलपमेंट एजेंडा के 11वें लक्ष्य के द्वारा तीव्र शहरीकरण की चुनौती से निपटने के लिये सभी नागरिकों को मूलभूत सुविधाएँ बिना किसी भेदभाव के प्रदान की जानी चाहियें, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिये तथा विभिन्न वर्ग के लोगों की आवश्यकताओं का विशेष ख्याल रखना चाहिये। आपदाओं के उचित प्रबंधन के द्वारा हम जन-धन की क्षति को कम कर सकते हैं। अल्प विकसित देशों की धन एवं प्रौद्योगिकी से सहायता करके तथा स्थानीय सामग्री की मदद से धारणीय तथा लचीले भवनों के निर्माण में मदद की जा सकती है। अतः न्यू डेवलपमेंट एजेंडा स्थानीय, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न संस्थानों के साथ सहयोग समन्वय तथा एकीकरण के द्वारा उन चुनौतियों का निराकरण करेगा।

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