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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रश्न. 'देखभाल अर्थव्यवस्था' और 'मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था' की अवधारणाओं की व्याख्या कीजिये। किस तरह से महिला सशक्तीकरण औपचारिक मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था के भीतर देखभाल अर्थव्यवस्था को शामिल करने में मदद कर सकता है? (150 शब्द)

    23 Apr, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • केयर इकोनॉमी अर्थात् देखभाल अर्थव्यवस्था और मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था को परिभाषित कीजिये तथा उनके महत्त्व पर प्रकाश डालिये।
    • चर्चा कीजिये कि महिला सशक्तीकरण देखभाल अर्थव्यवस्था को औपचारिक मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था में किस प्रकार एकीकृत कर सकता है।
    • आगे की उपयुक्त राह बताते हुए उचित निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    केयर इकोनॉमी अर्थात् देखभाल अर्थव्यवस्था में वैतनिक और अवैतनिक दोनों तरह के कार्य (वृद्ध जनों की देखभाल, घरेलू कामकाज़) शामिल हैं, जो बड़े पैमाने पर महिलाओं द्वारा किये जाते हैं, सामाजिक कल्याण के लिये महत्त्वपूर्ण हैं लेकिन प्रायः GDP गणना में अनदेखा कर दिये जाते हैं। इसके विपरीत, मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था आय-उत्पादक गतिविधियों को संदर्भित करती है, जैसे कि रोज़गार और व्यवसाय, जिन्हें GDP में शामिल किया जाता है। अपनी महत्ता के बावजूद, देखभाल अर्थव्यवस्था को पारंपरिक आर्थिक मापदंडों में अधिकांशतः मान्यता नहीं दी जाती है।

    मुख्य भाग:

    महिला सशक्तीकरण के माध्यम से 'केयर इकोनॉमी' का मुद्रीकरण:

    • अवैतनिक देखभाल कार्य को मान्यता देना: महिलाओं को सशक्त बनाना, देखभाल कार्य को मान्यता देने और उसे राष्ट्रीय आर्थिक नियोजन में एकीकृत करने की कुंजी है।
      • इसके मूल्य को पहचान देकर, न केवल लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया जा सकता है, बल्कि महत्त्वपूर्ण आर्थिक क्षमता का भी सदुपयोग किया जा सकता है, UN वीमेन का अनुमान है कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ावा मिल सकता है।
    • आर्थिक संसाधनों तक सुगम्यता: शिक्षा, वित्तीय संसाधनों तक अभिगम (MUDRA योजना) और कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने से अनौपचारिक देखभाल कार्य को मुद्रीकृत कार्यढाँचे में बदलने में सहायता मिल सकती है।
      • उदाहरण के लिये, महिलाएँ राज्य प्रायोजित योजनाओं या बीमा तंत्र के माध्यम से देखभाल संबंधी भूमिकाओं के लिये मुआवज़ा प्राप्त कर सकती हैं।
    • समावेशन के लिये नीतिगत उपाय: भुगतान मातृत्व अवकाश (मातृत्व लाभ अधिनियम, 2017 के तहत 26 सप्ताह) को औपचारिक रूप देने और बाल देखभाल सेवाओं जैसे नीतिगत उपाय देखभाल को अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण मानते हैं।
      • यद्यपि महिला आरक्षण अधिनियम पारित हो चुका है, परंतु इसके कार्यान्वयन की चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं, जिससे नीति निर्माण में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सीमित हो रहा है तथा देखभाल संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रयासों में बाधा आ रही है।
      • यदि अवैतनिक देखभाल का मूल्यांकन किया जाए तो यह सकल घरेलू उत्पाद में 40% तक का योगदान कर सकती है।
    • श्रम बाज़ार में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना: सशक्त महिलाओं के औपचारिक रोज़गार में शामिल होने की अधिक संभावना होती है, जिससे आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है।
      • उदाहरण के लिये, महिलाओं को कार्यबल में प्रवेश करने और उसमें बने रहने में सक्षम बनाने से उन बाधाओं को तोड़ने में सहायता मिलती है जो देखभाल कार्य की औपचारिक मान्यता को प्रतिबंधित करती हैं।
      • MGNREGA महिलाओं को वेतन सहित रोज़गार उपलब्ध कराता है, जिसमें 55% से अधिक महिलाएँ देखभाल संबंधी भूमिका में भाग लेती हैं।
    • समय की कमी को दूर करना: भारत में महिलाओं को प्रतिदिन अवैतनिक देखभाल कार्यों पर 5.6 घंटे व्यय करना पड़ता है, जबकि पुरुष 30 मिनट खर्च करते हैं, शहरी महिलाएँ 9.6 गुना अधिक समय व्यतीत करती हैं।
      • देखभाल संबंधी बुनियादी अवसंरचना में निवेश से समय की कमी को दूर किया जा सकता है और अधिक महिलाएँ औपचारिक श्रम बाज़ार में शामिल हो सकेंगी।
    • कौशल अंतराल को कम करना: भारत में लगभग 2 मिलियन आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, ANM और ASHA कार्यकर्त्ता हैं जो देखभाल अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
      • देखभाल कार्य को औपचारिक बनाने, नौकरी के अवसरों में सुधार लाने और कुशल कार्यबल का निर्माण करने के लिये PM-SYM जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल, पुनः कौशल और उन्नयन की आवश्यकता है।

    निष्कर्ष:

    जब लैंगिक समानता बढ़ती है, तो ‘देखभाल कार्य' और 'पारिश्रमिक आधारित कार्य' के बीच जो परंपरागत विभाजन रहा है, वह समाप्त हो जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देखभाल कार्य को महत्त्व दिया जाए और उसका मुआवज़ा दिया जाए, जिससे SDG5 (लैंगिक समानता) और SDG10 (असमानताएँ कम करना) को बढ़ावा मिलता है।

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