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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    आधुनिकीकरण का मतलब ऐसी प्रक्रिया से है जिसमें धर्म के प्रभाव में कमी आती है। भारतीय समाज में यह कहाँ तक संभव हो सका है? विवेचना कीजिये।

    22 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाज

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:
    • आधुनिकीकरण का अर्थ
    • आधुनिकीकरण का धर्म पर प्रभाव
    •  निष्कर्ष

    आधुनिकीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें परलोक की जगह इहलोक, ईश्वर की जगह मनुष्य, अध्यात्म की जगह भौतिकता तथा धर्म की जगह मानवता केंद्र में आती है। स्वाभाविकतः धर्म का प्रभाव कम होगा, धार्मिक आडंबर टूटेंगे तथा मनुष्य और उसकी समस्याएँ तथा विचार केंद्र में आएंगे।

    भारतीय सामाजिक प्रक्रिया के संदर्भ में बात करें तो धर्म का प्रभाव कम तो हुआ ही है। पहले जहाँ भारतीय लोगों के सभी क्रियाकलाप धर्म पर आधारित होते थे, अब उससे छुटकारा मिला है।

    • धार्मिक आडंबर तथा धर्म की आड़ में उत्पीड़न समाप्त हुआ है। सती प्रथा, विधवा विवाह निषेध, बाल विवाह इत्यादि समाप्त हुआ है।
    • धार्मिक संस्थाओं एवं जातिवाद का भी वर्चस्व टूटा है। ऊँच-नीच पर आधारित व्यवस्था समाप्त हो रही है।
    • विभिन्न धर्मों के बीच मौलिक टकराव कम हुए हैं।
    • धर्मशास्त्र के बजाय आधुनिक विषयों का महत्त्व बढ़ा है।
    • विज्ञान का महत्त्व बढ़ता ही जा रहा है।
    • व्यक्ति की पहचान उसके ज्ञान से होने लगी है, न कि उसके धर्म विशेष से।

    लेकिन यह आधुनिकता का एक पहलू है। इसके दूसरे पहलू भी हैं-

    • नए तरीके के आडंबर बढ़ रहे हैं। मंदिरों में चढ़ावा बढ़ रहा है। लोग अपनी ताकत एवं हैसियत का प्रदर्शन करने के लिये लाखों का छत्र चढ़ा रहे हैं।
    • धर्म का राजनीतिकरण हो जाने से सांप्रदायिकता की समस्या बढ़ी है।
    • जाति आधारित ऊँच-नीच की व्यवस्था गाँवों में अभी भी विद्यमान है।
    • अब तो संचार क्रांति का प्रयोग कर नए-नए चैनल बना लिये गए हैं, जो धर्म के तत्त्वों को आधुनिकता की खाल में लपेटकर परोस रहे हैं।

    वस्तुतः इसका कारण सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया में है। हम अपने कपड़े, भोजन इत्यादि से तो आधुनिक हो गए हैं। किताबी बातों को पढ़कर भी हम आधुनिक होने का दंभ भरते हैं। लेकिन आंतरिक रूप से वही दकियानुसी सोच हम पर हावी है जो सदियों पहले थी। समाज के बहुत कम लोग पूर्ण रूप से आधुनिक हो पाए हैं।

    कुल मिलाकर देखें तो निःसंदेह धर्म के प्रभाव में कमी आई है। यह कुछ खास वर्गों तक ही हो पाया है। निरक्षर, गरीब, ग्रामीण इत्यादि वर्गों पर अभी भी धर्म का विशेष प्रभाव है।

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