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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    सार्वजनिक सेवा में नैतिक व्यवहार पर सांस्कृतिक मूल्यों के प्रभाव का मूल्यांकन कीजिये। (150 शब्द)

    23 Mar, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • सांस्कृतिक मूल्य और नैतिकता का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • सार्वजनिक जीवन में नैतिक व्यवहार पर इसके प्रभावों की चर्चा कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    • सांस्कृतिक मूल्य में किसी समाज के विश्वास, दृष्टिकोण और प्रथाएँ शामिल होती हैं। इन मूल्यों को धर्म, इतिहास, परंपराओं और सामाजिक मानदंडों जैसे विभिन्न कारकों द्वारा आकार मिलता है।
    • इससे सार्वजनिक सेवा सहित विभिन्न संदर्भों में व्यवहार का मार्गदर्शन होने के साथ निर्णय प्रभावित होता है।
      • नैतिक व्यवहार, सार्वजनिक सेवा का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। यह अनिवार्य है कि लोक सेवक जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिये नैतिक व्यवहार करें। लोक सेवकों के नैतिक व्यवहार को आकार देने में सांस्कृतिक मूल्य महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    मुख्य भाग:

    • लोक सेवा में नैतिक व्यवहार पर सांस्कृतिक मूल्यों का प्रभाव:
      • सार्वजनिक जीवन में नैतिक व्यवहार विभिन्न सांस्कृतिक मूल्यों से प्रभावित होता है जैसे:
        • प्राधिकरण के प्रति सम्मान: कई समाजों में सरकारी अधिकारियों के सम्मान पर जोर दिया जाता है।
          • इससे सत्ता में बैठे लोगों के प्रति सम्मान की संस्कृति विकसित हो सकती है जिससे लोक सेवकों के लिये अनैतिक व्यवहार को रोकना आसान हो सकता है।
        • पारदर्शिता: किसी समाज में पारदर्शिता के स्तर से लोक सेवकों का व्यवहार प्रभावित हो सकता है।
          • जिन समाजों में पारदर्शिता को महत्त्व दिया जाता है वहाँ भ्रष्टाचार के लिये अधिक जवाबदेही होती है। इससे लोक सेवकों के बीच नैतिक व्यवहार को बढ़ावा मिल सकता है।
        • व्यक्तिवाद बनाम सामूहिकतावाद: व्यक्तिवाद और सामूहिकतावाद के बीच संतुलन से भी सार्वजनिक सेवा में नैतिक व्यवहार प्रभावित हो सकता है।
          • व्यक्तिवादी समाजों में व्यक्तिगत लाभ और स्वार्थ पर अधिक ध्यान दिया जा सकता है, जिससे अनैतिक व्यवहार प्रेरित हो सकता है।
          • सामूहिकतावादी समाजों में सभी के कल्याण पर अधिक जोर दिया जा सकता है, जिससे नैतिक व्यवहार को बढ़ावा मिल सकता है।
        • विश्वा: विश्वास, सार्वजनिक जीवन में नैतिक व्यवहार का एक महत्त्वपूर्ण घटक होता है।
          • ऐसे समाजों में जहाँ विश्वास का उच्च स्तर होता है उसमें लोक सेवकों द्वारा जनता के सर्वोत्तम हित में कार्य करने की संभावना अधिक होती है।
          • ऐसे समाजों में जहाँ विश्वास का निम्न स्तर होता है उसमें लोक सेवकों के अपने स्वयं के हित में कार्य करने की अधिक संभावना हो सकती है।
        • सामाजिक पदानुक्रम: सामाजिक पदानुक्रम से संबंधित सांस्कृतिक मूल्य भी सार्वजनिक जीवन में नैतिक व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं।
          • कठोर सामाजिक पदानुक्रम वाले समाजों में सत्ता में रहने वालों के प्रति अधिक सम्मान हो सकता है और ऐसे में प्राधिकरण को चुनौती देना मुश्किल कार्य हो सकता है, जिससे अनैतिक व्यवहार को रोकना मुश्किल हो सकता है।
        • सांस्कृतिक विविधता: सार्वजनिक जीवन में नैतिक व्यवहार के निर्धारण में सांस्कृतिक विविधता भी भूमिका निभा सकती है।
          • लोक सेवकों को विभिन्न समूहों के मूल्यों और विश्वासों के बारे में पता होना चाहिये।
          • इसके लिये संवेदनशीलता, खुले विचार और विभिन्न सांस्कृतिक संदर्भों के अनुकूल होने की इच्छा की आवश्यकता होती है।

    निष्कर्ष:

    • सार्वजनिक जीवन में नैतिक व्यवहार पर सांस्कृतिक मूल्यों का महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। समाज के मूल्य, लोक सेवकों के व्यवहार को आकार दे सकते हैं और उनके निर्णय लेने को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिये सार्वजनिक सेवा के संदर्भ में नैतिक मानकों को डिज़ाइन करते समय सांस्कृतिक मूल्यों को समझना और उन पर विचार करना महत्त्वपूर्ण है।
    • सार्वजनिक जीवन में नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिये, सांस्कृतिक कारकों की पहचान करना आवश्यक है। इसे प्रशिक्षण, शिक्षा और एक ऐसा वातावरण बनाने के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है जो पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और विश्वास से प्रेरित हो। सांस्कृतिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए हम अधिक नैतिक और प्रभावी लोक सेवकों के साथ सभी के कल्याण को बढ़ावा दे सकते हैं।

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