इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    क्यूबा मिसाइल संकट शीत युद्ध का चरम बिंदु था। इसके परिणामों के साथ-साथ इसके लिये उत्तरदायी कारणों का उल्लेख कीजिये। (250 शब्द)

    02 May, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • क्यूबा मिसाइल संकट को बताइये।
    • इसके लिये उत्तरदायी कारणों की चर्चा कीजिये।
    • क्यूबाई मिसाइल संकट के परिणामों की चर्चा कीजिये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

     वर्ष 1959 में फिदेल कास्त्रो द्वारा अमेरिका समर्थित तानाशाह बतिस्ता से सत्ता छीनने के बाद क्यूबा, शीतयुद्ध में शामिल हो गया। वर्ष 1961 में अमेरिका ने क्यूबा के साथ राजनयिक संबंध तोड़ लिये, जिसके परिणामस्वरूप यू.एस.एस.आर. और क्यूबा के मध्य संबंध बेहतर हो गए। वर्ष 1961 में कास्त्रो ने घोषणा की कि वह एक मार्क्सवादी हैं और क्यूबा एक समाजवादी राष्ट्र है।

    अमेरिका ने क्यूबा में सैन्य एवं सामरिक प्रयासों से कास्त्रो शासन को नष्ट करने के अपने प्रयासों को जारी रखा। क्यूबा ने यू.एस.एस. आर. से सैन्य मदद के लिये अपील की। सोवियत संघ की नेता निकिता ख्रुश्चेव ने क्यूबा को रूसी बेस में परिवर्तित करने का निर्णय लिया। हथियारों की स्थापना ने अमेरिका को पहली बार यू.एस.एस.आर. की मिसाइलों की सीमा के भीतर रखा तथा अमेरिकी मुख्य भूमि के शहरों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई, जिसे यू.एस.एस.आर. द्वारा खतरा हो सकता था। यह स्थिति अत्यधिक तनावपूर्ण हो गई और इससे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे परमाणु युद्ध आसन्न है। इस घटना को क्यूबाई मिसाइल संकट के रूप में जाना जाता है।

    संयुक्त राष्ट्र के महासचिव द्वारा अपील किये जाने के बाद यह संकट समाप्त हो गया। यू.एस.एस.आर. ने मिसाइलों को वापस लेने और क्यूबा में प्रक्षेपण स्थलों को नष्ट करने पर सहमति व्यक्त की और बदले में अमेरिका ने क्यूबा पर फिर से आक्रमण नहीं करने के लिये सहमति व्यक्त की।

    क्यूबा मिसाइल संकट के निम्नलिखित प्रमुख कारण थे:

    • क्यूबा संयुक्त राज्य अमेरिका से सैन्य आक्रमण के संकेत में था, इसलिये यू.एस.एस.आर. क्यूबा को एकजुटता के एक संकेत के रूप में सहायता प्रदान करना चाहता था जो कि सोवियत संघ का सहयोगी राष्ट्र था।
    • यू.एस.एस.आर. ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आई.सी.बी.एम.) विकसित करने की तकनीकी को प्राप्त नहीं कर सका, इसलिये वह निकट से अमेरिका को घेरने के अवसर की तलाश में था।
    • वर्ष 1959 में अमेरिका ने तुर्की में जुपिटर मिसाइल तैनात की। इसने यू.एस.एस.आर. की सुरक्षा को संकट में डाल दिया, इसलिये, यू.एस.एस.आर. को क्यूबा संयुक्त राज्य अमेरिका के विरुद्ध काउंटर स्ट्राइक शुरू करने के लिये एक आदर्श स्थान लगता था।
    • सोवियत संघ परमाणु हथियारों की संख्या के संबंध में असुरक्षित महसूस कर रहा था, जो पश्चिमी यूरोप तथा तुर्की द्वारा उस पर लक्षित थे और इस प्रकार क्यूबा में मिसाइलों की तैनाती का प्रयोग पश्चिम देशों के साथ सौदेबाजी के लिये किया जा सकता था।

    केवल कुछ दिनों तक चलने के बावजूद क्यूबाई मिसाइल संकट के निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण परिणाम थे:

    • विश्व को ज्ञात हुआ कि परमाणु युद्ध कितनी आसानी से शुरू किया जा सकता है।
    • यू.एस.एस.आर. और यू.एस.ए. के मध्य एक हॉटलाइन सेवा शुरू की गई थी ताकि तीव्र परामर्श की अनुमति मिल सके।
    • वर्ष 1963 में यू.एस.ए., यू.एस.एस.आर. और ब्रिटेन ने परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किये, जिसके परिणामस्वरूप ये राष्ट्र वायुमंडल को प्रदूषित करने से बचने के लिये भविष्य में केवल भूमिगत परमाणु परीक्षण करने के लिये सहमत थे।
    • क्यूबा-यू.एस.एस.आर. संबंधों में पहले जैसी ऊष्मा नहीं रही क्योंकि क्यूबा ने विश्वासघात की अनुभूति की।

    शीतयुद्ध के युग में क्यूबाई मिसाइल संकट एक महत्त्वपूर्ण घटना थी, जिसने विश्व को संयुक्त राज्य अमेरिका और यू.एस.एस.आर. की हथियार प्रतिद्वंद्विता से जनित संकट का एहसास कराया और यह विश्व को परमाणु युद्ध की भयावहता से सुरक्षित बनाने के आंदोलनों के लिये एक दिशा दी।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2