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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    जनसंख्या शिक्षा के मुख्य उद्देश्यों की विवेचना कीजिये तथा भारत में इन्हें प्राप्त करने के उपायों का विस्तार से उल्लेख कीजिये। (250 शब्द)

    21 Mar, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाज

    उत्तर :

    भारत की जनसंख्या वर्तमान में 1.4 बिलियन हो गई है तथा इसके वर्ष 2026 तक चीन से ज़्यादा हो जाने की संभावना है। ऐसे में भारत के लिये जनसंख्या शिक्षा अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यूनेस्को के अनुसार, " जनसंख्या शिक्षा एक शैक्षिक कार्यक्रम है जो परिवार, समुदाय, राष्ट्र और विश्व की जनसंख्या की स्थिति के अध्ययन के लिये छात्रों में उस स्थिति के प्रति तर्कसंगत और ज़िम्मेदार दृष्टिकोण तथा व्यवहार विकसित करने के उद्देश्य से प्रदान की जाती है "।

    जनसंख्या शिक्षा के उद्देश्य

    • छात्रों में परिवार के आकार के प्रति समझ विकसित करना। जनसंख्या की वृद्धि के कारणों और परिणामों को समझने में व्यक्ति की सहायता करना।
    • परिवार के आकार और राष्ट्रीय जनसंख्या में परिवर्तन के व्यक्ति पर प्रभाव के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करना।
    • इस तथ्य की समझ विकसित करना कि परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिये तथा युवा पीढ़ी के लिये अच्छी संभावनाएँ सुनिश्चित करने हेतु भारतीय परिवार छोटे और कॉम्पैक्ट होने चाहिये।
    • व्यक्ति को यह समझने में सक्षम बनाना है कि एक विशाल जनसंख्या व्यक्ति और समाज को कैसे प्रभावित करती है।
    • छात्रों को जनसंख्या शिक्षा की अवधारणा को समझने के लिये आवश्यक ज्ञान, कौशल, दृष्टिकोण और मूल्यों को प्राप्त करने में सक्षम करना। वर्तमान में जनसंख्या स्थितियों के बारे में सचेत और सही निर्णय लेने में सक्षम बनाना ।
    • जनसंख्या लक्ष्यों को पूरा करने में सरकार के प्रयासों में सहयोग हेतु प्रेरित करना।

    जनसंख्या शिक्षा के उपाय

    • स्कूली पाठ्यक्रम में जनसंख्या शिक्षा ' नामक विषय को शामिल करना। जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये शिक्षकों का प्रशिक्षण।
    • पंचायत स्तर पर वेब सीरीज़ जैसे- पंचायत, श्रव्य - दृश्य कार्यक्रम और सम्मेलनों के माध्यम से जागरूकता।
    • लड़कियों की विवाह आयु में वृद्धि तथा उनकी शिक्षा पर बल

    जनसंख्या नीति का आम लोगों के जीवन से जुड़ाव होना चाहिये और इसमें विधायिका, कार्यपालिका, नौकरशाही, मीडिया, पेशेवरों, शिक्षकों और आम जनता सहित सभी हितधारकों को सम्मिलित होना चाहिये। वास्तव में, बल या कानून के भय की अपेक्षा जनसंख्या शिक्षा और जागरूकता जनसंख्या नियंत्रण का समुचित उपाय हो सकती है।

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