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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    कार्य संस्कृति किसी भी संगठन ही प्रगति या अवसान में सबसे महत्त्वपूर्ण कारक होती है। एक अच्छी कार्य संस्कृति की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए इस विषय पर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करें।

    14 Apr, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    कोई भी संगठन पूर्णतः मशीनीकृत नहीं होता उसमें मानव संसाधन की उपस्थिति अवश्य होती है स्वाभाविक है कि उन मानव-संसाधनों को कार्य करने हेतु एक अनुकूल माहौल एवं सुविधाएँ भी मिलती है ताकि वे संगठन के लिये अपना श्रेष्ठतम दे सकें। किसी संगठन की कार्य-निष्पादन शैली जो उस संगठन के बारे में लोगों की अपनी राय विकसित करने का अवसर देती  जिसमें लोग उस संगठन/संस्था से जुड़ने या न जुड़ने का निर्णय ले सकने में सक्षम होते हैं संगठन की ‘कार्य-संस्कृति’ कहलाती है। यह किसी संगठन की प्रगति या अवसान में सबसे महत्त्वपूर्ण कारक होती है। एक व्यवस्थित तथा समानता व सद्भावयुक्त प्रगतिशील कार्य संस्कृति अपने कर्मचारियों के मनोबल को निरंतर बनाए रखकर अपना लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर लेती है।
    एक अच्छी कार्य-संस्कृति की विशेषताएँः

    • एक सकारात्मक कार्य-संस्कृति में कर्मचारियों की क्षमताओं भरोसा किया जा सकता है तथा संगठन में योग्य लोगों का चुनाव किया जाता है।
    • इसमें संगठन अपने उद्देश्यों के प्रति परिणामोन्मुख होता है तथा इसके उद्देश्यों में किसी सीमा तक जनहित का भी ध्यान रखा जाता है।
    • संगठन के कर्मचारियों को अपने किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिये नवाचार को अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। कर्मचारियों को अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिये विवेकाधिकार से निर्णय लेने तथा अपने विशेषाधिकार के सकरात्मक प्रयोग के लिये छूट भी दी जाती है। 
    • संगठन के प्रत्येक कर्मचारी को संगठन के प्रति अपने दायित्वों का बोध होता है तथा कर्मचारी स्वयं को संगठन का एक अभिन्न हिस्सा समझते हैं। संगठन की प्रगति में वे स्वयं की प्रगति समझते हैं।
    • संगठन के सभी कर्मचारियों में सामूहिकता की भावना होती है। वे परस्पर सहयोग एवं प्रेरणा से संगठन की प्रगति में अपना योगदान देते हैं।

    मेरे विचार से जब तक किसी व्यक्ति को अनुकूल व सकरात्मक माहौल नहीं मिलता तब तक वह अपनी क्षमताओं का सही उपयोग नहीं कर पाता। जब उसकी क्षमताओं पर संगठन विश्वास करता है, उसके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करता तथा उसे आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर देता है तो व्यक्ति भी संगठन के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपनी पूरी ताकत झोंक देता है। और, ये सब एक अच्छी कार्य-संस्कृति में ही संभव है। इन सबके विपरीत एव नकरात्मक कार्य-संस्कृति में कर्मचारी सदैव हतोत्साहित रहते हैं तथा वे अपनी क्षमताओं को पूर्ण उपयोग नहीं कर पाते। अतः निश्चित ही कार्य-संस्कृति किसी संगठन की प्रगति अथवा अवसान में महत्त्वपूर्ण कारक होती है।

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