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स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म

  • 07 May 2025
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपने स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म का लगभग 17 किलोमीटर की ऊँचाई पर पहला सफल उड़ान परीक्षण किया।

  • उड़ान के दौरान, भविष्य की उच्च ऊँचाई वाली उड़ानों के लिये उच्च-गुणवत्ता वाले फिडेलिटी सिमुलेशन मॉडल के विकास हेतु ऑनबोर्ड सेंसरों से डेटा एकत्र किया गया।   
  • यह भारत की भू प्रेक्षण तथा आसूचना, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं को सुदृढ़ करता है।
  • स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप: यह एक मानव रहित एयरशिप है जिसे पृथ्वी की सतह से लगभग 17 से 22 किलोमीटर की ऊँचाई पर समताप मंडल में उच्च उन्नतांश पर संचालन के लिये डिज़ाइन किया गया है
    • यह एक हाई-एल्टीट्यूड स्यूडो-सैटेलाइट (HAPS) के रूप में कार्य करता है, जो लंबे समय तक वायु में बना रह सकता है और उत्प्लावन (वायु में प्लवन करने की क्षमता) के लिये इसमें हीलियम का उपयोग किया जाता है।
    • उपग्रहों या वायुयान के विपरीत, यह किसी विशेष क्षेत्र के ऊपर लंबे समय तक स्थिर रह सकता है, जिससे निरंतर निगरानी और संसूचना की सुविधा मिलती है।
  • वर्ष 2011 में अल्फाबेट द्वारा शुरू किये गए प्रोजेक्ट लून के तहत दूरदराज़ क्षेत्रों में इंटरनेट प्रदान करने के क्रम में समताप मंडल में निर्मुक्त किये गए गुब्बारों का उपयोग किया जाना शामिल था लेकिन व्यावसायिक व्यवहार्यता की कमी के कारण इसे वर्ष 2020 में बंद कर दिया गया था।
  • समताप मंडल क्षोभमंडल की ऊपरी सीमा से शुरू होकर समुद्र तल से लगभग 50 किलोमीटर की ऊँचाई तक विस्तृत है और इसमें ओज़ोन परत स्थित होती है, जो हानिकारक पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

और पढ़ें: हाई-एल्टीट्यूड स्यूडो-सैटेलाइट (HAPS)

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