रैपिड फायर
स्टेट ऑफ क्लाइमेट इन एशिया, 2024 रिपोर्ट
- 25 Jun 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा जारी "स्टेट ऑफ क्लाइमेट इन एशिया, 2024" रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में एशिया वैश्विक औसत की तुलना में लगभग दो गुना अधिक तेज़ी से गर्म हुआ, जिससे यह वर्ष रिकॉर्ड में अब तक का सबसे गर्म या दूसरा सबसे गर्म वर्ष बन गया।
- मुख्य निष्कर्ष:
- अभूतपूर्व तापमान वृद्धि: वर्ष 2024 में एशिया का तापमान वर्ष 1991–2020 की औसत सीमा से 1.04°C अधिक दर्ज किया गया, जबकि वर्ष 1961–1990 के मुकाबले तापवृद्धि की दर दोगुनी हो गई।
- हीटवेव: भारत में अत्यधिक हीटवेव के कारण 450 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। तापमान कई क्षेत्रों में 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया। इसके साथ ही, आँधियों और बिजली गिरने की घटनाओं ने कुल मिलाकर लगभग 1,300 लोगों की मृत्यु हुई।
- समुद्री हीटवेव ने लगभग 15 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को प्रभावित किया, जिसमें विशेष रूप से उत्तरी हिंद महासागर तथा जापान और चीन के निकटवर्ती समुद्री क्षेत्र शामिल हैं।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात: एशिया में वर्ष 2024 में कुल 29 उष्णकटिबंधीय चक्रवात आए, जिनमें सबसे घातक चक्रवात यागी था, जिसने फिलीपींस, वियतनाम, हॉन्गकॉन्ग, मकाऊ, चीन, लाओस, थाईलैंड और म्याँमार को प्रभावित किया।
- भारतीय उपमहाद्वीप चक्रवात रेमल, फेंगल, दाना और असना से प्रभावित हुआ।
- हिमनदों का निवर्तन: हिमालय, पामीर, काराकोरम और हिंदू कुश सहित उच्च पर्वतीय एशिया के 24 में से 23 हिमनदों में द्रव्यमान की कमी दर्ज की गई, और तियान शान स्थित उरूमकी ग्लेशियर नंबर 1 में वर्ष 1959 के बाद से सबसे अधिक पिघलन दर्ज की गई।
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO), जिसका मुख्यालय जिनेवा में स्थित है, एक अंतर-सरकारी संस्था है जिसमें भारत सहित 193 सदस्य राष्ट्र और क्षेत्र शामिल हैं।
- यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से विकसित हुआ है, जिसकी स्थापना 1873 के वियना कॉन्ग्रेस के बाद की गई थी।
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