रैपिड फायर
वर्ष 2026 में होगा भारत का प्रथम घरेलू आय सर्वेक्षण
- 25 Jun 2025
- 3 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारत सरकार का सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) वर्ष 2026 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के माध्यम से देश का पहला व्यापक घरेलू आय सर्वेक्षण आयोजित करेगा।
- राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) का संचालन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के फील्ड ऑपरेशंस डिवीज़न द्वारा किया जाता है, जिसे पहले राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) के नाम से जाना जाता था।
अखिल भारतीय घरेलू आय सर्वेक्षण
- परिचय: घरेलू आय सर्वेक्षण एक बड़े पैमाने पर सांख्यिकीय अभ्यास है जिसका उद्देश्य मज़दूरी, वेतन, व्यवसाय, कृषि, संपत्ति और प्रेषण जैसे विभिन्न स्रोतों से परिवारों द्वारा अर्जित आय पर विश्वसनीय डेटा एकत्र करना है।
- इसका उद्देश्य आय और उपभोग के बीच ऐतिहासिक असंतुलन को दूर करना है, जिसके लिये अमेरिका के करंट पॉपुलेशन सर्वे, कनाडा के इनकम सर्वे और ऑस्ट्रेलिया के इनकम एंड हाउसिंग सर्वे जैसी वैश्विक सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को अपनाया जाएगा।
- भारत में पहली बार, यह सर्वेक्षण प्रौद्योगिकी के वेतन पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करेगा, जिसमें असंगठित क्षेत्र की आय और प्रौद्योगिकी आधारित आय सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- उद्देश्य: यह सर्वेक्षण आय के स्तर, वितरण के पैटर्न और संरचनात्मक विषमताओं से संबंधित सटीक डेटा एकत्र करने के उद्देश्य से किया जा रहा है, ताकि आर्थिक नीतिनिर्माण और कल्याणकारी योजनाओं की बेहतर रूपरेखा तैयार की जा सके।
- पृष्ठभूमि: 1950 से अब तक भारत में किसी भी राष्ट्रव्यापी आय सर्वेक्षण का आयोजन नहीं किया गया है, जिसका प्रमुख कारण संचालन संबंधी चुनौतियाँ और डेटा असंगतियाँ रही हैं, विशेष रूप से घोषित आय और उपभोग-बचत डेटा के बीच असंगति।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO)
- NSO केंद्रीय सांख्यिकी एजेंसी है, जो सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के अंतर्गत कार्य करती है। इसे वर्ष 2019 में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) का विलय करके गठित किया गया था।
- NSO प्रमुख सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण जैसे आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) और उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण का संचालन करता है, साथ ही राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (National Accounts Statistics) भी तैयार करता है।
और पढ़ें: बुनियादी आर्थिक डेटा, भारत की सांख्यिकी प्रणाली को सुदृढ़ करना