रैपिड फायर
धरती आबा जनभागीदारी अभियान
- 25 Jun 2025
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स्रोत: पीआई.बी
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने धरती आबा जनभागीदारी अभियान (DAJA) शुरू किया है, जो अब तक का सबसे बड़ा जनजातीय सशक्तीकरण अभियान है। यह अभियान 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में फैले 1 लाख से अधिक जनजातीय गाँवों तक पहुँच रहा है, जिसमें 207 विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) ज़िले भी शामिल हैं।
- यह अभियान शिविर-आधारित और समुदाय-प्रेरित मॉडल पर आधारित है, जिसमें ज़िला प्रशासन, युवाओं के स्वयंसेवी, नागरिक समाज संगठन (CSO) और जनजातीय अभिकर्त्ताओं की सक्रिय भागीदारी होती है।
धरती आबा जनभागीदारी अभियान (DAJA)
- परिचय: जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत शुरू किया गया यह एक राष्ट्रव्यापी जनजातीय सशक्तीकरण अभियान है, जो विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों और विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) की बस्तियों में रहने वाले जनजातीय समुदायों के लिये है।
- 15 नवम्बर को जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को सम्मान देने और उनकी 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में वर्ष 2021 से जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया गया।
- इसके अतिरिक्त, जनजातीय गौरव वर्ष (15 नवंबर 2024-15 नवंबर 2025) को जनजातीय गौरव, पहचान और प्रगति के एक वर्ष तक चलने वाले उत्सव के रूप में शुरू किया गया है।
- DAJA के 5 स्तंभ:
- जनभागीदारी: समुदाय-आधारित सहभागिता
- परिपूर्णता: हर पात्र परिवार को अधिकार प्राप्त होंगे
- सांस्कृतिक समावेशन: जनजातीय भाषाओं, कलाओं और परंपराओं को सम्मिलित करना
- अभिसरण: मंत्रालय, नागरिक समाज संगठनों, युवा समूह का एक साथ कार्य करना
- अंतिम मील वितरण: दूरस्थ जनजातीय बस्तियों तक सेवा वितरण
- उद्देश्य: आधार, आयुष्मान भारत, पीएम-किसान, पीएम उज्ज्वला योजना, जन धन और जनजातीय-विशिष्ट अधिकारों जैसी सभी केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाना।
- यह पीएम-जनमन और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) जैसी प्रमुख पहलों का भी समर्थन करता है।
- सांस्कृतिक महत्त्व: यह अभियान जनजातीय विरासत का उत्सव मनाता है और बिरसा मुंडा (धरती आबा) को जनजातीय गौरव एवं प्रतिरोध का प्रतीक मानते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
जनजातीय कल्याण की अन्य योजनाएँ:
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