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वित्तीय समावेशन एवं डिजिटल नवाचार हेतु RBI द्वारा सुधार

  • 12 Apr 2024
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय रिज़र्व बैंक ,एकीकृत भुगतान इंटरफेस,सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, मौद्रिक नीति समिति, खुदरा प्रत्यक्ष योजना

मेन्स के लिये:

कैशलेस लेनदेन में UPI का महत्त्व 

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने मौद्रिक नीति निर्णयों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिक आर्थिक समावेशिता को बढ़ावा देने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों के लिये सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से कई बदलावों की घोषणा की।

RBI द्वारा प्रस्तावित हालिया विकास क्या हैं?

  • एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) द्वारा नकद जमा सुविधा
    • ग्राहकों के पास UPI ऐप का उपयोग करके बैंकों तथा ATM में नकदी जमा मशीनों (CDM) में नकदी(कैश) जमा करने का विकल्प होगा।
      • वर्तमान में CDM में नकद जमा के लिये आमतौर पर डेबिट कार्ड के उपयोग की आवश्यकता होती है, चाहे वह बैंक में हो या ATM में।
    • विभिन्न बैंकिंग कार्यों, सुचारू रूप से वित्त सुविधा तथा व्यापारी भुगतान को एक साथ जोड़कर, UPI कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (किसी भी भाग लेने वाले बैंक के) द्वारा संचालित करने में सक्षम बनाता है।
    • UPI वर्तमान में नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH), तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS), भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS), रुपे आदि सहित भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा संचालित प्रणालियों में सबसे बड़ी है।
  • प्रीपेड भुगतान साधन (Prepaid Payment Instrument- PPI) हेतु UPI तक पहुँचने के लिये तीसरे पक्ष के एप को अनुमति देना:
    • वर्तमान में PPI से UPI भुगतान के लिये PPI जारीकर्त्ता द्वारा प्रदान किये गए वेब अथवा मोबाइल एप का उपयोग करना आवश्यक है।
    • RBI ने उपयोगकर्त्ताओं को PPI वॉलेट से UPI भुगतान करने के लिये तृतीय-पक्ष UPI ऐप्स का उपयोग करने की अनुमति देने का सुझाव दिया।
      • PPI ऐसे उपकरण हैं जो वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद, वित्तीय सेवाओं के संचालन और साथ ही उनमें संग्रहीत धन के बदले प्रेषण सुविधाओं को सक्षम करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
      • PPI को नकद द्वारा, बैंक खाते से डेबिट अथवा क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड द्वारा लोड या रीलोड किया जा सकता है।
  • FPI को सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड में निवेश की अनुमति देना:
    • सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड में गैर-निवासियों की व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये RBI ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (International Financial Services Centre- IFSC) में पात्र विदेशी निवेशकों को इन बॉण्ड में निवेश करने के लिये अधिकृत करने का निर्णय लिया है।
    • वर्तमान में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (Foreign Portfolio Investors) सरकारी प्रतिभूतियों में FPI के लिये उपलब्ध विभिन्न निवेश मार्गों के माध्यम से सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड में निवेश कर सकते हैं।
      • सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड विभिन्न कंपनियों, देशों एवं बहुपक्षीय संगठनों द्वारा विशेष रूप से सकारात्मक पर्यावरणीय या जलवायु लाभ वाली परियोजनाओं को वित्तपोषित करने हेतु जारी किये जाते हैं और निवेशकों को निश्चित आय का भुगतान प्रदान करते हैं।
      • इन परियोजनाओं में नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन एवं हरित भवन आदि शामिल हो सकते हैं।
  • खुदरा प्रत्यक्ष योजना हेतु मोबाइल एप:
    • RBI ने नवंबर 2021 में लॉन्च की गई अपनी रिटेल डायरेक्ट योजना के लिये एक मोबाइल एप प्रस्तुत करने का भी फैसला किया
    • यह योजना व्यक्तिगत निवेशकों को RBI के साथ गिल्ट खाते रखने और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की अनुमति देती है।
      • गिल्ट खाता (Gilt Account) सरकारी प्रतिभूतियों को रखने के लिये खोला और रखा जाने वाला एक खाता है।
  • तरलता कवरेज अनुपात (LCR) की समीक्षा:
    • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) बैंकों द्वारा तरलता जोखिम के बेहतर प्रबंधन के लिये तरलता कवरेज अनुपात पर ढाँचे की समीक्षा कर सकता है।
    • LCR एक अनुपात है जो वित्तीय संस्थानों के पास मौजूद उच्च गुणवत्ता वाली तरल संपत्ति (High-Quality Liquid Assets- HQLA) के अनुपात को मापता है।
      • LCR ढाँचे के तहत आने वाले बैंकों को 1 जनवरी, 2019 से 100% की न्यूनतम LCR के साथ, तनावग्रस्त परिस्थितियों में 30 दिनों के शुद्ध बहिर्वाह को कवर करने के लिये HQLA का स्टॉक बनाए रखना होगा।
    • HQLA में नकदी, अल्पकालिक बॉण्ड तथा अन्य नकदी समकक्ष एवं साथ ही अतिरिक्त वैधानिक तरलता अनुपात (SLR), सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) परिसंपत्तियाँ तथा तरलता कवरेज अनुपात (FALLCR) के लिये तरलता प्राप्त करने की सुविधाएँ (1 अप्रैल, 2020 से बैंक की जमा राशि का 15%) शामिल हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 'एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI)' को लागू करने का सबसे संभावित परिणाम है? (2017)

(a) ऑनलाइन भुगतान के लिये मोबाइल वॉलेट की आवश्यकता नहीं होगी।
(b) लगभग दो दशकों में पूरी तरह से भौतिक मुद्रा का स्थान डिजिटल मुद्रा ले लेगी।
(c) FDI के अंतर्वाह में भारी वृद्धि होगी।
(d) निर्धन व्यक्तियों को उपदानों (सब्सिडीज़) का प्रत्यक्ष अंतरण बहुत प्रभावकारी हो जाएगा।

उत्तर: (a)


प्रश्न. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. भीम (BHIM) एप उपयोग करने वालों के लिये यह एप U.P.I. सक्षम बैंक खाते से किसी को धन अंतरण करना संभव बनाता है।
  2. जहाँ एक चिप-पिन डेबिट कार्ड में प्रमाणीकरण के चार घटक होते हैं, BHIM एप में प्रमाणीकरण के सिर्फ दो घटक होते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल 1
(b) केवल
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 

उत्तर: (a) 


मेन्स:

प्रश्न. क्या आप सहमत हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने हाल ही में V-आकार के पुरुत्थान का अनुभव किया है? कारण सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये। (2021)

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