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भारत ने हासिल की 500 गीगावाट की विद्युत क्षमता

  • 01 Nov 2025
  • 14 min read

स्रोत: पी.आई.बी

भारत ने एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जहाँ देश की कुल स्थापित विद्युत क्षमता 500 गीगावाट से अधिक हो गई है। इस क्षमता का 51% से अधिक अब गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त होता है।

  • भारत की विद्युत क्षमता का विवरण:
    • कुल स्थापित क्षमता: 500.89 गीगावाट
    • गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोत: 256.09 गीगावाट (≈51%) जिसमें सौर ऊर्जा (127.33 गीगावाट), पवन ऊर्जा (53.12 गीगावाट), जल विद्युत (30.29 गीगावाट) और परमाणु ऊर्जा (45.25 गीगावाट) शामिल हैं।
    • जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोत: 244.80 गीगावाट (≈49%)

  • नवीकरणीय ऊर्जा में रिकॉर्ड वृद्धि: भारत ऊर्जा उत्पादन में अपनी अब तक की सबसे अधिक नवीकरणीय ऊर्जा हिस्सेदारी तक पहुँच गया। जिसकी रैंकिंग इस प्रकार है:
    • सौर ऊर्जा क्षमता में तीसरा,
    • पवन ऊर्जा में चौथा, और
    • समग्र नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वैश्विक स्तर पर चौथा।
  • समय से पहले राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करना: इस प्रगति के साथ, भारत ने पहले ही अपने प्रमुख COP26 (ग्लासगो, 2021) पंचामृत लक्ष्यों में से एक को प्राप्त कर लिया है - वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से स्थापित विद्युत शक्ति क्षमता का 50% प्राप्त करना, जो कि पाँच वर्ष पहले ही है।
  • महत्त्व 
    • यह भारत की नवीकरणीय क्षमता विस्तार की तीव्र गति और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में क्रमिक कमी को दर्शाता है।
    • यह पहली बार था जब भारत की आधी से ज़्यादा विद्युत एक ही दिन में हरित स्रोतों से प्राप्त हुई जो देश की बढ़ती ऊर्जा अनुकूलता और स्थिरता का प्रतीक है।
    • यह ग्रिड स्थिरता और ऊर्जा विश्वसनीयता बनाए रखते हुए जलवायु कार्रवाई में भारत के नेतृत्व को रेखांकित करता है।

  और पढ़ें: भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति

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