रैपिड फायर
ग्रीन निकल
- 12 Jun 2025
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स्रोत: द हिंदू
निकेल निष्कर्षण की एक नवीन हाइड्रोजन प्लाज़्मा-आधारित पद्धति हरित धातुकर्म में एक महत्त्वपूर्ण सफलता का संकेत देती है, जो कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन में 84% की कटौती और ऊर्जा दक्षता में 18% की वृद्धि करती है।
- यह सफलता अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि निकल - जो इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरियों जैसी स्वच्छ तकनीकों के लिये आवश्यक है (वर्ष 2040 तक >6 मिलियन टन/वर्ष मांग अनुमानित) - वर्तमान में प्रति टन निकल उत्पादन पर >20 टन CO₂ उत्सर्जित करता है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के पर्यावरणीय लाभ प्रभावित होते हैं।
- परिचय: निकल एक चाँदी जैसी सफेद धात्विक तत्त्व है, जो पृथ्वी पर पाँचवाँ सर्वाधिक पाया जाने वाला तत्त्व है। यह भू-पर्पटी (80 ppm) में व्यापक रूप से उपलब्ध है तथा निकल-लौह मिश्रधातु के रूप में पृथ्वी के क्रोड का एक प्रमुख घटक है। यह उल्कापिंडों, मृदा और जल में भी पाया जाता है तथा पादपों के लिये एक आवश्यक पोषक तत्त्व है।
- विशेषताएँ: संक्षारण-प्रतिरोधकता, उच्च-तापमान स्थिरता, सामर्थ्य, तन्यता, सुघट्यता (टफनेस), पुनर्चक्रणीयता तथा उत्प्रेरक एवं विद्युतचुंबकीय गुण।
- भंडार: ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राज़ील, कनाडा और चीन के पास विश्व के सबसे बड़े निकल भंडार हैं।
- भारत में निकल, ओडिशा के सुकिंडा घाटी की लैटराइट निक्षेपों में पाया जाता है, किंतु प्राथमिक स्रोतों से इसका उत्पादन नहीं होता है।
- झारखंड के पूर्वी सिंहभूम ज़िले में ताँबे के खनिजीकरण के साथ निकल सल्फाइड के रूप में भी पाया जाता है।
- भारत की संपूर्ण निकल मांग आयात के माध्यम से पूरी की जाती है, जबकि झारखंड में HCL की घाटशिला कॉपर स्मेल्टर में निकल सल्फेट उप-उत्पाद के रूप में इसकी सीमित पुनर्प्राप्ति की जाती है।
- भारत में निकल, ओडिशा के सुकिंडा घाटी की लैटराइट निक्षेपों में पाया जाता है, किंतु प्राथमिक स्रोतों से इसका उत्पादन नहीं होता है।
- अयस्क: निकेल के अयस्कों को मुख्य रूप से दो वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है - सल्फाइड अयस्क और लेटराइट अयस्क।
- सल्फाइड अयस्क: पेंटलैंडाइट, मिलेराइट और गर्सडॉर्फाइट।
- लैटेराइट अयस्क: गार्नियराइट, निकलयुक्त लिमोनाइट और सैप्रोलाइट।
- उपयोग: स्टेनलेस स्टील उत्पादन, रिचार्जेबल बैटरी (उदाहरण के लिये, EV की लिथियम-आयन बैटरियाँ), मिश्र धातु (उदाहरण के लिये, एयरोस्पेस ), इलेक्ट्रोप्लेटिंग, सिक्का निर्माण और रासायनिक उद्योगों में उत्प्रेरक।
- निकल को भारत के 30 क्रिटिकल मिनरल्स की सूची में शामिल किया गया है, जिसमें बिस्मथ, कोबाल्ट, ताँबा, गैलियम, जर्मेनियम और ग्रेफाइट जैसे अन्य खनिज भी सम्मिलित हैं।
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