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भारत में अपराध 2023 रिपोर्ट
- 06 Oct 2025
- 49 min read
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने भारत में अपराध 2023 रिपोर्ट जारी की, जिसमें कुल अपराधों में 7.2% की वृद्धि (वर्ष 2022 की तुलना में 6.24 मिलियन से अधिक मामले) दर्ज की गई।
भारत में अपराध 2023 रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
- समग्र अपराध प्रवृत्ति: प्रत्येक पाँच सेकंड में एक अपराध दर्किया गया, कुल मामलों की संख्या 6.24 मिलियन तक पहुँच गई, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत 5.7% की वृद्धि तथा विशेष और स्थानीय कानूनों (SLL) के तहत 9.5% की वृद्धि शामिल है।
- यह रिपोर्ट पुराने आईपीसी के तहत आँकड़ों के अंतिम वर्ष को चिह्नित करती है, तथा भविष्य की रिपोर्टें नई भारतीय न्याय संहिता, 2023 पर आधारित होंगी।
- साइबर अपराधों में वृद्धि: साइबर अपराधों में सर्वाधिक वृद्धि देखी गई, जो 31.2% बढ़ी, जो छद्म रूप में धोखाधड़ी के कारण हुई, जबकि आईटी अधिनियम के तहत अपराधों में 36% की वृद्धि हुई।
- सामाजिक अपराध: महिलाओं के विरुद्ध अपराध 0.7% बढ़कर 4.48 लाख हो गए, अनुसूचित जातियों (SC) के विरुद्ध अपराध 0.4% की वृद्धि हुई, जबकि अनुसूचित जनजातियों के विरुद्ध अपराध 28.8% की वृद्धि हुई और बच्चों के विरुद्ध अपराध 9.2% की वृद्धि हुई।
- जघन्य तथा अन्य अपराध: हत्या में 2.8% की गिरावट, बलात्कार में 5.9% की कमी, दहेज हत्या में 4.6% की गिरावट और राज्य के विरुद्ध अपराधों में 13.2% की कमी हुई।
- पुलिस एवं न्यायिक दक्षता की स्थिति: आईपीसी मामलों में आरोप-पत्र दाखिल करने की दर 71.3% से बढ़कर 72.7% हो गई, लेकिन लंबित जाँच 28% से बढ़कर 29.2% हो गई।
- IPC अपराधों के लिये दोषसिद्धि दर 54% रही, जिससे मज़बूत अभियोजन और तीव्र सुनवाई की आवश्यकता पर बल मिलता है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो
- NCRB की स्थापना वर्ष 1986 में टंडन समिति, राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) और गृह मंत्रालय टास्क फोर्स (1985) की सिफारिशों के बाद की गई थी।
- गृह मंत्रालय (MHA) के अधीन कार्यरत, NCRB अपराध और आपराधिक आँकड़ों के एक केंद्रीय भंडार के रूप में कार्य करता है जो मामलों को सुलझाने में जाँचकर्त्ताओं की सहायता करता है।
- यह अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (CCTNS) का प्रबंधन तथा समन्वय भी करता है और भारत में अपराध, आकस्मिक मृत्यु, आत्महत्या व जेल सांख्यिकी सहित प्रमुख रिपोर्ट प्रकाशित करता है।
भारत में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के पीछे क्या कारण है?
- विशाल इंटरनेट उपयोगकर्त्ता आधार: भारत में 800 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्त्ता हैं, जिनमें से कई पहली बार इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं और डिजिटल साक्षरता कम है, जिससे साइबर सुरक्षा के बारे में कम जागरूकता के कारण वे असुरक्षित हैं।
- साइबर अपराधियों की जटिलता: NCRB 2023 की रिपोर्ट पारंपरिक हिंसक अपराधों से तकनीक-संचालित और आर्थिक अपराधों की ओर एक महत्त्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है, जो साइबर अपराध के बढ़ते व्यावसायीकरण को उजागर करती है।
- अपराधी अब हैकिंग टूल, फिशिंग किट और बॉटनेट किराए पर लेते हैं, जिससे लीक हुए व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करके लक्षित विशिंग तथा स्मिशिंग हमले संभव हो जाते हैं।
- सीमा-पार प्रकृति: कई साइबर अपराध विदेशों में, विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में उत्पन्न होते हैं, जिससे भारतीय अधिकारियों के लिये अधिकार क्षेत्र, जाँच और अभियोजन जटिल हो जाते हैं।
- गोपनीयता की कमी: डेटा उल्लंघन और डार्क वेब पर व्यक्तिगत जानकारी (आधार, फोन नंबर, वित्तीय रिकॉर्ड) की अवैध बिक्री अत्यधिक लक्षित सोशल इंजीनियरिंग हमलों को संभव बनाती है।
भारत का वर्तमान साइबर सुरक्षा फ्रेमवर्क क्या है?
- विधायी उपाय: सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023।
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संस्थागत ढाँचा: भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In), राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC), भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C), साइबर स्वच्छता केंद्र।
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रणनीतिक पहल: भारत राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. भारत में साइबर अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति और प्रभावी रोकथाम के लिये आवश्यक उपायों पर चर्चा कीजिये। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. NCRB क्या है?
गृह मंत्रालय के तहत 1986 में स्थापित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) भारत के केंद्रीय अपराध डेटा भंडार के रूप में कार्य करता है और भारत में अपराध जैसी प्रमुख रिपोर्ट प्रकाशित करता है।
2. भारत के अपराध प्रोफाइल में कौन-कौन सी प्रवृत्तियाँ उभर रही हैं?
भारत में हिंसक अपराधों से तकनीकी-आधारित अपराधों की ओर प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसमें साइबर अपराध, धोखाधड़ी और SLL (संवेदनशील कानून/विवादित कानून) उल्लंघन शामिल हैं, जिन्हें रोकने और नियंत्रित करने के लिये सशक्त पुलिसिंग और निवारक उपायों की आवश्यकता है।
3. भारत में साइबर अपराध में वृद्धि का कारण क्या है?
भारत में 800 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्त्ता, जिनमें से कई की डिजिटल साक्षरता कम है, के साथ-साथ पेशेवर साइबर अपराधी, सीमा-पार हमले और विस्तृत डेटा उल्लंघन (जैसे आधार, फोन, वित्तीय रिकॉर्ड) मिलकर साइबर अपराध में वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न 1. भारत में व्यक्तियों के लिये साइबर बीमा के तहत धन की हानि और अन्य लाभों के भुगतान के अलावा, निम्नलिखित में से कौन से लाभ आमतौर पर कवर किये जाते हैं? (2020)
1. किसी के कंप्यूटर तक पहुँच को बाधित करने वाले मैलवेयर के मामले में कंप्यूटर सिस्टम की बहाली की लागत।
2. एक नए कंप्यूटर की लागत अगर ऐसा साबित हो जाता है कि कुछ असामाजिक तत्त्वों ने जानबूझकर इसे नुकसान पहुँचाया है।
3. साइबर ज़बरन वसूली के मामले में नुकसान को कम करने के लिये एक विशेष सलाहकार को काम पर रखने की लागत।
4. यदि कोई तीसरा पक्ष मुकदमा दायर करता है तो न्यायालय में बचाव की लागत
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(A) केवल 1, 2 और 4
(B) केवल 1, 3 और 4
(C) केवल 2 और 3
(D) 1, 2, 3 और 4
उत्तर: (b)
प्रश्न 2. भारत में निम्नलिखित में से किसके लिये साइबर सुरक्षा घटनाओं पर रिपोर्ट करना कानूनी रूप से अनिवार्य है? (2017)
1. सेवा प्रदाता
2. डेटा केंद्र
3. निगमित निकाय
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(A) केवल 1
(B) केवल 1 और 2
(C) केवल 3
(D) 1, 2 और 3
उत्तर: (d)
मेन्स
प्रश्न: साइबर सुरक्षा के विभिन्न घटक क्या हैं? साइबर सुरक्षा में चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जाँच कीजिये कि भारत ने व्यापक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति को किस हद तक सफलतापूर्वक विकसित किया है। (2022)