प्रारंभिक परीक्षा
भगत सिंह की 118वीं जयंती
- 29 Sep 2025
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चर्चा में क्यों?
राष्ट्र ने 28 सितंबर, 2025 को क्रांतिकारी भगत सिंह को उनकी 118वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
भगत सिंह से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?
- प्रारंभिक जीवन: भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को बंगा, पंजाब (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। वे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय एक सिख परिवार से थे।
- उनके पिता किशन सिंह तथा चाचा अजीत सिंह क्रांतिकारी थे, उनके चाचा को मांडले निर्वासित कर दिया गया था और बाद में वे सैन फ्राँसिस्को स्थित गदर पार्टी से जुड़े।
- प्रारंभिक अनुभव: जब वह 12 वर्ष के थे तब उन्होंने जलियाँवाला बाग में हुए नरसंहार को देखा, जिससे उनमें देशभक्ति की भावना प्रबल हुई और उन्हें भारत की स्वतंत्रता के लिये लड़ने की प्रेरणा मिली। बाद में उन्होंने लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित लाहौर के नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ उन्हें स्वदेशी और क्रांतिकारी विचारों से परिचित कराया गया।
- क्रांतिकारी संगठन: भगत सिंह वर्ष 1924 में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के सदस्य बने, बाद में वर्ष 1928 में इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) कर दिया गया।
- वर्ष 1926 में उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के लिये युवाओं को संगठित करने हेतु नौजवान भारत सभा की स्थापना की।
- वर्ष 1929 में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक (राजनीतिक गतिविधियों को दबाने और व्यक्तियों को निर्वासित करने) और व्यापार विवाद विधेयक (श्रमिकों के हड़ताल करने के अधिकार पर अंकुश लगाने) का विरोध करने के लिये केंद्रीय विधानसभा में कम तीव्रता वाले बम फेंके।
- मुकदमा और फाँसी: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर षड्यंत्र केस (1928) में दोषी ठहराया गया था, जिसमें लाहौर में ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जे.पी. सॉन्डर्स की हत्या शामिल थी, जिसे लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिये अंजाम दिया गया था।
- तीनों को 23 मार्च, 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी दे दी गई।
- विचारधारा और लेखन: भगत सिंह एक कट्टर नास्तिक और समाजवादी थे, जो मार्क्स, लेनिन, ट्रॉट्स्की और बाकुनिन जैसे विचारकों से प्रभावित थे।
- उनकी रचनाएँ, जिनमें "मैं नास्तिक क्यों हूँ" भी शामिल है। तर्कवाद, समानता और सामाजिक न्याय में उनके विश्वास को दर्शाती हैं।
- 1920 के दशक में भगत सिंह ने अमृतसर के उर्दू और पंजाबी समाचार पत्रों के लिये लेखन किया, साथ ही उन्होंने कीर्ति किसान पार्टी की पत्रिका ‘कीर्ति’ में भी लिखा और कुछ समय हेतु दिल्ली के ‘वीर अर्जुन’ समाचार पत्र में भी कार्य किया।
- वे प्रायः बलवंत, रंजीत और विद्रोही जैसे उपनामों का प्रयोग करते थे।
- विरासत: भगत सिंह, जिन्हें ‘शहीद-ए-आज़म’ की उपाधि दी गई, ने ‘इंकलाब ज़िंदाबाद’ का नारा दिया, जो भारत की आज़ादी की लड़ाई का एक सशक्त घोषवाक्य बन गया।
- प्रतिवर्ष 23 मार्च को भारत स्वतंत्रता सेनानियों- भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को सम्मान देने के लिये शहीद दिवस मनाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रश्न. गांधी-इरविन समझौते में निम्नलिखित में से क्या सम्मिलित था/थे? (2020)
- राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिये कांग्रेस को आमंत्रित करना
- असहयोग आंदोलन के संबंध में जारी किये गए अध्यादेशों को वापस लेना
- पुलिस की ज़्यादतियों की जाँच करने हेतु गांधीजी के सुझाव की स्वीकृति
- केवल उन्हीं कैदियों की रिहाई, जिन पर हिंसा का अभियोग नहीं था
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1
(b) केवल 1, 2 और 4
(c) केवल 3
(d) केवल 2, 3 और 4
उत्तर: (b)