प्रारंभिक परीक्षा
वन पर पर्यावरणीय लेखांकन 2025
- 29 Sep 2025
- 28 min read
चर्चा में क्यों?
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने अपने पर्यावरण लेखा प्रकाशन ‘वन पर पर्यावरणीय लेखांकन 2025’ का 8वाँ अंक संकलित और जारी किया।
- यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण आर्थिक लेखा प्रणाली (SEEA) फ्रेमवर्क पर आधारित वन लेखांकन पर पहली समर्पित रिपोर्ट है।
वन पर पर्यावरणीय लेखांकन 2025 क्या है?
- परिचय: इसका संकलन SEEA ढाँचे के अनुसार राष्ट्रीय और राज्य, दोनों स्तरों पर वन खातों पर व्यापक जानकारी प्रस्तुत करने के उद्देश्य से किया गया है। यह प्रकाशन दो अलग-अलग भागों में संकलित है।
- भाग I में विभिन्न वन इकोसिस्टम विवरणों के लिये कार्यप्रणाली और राष्ट्रीय स्तर के आँकड़ों की रूपरेखा दी गई है।
- भाग II में वन परिसंपत्तियों, विस्तार, स्थिति एवं सेवाओं में दशकीय परिवर्तनों पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्तर के आँकड़े प्रस्तुत किये गए हैं, साथ ही कुछ क्षेत्रों में संबंधित अध्ययनों की समीक्षा भी दी गई है।
- मुख्य निष्कर्ष:
- भौतिक संपत्ति लेखा (2010–11 से 2021–22)
- भारत का वन क्षेत्र 17,444.61 वर्ग किमी (22.50%) बढ़कर 7.15 लाख वर्ग किमी (भौगोलिक क्षेत्र का 21.76%) हो गया।
- वन क्षेत्र वृद्धि में प्रमुख योगदानकर्त्ता: केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु।
- विस्तार लेखा (2013–2023):
- पुनर्वर्गीकरण और सीमा समायोजन के कारण वन क्षेत्र में 3,356 वर्ग किमी की शुद्ध वृद्धि हुई।
- अभिलिखित वन क्षेत्र (RFA) में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष राज्य: उत्तराखंड, ओडिशा और झारखंड।
- स्थिति लेखा (2013-2023):
- पारिस्थितिकी तंत्र की गुणवत्ता, विशेष रूप से बढ़ते स्टॉक (जीवित वृक्षों में उपयोगी लकड़ी की मात्रा) पर ध्यान केंद्रित करता है।
- बढ़ते स्टॉक में 305.53 मिलियन क्यूबिक मीटर (cum) की वृद्धि हुई, जो 7.32% की वृद्धि को दर्शाता है।
- बढ़ते स्टॉक में वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना का है।
- सेवा लेखा (पारिस्थितिकी तंत्र सेवा मूल्यांकन)
- प्रावधान सेवाएँ (लकड़ी और गैर-लकड़ी उत्पाद): 2021-22 में मूल्यांकन सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 0.16% तक पहुँच गया।
- शीर्ष योगदानकर्त्ता महाराष्ट्र, गुजरात और केरल हैं।
- विनियमन सेवाएँ (कार्बन प्रतिधारण और जलवायु विनियमन):
- 2021-22 में मूल्यांकन बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2.63% हो गया।
- शीर्ष योगदानकर्त्ता अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और असम हैं।
- भौतिक संपत्ति लेखा (2010–11 से 2021–22)
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण आर्थिक लेखा प्रणाली (SEEA)
- पर्यावरण-आर्थिक लेखांकन प्रणाली (SEEA) एक अंतर्राष्ट्रीय सांख्यिकीय ढाँचा है जो अर्थव्यवस्था में पर्यावरण के योगदान और पर्यावरण पर अर्थव्यवस्था के प्रभाव दोनों को मापने के लिये आर्थिक तथा पर्यावरणीय डेटा को एकीकृत करता है।
- इसे वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय आयोग और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा विकसित किया गया था।
- भारत ने वर्ष 2018 में औपचारिक रूप से SEEA ढाँचे को अपनाया।
और पढ़ें: प्राकृतिक पूंजी लेखा एवं पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की मूल्यांकन परियोजना |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न. 'वैश्विक जलवायु परिवर्तन गठबंधन (GCCA)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- यह विकासशील देशों के साथ जलवायु परिवर्तन पर संवाद और सहयोग को मज़बूत करने के लिये यूरोपीय संघ की एक पहल है।
- भारत इस गठबंधन का एक सदस्य देश है।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: A