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DST की वर्षांत समीक्षा

  • 29 Dec 2022
  • 14 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ARTPARK, NIDHI कार्यक्रम, SWAMITVA योजना

मेन्स के लिये:

DST की उपलब्धियाँ, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science & Technology- DST) की वर्षांत समीक्षा जारी की गई। 

2022 में DST की प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • वैश्विक S&T सूचकांकों में भारत की रैंकिंग:
    • भारत ने वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक 2022 में विश्व की बड़ी नवोन्मेषी अर्थव्यवस्थाओं में 40वाँ स्थान हासिल किया है।  
    • नेशनल साइंस फाउंडेशन डेटाबेस के अनुसार, वैज्ञानिक प्रकाशन, उच्च शिक्षा प्रणाली में पीएचडी की संख्या और स्टार्ट-अप की संख्या के लिहाज़ से देश शीर्ष 3 देशों में बना हुआ है। 
  • मज़बूत स्टार्ट-अप और नवोन्मेष पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण: 
    • नवाचारों के विकास एवं संवर्द्धन के लिये राष्ट्रीय पहल (National Initiative for Developing and Harnessing Innovations- NIDHI) कार्यक्रम के तहत DST देश भर में टेक्नोलॉजी बिज़नस इन्क्यूबेटर्स (TBI) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एंटरप्रेन्योर्स पार्क्स (STEP) का नेटवर्क स्थापित करने में अग्रणी रहा है। 
    • नए PRAYAS केंद्रों के माध्यम से वर्ष 2022 के दौरान देश भर में चल रहे अन्य PRAYAS केंद्रों को समर्थन प्रदान किया गया जो युवा नवप्रवर्तकों को उनके विचारों को व्यावहारिकता में बदलने में सहायता कर रहे हैं।  
  • सुपरकंप्यूटिंग में नए मुकाम हासिल कर रहा है भारत: 
  • साइबर फिजिकल डोमेन में प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा: 
    • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2018 में अंतःविषयक साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Interdisciplinary Cyber Physical Systems- NM-ICPS) को पाँच साल की अवधि के लिये मंज़ूरी दी, जिसे DST द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।
      • मिशन को देश भर के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में बनाए गए 25 प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्रों (Technology Innovation Hubs- TIHs) के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है।   
    • कुछ नए नवाचारों में शामिल हैं:
      • XraySetu: ARTPARK के AI शोधकर्त्ताओं ने XraySetu नामक एक AI संचालित प्लेटफॉर्म विकसित किया है जो पिक्चर से चेस्ट एक्स-रे का विश्लेषण कर पाएगा।
      • रक्षक: IIT बॉम्बे के वैज्ञानिकों की एक टीम ने उपचारात्मक कार्रवाई, ज्ञान स्किमिंग और कोविड-19 के समग्र विश्लेषण (रक्षक) के तहत कोविड-19 की जाँच के लिये एक टेपेस्ट्री विधि विकसित की है, जो IIT जोधपुर में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) द्वारा समर्थित एक प्रयास है। 
  • अंतर्राष्ट्रीय एस एंड टी जुड़ाव पर भारत की स्थिति मज़बूत करना:
    • भारत ने हाल ही में G20 की अध्यक्षता ग्रहण की है और वर्ष 2023 में देश में पहली बार G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा।
      • इसी के हिस्से के रूप में DST 2023 में भारत जी20 अध्यक्षता के दौरान साइंस-20 (S20) एवं रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग (RIIG) जुड़ाव समूहों की गतिविधियों के समन्वय की ज़िम्मेदारी लेता है।
    • पहले चरण में संयुक्त रूप से 20 क्यूबिट सुपरकंडक्टिंग आधारित क्वांटम कंप्यूटर तैयार करना है और दूसरे चरण में इसे 54 क्यूबिट तक बढ़ाने की योजना है। क्वांटम कंप्यूटिंग में वर्चुअल नेटवर्क सेंटर स्थापित करने के लिये भारत ने फिनलैंड के साथ हाथ मिलाया है।
  • भू-स्थानिक डेटा, अवसंरचना एवं प्रौद्योगिकी:
    • हाल ही में दूसरा संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कॉन्ग्रेस (UNWGIC) 'ग्लोबल विलेज को भू-सक्षम बनाना: कोई भी पीछे न रहे' विषय पर हैदराबाद में 10-14 अक्तूबर, 2022 तक सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।  
    • देश के राष्ट्रीय सर्वेक्षण और मानचित्रण संगठन, भारतीय सर्वेक्षण विभाग (SOI) ने स्वामित्त्व (ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीक की मदद से मैपिंग एवं गाँवों के सर्वे की योजना) के हिस्से के रूप में 2 लाख से अधिक गाँवों की आबादी वाले इलाकों का ड्रोन से सफलतापूर्वक सर्वेक्षण किया है।
    • उपयोगकर्त्ताओं  को विभिन्न डिजिटल भू-स्थानिक उत्पाद (मुफ्त और उचित एवं पारदर्शी मूल्य के साथ) प्रदान करने के लिये ऑनलाइन मानचित्र पोर्टल शुरू किया गया।  
    • बाढ़ ज़ोखिम के बेहतर मानचित्रण और योजना संबंधी उद्देश्यों के लिये बेहद स्पष्ट GIS और डिजिटल एलिवेशन मॉडल (DEM) प्रदान करने के लिये प्रमुख नदी बेसिनों हेतु उच्च रिज़ॉल्यूशन का मानचित्रण किया जा रहा है।
  • सभी हितधारकों के लिये वैज्ञानिक बुनियादी ढाँचा सुलभ करना:
    • S&T इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिये कोष' के तहत 'विश्वविद्यालय शोध और वैज्ञानिक उत्कृष्टता (PURSE) को प्रोत्साहन' के तहत चार नए विश्वविद्यालयों और विभिन्न शैक्षणिक संगठनों एवं विश्वविद्यालयों में 65 विभागों को अनुसंधान बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने के लिये फंड फॉर इंप्रूवमेंट ऑफ S&T इंफ्रास्ट्रक्चर (FIST) के तहत सहायता प्रदान की गई। 
  • ऊर्जा और पर्यावरण चुनौतियों का समाधान:
    • अपनी तरह की पहली डिस्ट्रीब्यूटर सिस्टम ऑपरेटर (DSO) रिपोर्ट तैयार की गई है जो भारतीय विद्युत क्षेत्र की परिचालन और वित्तीय स्थिति को बदलने में मदद कर सकती है। इससे उद्योग में आवश्यक निवेश व नवाचार को आकर्षित करने के लिये निजी क्षेत्र के भरोसे को बढ़ाने में मदद मिलेगी। 
    • एक रियल टाइम प्रदूषण निगरानी फोटोनिक सिस्टम, एयर यूनिक क्वॉलिटी मॉनीटरिंग सिस्टम (AUM) विकसित किया गया है जो सभी वायु गुणवत्ता मानकों की उच्च संवेदनशीलता और सटीकता के साथ वास्तविक समय में दूरस्थ निगरानी करने में सक्षम है।
    • हैदराबाद में स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया पहला उच्च राख कोयला गैसीकरण आधारित मेथनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित किया गया है।
      • इसके साथ सरकारी स्वामित्त्व वाली इंजीनियरिंग फर्म भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने उच्च राख वाले भारतीय कोयले से मेथनॉल बनाने की सुविधा का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।
  • नए क्षेत्रों में विस्तार:
    • विभाग जलवायु परिवर्तन पर दो राष्ट्रीय मिशनों को संचालित कर रहा है। चार नए राज्य जलवायु परिवर्तन प्रकोष्ठ (SCCC) गोवा, केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़, झारखंड और उत्तर प्रदेश में स्थापित किये गए हैं।
  • महिला वैज्ञानिकों के लिये कॅरियर के अवसर:
    • DST अपनी प्रमुख पहल 'विज्ञान ज्योति' के माध्यम से मेधावी लड़कियों को कम प्रतिनिधित्त्व वाले विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में उच्च शिक्षा और कॅरियर के लिये प्रोत्साहित कर रहा है। 
    • बेसिक और अप्लाइड साइंसेज़ के 5 विषय क्षेत्रों में अनुसंधान के लिये महिला वैज्ञानिक योजना-A (WOS-A) के तहत महिला वैज्ञानिकों को अनुसंधान सहायता प्रदान की गई। 
    • महिला वैज्ञानिकों को 01-03 महीने की अवधि के लिये दुनिया भर के प्रमुख संस्थानों/विश्वविद्यालयों का दौरा करने की सुविधा प्रदान करने हेतु 'सर्ब-पावर मोबिलिटी ग्रांट' (SERB-POWER Mobility Grant)  की शुरुआत की गई।
  • विरासत का संरक्षण:
    • DST के विज्ञान एवं विरासत अनुसंधान पहल (श्री) कार्यक्रम के तहत पट्टामदाई चटाई (MAT) के उपयोग की संभावनाएँ खोजी गई हैं। यह एक ऐसी चटाई होती है जिसे कोरई घास को सूती धागों से बुनकर बनाया जाता है। इसका कक्षाओं में बाहरी शोरगुल को दूर रखने और स्टूडियो में उपयोग करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
      • इससे तमिलनाडु के तिरुनेलवेली की इस पारंपरिक कला की मांग बढ़ सकती है। 
  • राज्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अनुसंधान क्षमताएँ:
    • समर्पित योजना, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (Science and Engineering Research Board- SERB) द्वारा स्टेट यूनिवर्सिटी रिसर्च एक्सीलेंस (State University Research Excellence SERB-SURE) शुरू की गई है। इसका मकसद निजी सहित राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एक मज़बूत अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है।
  • अच्छा प्रयोगशाला अभ्यास (Good Laboratory Practice- GLP): 
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development- OECD) सिद्धांतों के अनुसार गैर-नैदानिक स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा अध्ययन करने, भारतीय टेस्ट सुविधाओं/प्रयोगशालाओं के प्रमाणन के लिये बेहतर राष्ट्रीय प्रयोगशाला अभ्यास (GLP) अनुपालन निगरानी कार्यक्रम लागू कर रहा है।  
  • कुछ प्रमुख क्षेत्रों में नीति निर्माण:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. विज्ञान किस प्रकार हमारे जीवन के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है? विज्ञान आधारित तकनीकों से कृषि में कौन से उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं? (मुख्य परीक्षा, 2020) 

स्रोत: पी.आई.बी.

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