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शासन व्यवस्था

असंगठित श्रमिक पहल और प्रवासी श्रमिक बाल कल्याण

  • 16 Dec 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

असंगठित श्रम, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, भारत के प्रवासी श्रमिक, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PM-JAY) 

मेन्स के लिये:

प्रवास केंद्रित नीति, भारत में असंगठित श्रम और संबंधित पहल

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों? 

श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय ने हाल ही में राज्यसभा में प्रस्तुत एक लिखित प्रतिक्रिया में असंगठित श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के लिये तैयार किये गए उपायों पर प्रकाश डाला।

  • इसके अतिरिक्त, मंत्रालय ने प्रवासी श्रमिकों के बच्चों के लिये कल्याण सुविधाओं पर भी ध्यान दिया।

असंगठित श्रम से संबंधित प्रमुख पहल क्या हैं?

नोट:

  • असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008, सरकार को जीवन और विकलांगता कवर, स्वास्थ्य और मातृत्व लाभ, वृद्धावस्था सुरक्षा आदि से संबंधित मामलों पर उपयुक्त कल्याणकारी योजनाएँ बनाकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश देता है।
    • असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 के तहत असंगठित श्रमिक शब्द को घर-आधारित श्रमिक, स्व-रोज़गार श्रमिक या असंगठित क्षेत्र में मज़दूरी करने वाले श्रमिक के रूप में परिभाषित किया गया है।
    • वर्ष 2011-12 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार, देश में संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में कुल रोज़गार 47 करोड़ था। इसमें से करीब 39 करोड़ असंगठित क्षेत्र में हैं।

प्रवासी श्रमिकों के बच्चों हेतु कल्याण सुविधाएँ क्या हैं?

  • अंतर-राज्य प्रवासी कामगार (रोज़गार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1979:
    • यह अधिनियम प्रवासी श्रमिकों के हितों की रक्षा करता है। यह अधिनियम अंतर-राज्यीय प्रवासी श्रमिकों को रोज़गार देने वाले कुछ प्रतिष्ठानों के पंजीकरण, ठेकेदारों को लाइसेंस देने आदि का प्रावधान करता है। 
      • ऐसे प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी, यात्रा भत्ता, विस्थापन भत्ता, आवासीय आवास, चिकित्सा सुविधाएँ, सुरक्षात्मक कपड़े आदि का भुगतान प्रदान किया जाना है।
  • निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009:
    • यह सरकार को 6 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को निकटवर्ती विद्यालय में मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने का आदेश देता है, जो अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिकों के बच्चों पर भी लागू होता है।
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