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शासन व्यवस्था

स्वास्थ्य संवर्द्धन में मीडिया की भूमिका

  • 30 May 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन, एशिया-प्रशांत इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (AIBD)। 

मेन्स के लिये:

महामारी के दौरान मीडिया की भूमिका, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया। 

चर्चा में क्यों? 

17वें एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय मीडिया की भूमिका की सराहना की। 

कोविड-19 के दौरान मीडिया की भूमिका: 

  • सकारात्मक भूमिका: 
    • इसने सुनिश्चित किया कि कोविड-19 पर जागरूकता संदेश, महत्त्वपूर्ण सरकारी दिशा-निर्देश और डॉक्टरों के साथ मुफ्त परामर्श तक देश के सभी लोगों की पहुँच होे। 
    • इसने वास्तविक समय के आधार पर फेक न्यूज़ और गलत सूचनाओं के खतरे के खिलाफ ज़ोरदार आवाज़ उठाई 
    • मीडिया ने सार्वजनिक सेवा के अपने जनादेश को त्वरित कवरेज, ज़मीनी रिपोर्ट और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से पूरा किया है। 
  • नकारात्मक भूमिका: 
    • सार्वजनिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता एवं जानकारी प्रसारित करने मेंं सोशल मीडिया ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हालांँकि महामारी के दौरान फेक न्यूज़ फैलाने, नफरत फैलाने और नस्लवाद पैदा करने के लिये इसका दुरुपयोग भी किया गया है। 
    • भारत में COVID-19 का पहला मामला सामने आने से पहले ही सोशल मीडिया पर दहशत फैल गई थी, जिससे बाज़ार में मास्क और सैनिटाइज़र खत्म हो गए थे। 
    • हवा के माध्यम से वायरस के संचरण और विभिन्न सतहों पर इसके जीवित रहने के झूठे दावों ने दहशत पैदा कर दी। 
    • यात्रा और दैनिक गतिविधियों के दौरान आम लोगों द्वारा N-95 मास्क के अनुचित उपयोग के परिणामस्वरूप फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों के लिये इसकी कमी हो गई, जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता थी। 
    • भारत में मौजूद कई मीडिया हाउसों ने हर्बल और प्रतिरक्षा-बूस्टर दवाओं के उपयोग के बारे में नकली दावों वाले संदेश, रोकथाम और उपचार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक तरीकों को व्यापक रूप से प्रसारित किया, जिसने भ्रम की स्थिति  को और बढ़ावा दिया। 
    • लॉकडाउन को बढ़ाने की संभावना जैसी अफवाहों से और दहशत फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप लोग क्वारंटीन तथा आइसोलेसन की प्रक्रिया से दूर भागते रहे और लोगों को अपने घरों की ओर लौटने के लिये लॉकडाउन से पहले या यहाँ तक कि लॉकडाउन के दौरान अनावश्यक यात्राएँ करनी पड़ी। 

 लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया की भूमिका: 

  • सूचना का स्रोत: लोकतंत्र और उसके विकास के लिये निष्पक्ष जानकारी प्मरदान करना महत्त्वपूर्ण है। मीडिया लोगों को महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने में मदद करता है। उदाहरण के लिये मीडिया अर्थव्यवस्था्, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि जैसे विषयों  पर महत्त्वपू्ण  डेटा प्रदान करता है। 
  • शिक्षित करना: समाज के लिये सर्वोपरि महत्त्व के विषयों पर लोगों को शिक्षित करने के लिये मीडिया महत्त्वपूर्ण है। बालात्कार की बढ़ती घटनाएँ समाज के लिये चिंता का विषय हैं। किसी भी मामले की सही जानकारी को उजागर कर समाज में  जागरूकता बढ़ाने में मीडिया का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। 
  • जागरूकता: मीडिया समाज के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों की याद दिलाता है और  समाज में नियंत्रण तथा संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है। 
  • निष्पक्षता सुनिश्चित करना: मीडिया न्याय सुनिश्चित करने और सरकार की नीतियों का लाभ समाज के कमज़ोर वर्गों तक पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  • वॉचडॉग: एक स्थिर लोकतंत्र के लिये सार्वजनिक मामलों पर मीडिया रिपोर्टिंग और सार्वजनिक मामलों के प्रशासन में गलत कामों की जांँच करना ज़रूरी है। इसका अर्थ है मीडिया द्वारा धोखाधड़ी या दुर्व्यवहार संबंधी ऐसे मामलों को उजागर करना, जो सीधे राजनेताओं का पक्ष लेता हैं। इससे लोगों को भ्रष्ट और बेईमान सरकार को हराने एवं सर्वश्रेष्ठ सरकार को चुनने में सहायता मिलती है।  
  • सुशासन: सरकारी नीतियों और खर्च की लेखा परीक्षा में मीडिया एक महत्त्वपूर्ण ण भूमिका निभाता है। एक निष्पक्ष मीडिया पारदर्शी रिपोर्टिंग के लिये आवश्यक है। 
  • जवाबदेही: तथ्यों और आंँकड़ों के आधार पर एक जानकार व्यक्ति  जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये सरकारी नीतियों को चुनौती दे सकता है। 
  • सरकारी नीतियों का प्रसार: विभिन्न सरकारी नीतियों और पहलों के प्रचार और प्रसार के लिये मीडिया प्रासंगिक है। स्वच्छ भारत तथा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आदि के प्रति जागरूकता फैलाने में मीडिया ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई । 
  • चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया सही अर्थ में लोकतंत्र की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

एशिया मीडिया सम्मलेन: 

एशिया मीडिया समिट, एशिया प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान (AIBD) द्वारा अपने भागीदारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से आयोजित वार्षिक सम्मेलन है। 

  • सम्मेलन में एशिया, प्रशांत, अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्व और उत्तरी अमेरिका के निर्णय निर्माताओं, मीडिया पेशेवरों, विद्वानों तथा समाचार व प्रोग्रामिंग के हितधारकों ने भाग लिया। 
  • एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन क्षेत्र में प्रसारकों को प्रसारण और सूचना पर अपने विचार साझा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है तथा सभी क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण संघों द्वारा समर्थित है। 

एशिया प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान (AIBD): 

  • परिचय: 
    • AIBD की स्थापना वर्ष 1977 में यूनेस्को के तत्त्वावधान में की गई थी। 
    • AIBD एक अद्वितीय क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विकास के क्षेत्र में UN-ESCAP (United Nations Economic and Social Commission for Asia and the Pacific) के की सेवा उपलब्ध कराता है।
    • इसका सचिवालय कुआलालंपुर (Kuala Lumpur) में स्थित है और मलेशिया सरकार द्वारा इसकी मेज़बानी की जाती है। 
    • नीति और संसाधन विकास के माध्यम से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक जीवंत व सामंजस्यपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वातावरण प्राप्त करने के लिये AIBD का अनुपालन अनिवार्य है। 
  • संस्थापक सदस्य: 
    • अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union-ITU), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme-UNDP), संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific Cultural Organisation-UNESCO) और एशिया-पेसिफिक ब्रॉडकास्टिंग यूनियन (Asia-Pacific Broadcasting Union-ABU) इस संस्थान के संस्थापक संगठन हैं और ये आम सभा के गैर-मतदाता सदस्य भी हैं। 

स्रोत: द हिंदू 

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