मुख्य परीक्षा
भारत की SDG 3 प्रगति
- 26 Sep 2025
- 37 min read
चर्चा में क्यों?
भारत ने सतत् विकास लक्ष्य (SDG) सूचकांक 2025 में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ 167 देशों में 99वाँ स्थान प्राप्त किया है, जो वर्ष 2024 में 109वें स्थान से बेहतर है। यह सुधार बुनियादी ढाँचे और बुनियादी सेवाओं में प्रगति को दर्शाता है।
- इसके बावजूद, विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में लगातार बनी स्वास्थ्य असमानताओं के कारण SDG- 3 (अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण) को प्राप्त करने से संबंधित चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
SDG-3 पर भारत की प्रगति की स्थिति क्या है?
- मातृ स्वास्थ्य: मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) वर्तमान में 100,000 जीवित जन्मों पर 97 मृत्यु है, जो 70 के लक्ष्य से काफी अधिक है।
- बाल मृत्यु दर: पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 1,000 जीवित जन्मों पर 32 है, जबकि लक्ष्य 25 है।
- जीवन प्रत्याशा: औसत जीवन प्रत्याशा वर्तमान में 70 वर्ष है, जो 73.63 वर्ष के लक्ष्य से कम है।
- वित्तीय बोझ: स्वास्थ्य सेवाओं पर जेब से होने वाला व्यय कुल उपभोग का 13% है, जो 7.83% के लक्ष्य से लगभग दोगुना है।
- टीकाकरण: वर्तमान में कवरेज 93.23% है, जो उच्च है, लेकिन अभी भी सार्वभौमिक 100% लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाया है।
SDG- 3 लक्ष्यों को प्राप्त करने में अंतराल के क्या कारण हैं?
- पहुँच से संबंधित समस्याएँ: ग्रामीण क्षेत्रों में कमज़ोर स्वास्थ्य अवसंरचना और आर्थिक बाधाएँ कई लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने से रोकती हैं।
- गैर-आर्थिक कारक: कुपोषण, अपर्याप्त स्वच्छता और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली जैसी चुनौतियाँ रोग भार में महत्त्वपूर्ण योगदान देती हैं।
- सामाजिक-सांस्कृतिक बाधाएँ: सांस्कृतिक प्रथाएँ और भेदभाव, विशेषकर मानसिक और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के आसपास, अक्सर समुदायों को उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं का उपयोग करने से रोकते हैं।
- बीमारियों का दोहरा बोझ: भारत अब भी मलेरिया, डेंगू और कुष्ठ जैसे संक्रामक रोगों से जूझ रहा है, वहीं मधुमेह और हृदय संबंधी रोगों जैसे असंक्रामक रोगों (NCDs) की बढ़ती समस्या स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डालती है।
- कोविड-19 महामारी का व्यवधान: इससे टीकाकरण, मातृ देखभाल और रोग नियंत्रण जैसी सेवाओं से संसाधन हट गए, जिसके चलते समय पर निदान नहीं हो पाया, उपचार बाधित हुआ, संस्थागत प्रसवों में कमी आई जिससे टीकाकरण कवरेज भी घट गया।
SDG 3 की प्रगति बढ़ाने हेतु भारत को क्या उपाय अपनाने चाहिये?
- सर्वव्यापी स्वास्थ्य बीमा: जेब से होने वाले व्यय को कम करने और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच बढ़ाने के लिये सर्वव्यापी स्वास्थ्य बीमा लागू करना।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और डिजिटल स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाना: प्रारंभिक रोग पहचान के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करना और दूरदराज़ क्षेत्रों में पहुँच बढ़ाने के लिये टेलीमेडिसिन व डिजिटल रिकॉर्ड का उपयोग करना।
- स्कूल स्वास्थ्य शिक्षा: स्कूलों में एक सुव्यवस्थित स्वास्थ्य शिक्षा पाठ्यक्रम लागू करना, जिसमें पोषण, स्वच्छता, प्रजनन स्वास्थ्य, सड़क सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य शामिल हों।
- उदाहरण के लिये, फिनलैंड ने स्कूल स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से हृदय संबंधी मृत्यु दर कम की और जापान ने स्वच्छता एवं दीर्घायु में सुधार किया।
- विभागीय समन्वय: एकीकृत पोषण, जल एवं स्वच्छता, पर्यावरणीय स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल के लिये स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, जल शक्ति तथा पर्यावरण विभाग के बीच समन्वय को मज़बूत करना।
- स्वास्थ्य पहलों के प्रबंधन एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये पंचायत राज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त बनाना और सामाजिक ऑडिट आयोजित करने की क्षमता देना।
- योजनाओं के कार्यान्वयन में तेज़ी लाना: आयुष्मान भारत (प्रति परिवार 5 लाख रुपए स्वास्थ्य कवर), पोषण अभियान (स्टंटिंग, अल्पपोषण में कमी), मिशन इंद्रधनुष (बाल टीकाकरण) और LaQshya (लेबर रूम और मातृत्व देखभाल की गुणवत्ता में सुधार) जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन में तेज़ी लाना।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. SDG 3 (अच्छा स्वास्थ्य एवं कल्याण) के अंतर्गत भारत की प्रगति की समीक्षा कीजिये और वर्ष 2030 तक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने में आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न. धारणीय विकास, भावी पीढ़ियों के अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के सामर्थ्य से समझौता किये बगैर, वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस परिप्रेक्ष्य में धारणीय विकास का सिद्धान्त निम्नलिखित में से किस एक सिद्धांत के साथ स्वाभाविक रूप से जुड़ा हुआ है ? (2010)
(a) सामाजिक न्याय एवं. सशक्तीकरण
(b) समावेशी विकास
(c) वैश्वीकरण
(d) धारण क्षमता
उत्तर: (d)
मेन्स
प्रश्न. वहनीय, विश्वसनीय, सतत् और आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के लिये अनिवार्य है।” भारत में इस संबंध में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिये। (2018)