इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

गैर-संचारी रोगों के उपचार हेतु दिशा-निर्देश और आदर्श छूटग्राही अनुबंध का मॉडल

  • 18 Oct 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नीति आयोग ने गैर-संचारी रोगों के उपचार हेतु सार्वजनिक और निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिये दिशा-निर्देशों के साथ ही आदर्श छूटग्राही अनुबंध का मॉडल भी जारी किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अनुबंध मॉडल के ज़रिये दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों के जिला अस्‍पतालों में गैर-संचारी रोगों (हृदय रोग, कैंसर और फेफड़ों) से संबंधित बीमारियों की रोकथाम और उपचार की पूरक व्‍यवस्‍था की गई है।
  • नीति आयोग ने स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, राज्‍य सरकारों और स्‍वास्‍थ्‍य सेवा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर इसे तैयार किया है।
  • नीति आयोग ने देश पर बीमारियों के बोझ में गैर-संचारी रोगों का प्रतिशत पिछले कुछ वर्षों से बढ़ने के कारण ये दिशा-निर्देंश जारी किये हैं।
  • गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और उपचार के लिये सार्वजनिक निजी भागादारी इकाइयाँ ज़िला अस्‍पतालों में खोली जाएंगी।
  • आदर्श छूटग्राही अनुबंध मॉडल के तहत तीन गैर-संचारी रोगों- हृदय रोग, कैंसर और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों की रोकथाम और उपचार को शामिल किया गया है।
  • इस अनुबंध मॉडल के तहत कैंसर, श्‍वसन रोग तथा हृदय रोग के प्रभाव को घटाने के साथ ही कैंसर रोग में कीमोथैरेपी और हारमोन थैरेपी के ज़रिये इलाज करना, श्वसन रोग में दवाइयों के ज़रिये आपात चिकित्‍सा प्रबंधन एवं हृदय  रोग में एनजियोग्राफी-एनजियोप्‍लासटी और दवाइयों के ज़रिये आपात चिकित्‍सा प्रबंधन को शामिल करके सेवाओं का विस्तार किया गया है । 
  • सार्वजनिक जन भागीदारी के तहत ये सेवाएँ एकल साझेदार या निजी साझेदारों के एकल समूह द्वारा उपलब्‍ध कराई जाएंगी।
  • निजी भागीदारों को इन इकाइयों में उपलब्‍ध कराई जाने वाली सेवाओं के उन्‍नयन और उनके संचालन प्रबंधन के लिये निवेश करना होगा।
  • सरकार द्वारा ज़मीन और अन्‍य ढाँचागत सुविधाएँ ‘जहाँ हैं जैसी हैं’ के आधार पर उपलब्‍ध कराई जाएंगी। इसके अलावा अस्‍पतालों में सभी तरह की सुविधाओं के लिये भी सरकार द्वारा मदद की जाएगी।कम पड़ने वाली राशि की व्‍यवस्‍था सरकारों द्वारा की जाएगी।
  • रोगियों से सेवाओं के बदले ली जाने वाली शुल्‍क की दरें राज्‍यों और केंद्रों सरकारों द्वारा तय बीमा योजनाओं के आधार पर वसूली जाएंगी। जिन राज्‍यों में ऐसे बीमा पैकेज नहीं होंगे वहाँ लाभार्थी सीजीएचएस पैकेज की सुविधा ले सकेंगे।  
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow