मुख्य परीक्षा
वैश्विक ऊर्जा स्थिति
- 05 Aug 2025
- 50 min read
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के विद्युत मध्य-वार्षिक अद्यतन 2025 में हीटवेव, एयर कंडीशनरों, डेटा केंद्रों और इलेक्ट्रिक वाहनों के कारण बढ़ती विद्युत की मांग पर प्रकाश डाला गया है, जबकि सौर, पवन और परमाणु ऊर्जा वैश्विक बिजली मिश्रण को तेज़ी से नया आकार दे रही है।
IEA के विद्युत मध्य-वार्षिक अद्यतन 2025 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- वैश्विक बिजली मांग पूर्वानुमान: वैश्विक विद्युत मांग 2025 में 3.3% और 2026 में 3.7% बढ़ने का अनुमान है, जो वर्ष 2015-2023 के 2.6% के औसत से काफी अधिक है।
- भारत और चीन मिलकर 2026 तक वैश्विक मांग वृद्धि में 60% का योगदान देंगे, जिसमें भारत वर्ष 2025 में 4% और वर्ष 2026 में 6.6% की दर से बढ़ेगा।
- कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य: सौर और पवन ऊर्जा वर्ष 2025 या 2026 तक कोयला उत्पादन को पार कर जाएंगे तथा उनकी हिस्सेदारी 2024 में 15% से बढ़कर 2026 तक 20% हो जाएगी। वर्ष 2025 में बिजली की मांग में 90% से अधिक की वृद्धि सौर और पवन ऊर्जा के कारण होगी।
- परिणामस्वरूप कुल उत्पादन में कोयले की हिस्सेदारी पिछले 100 वर्षों में पहली बार 33% से नीचे गिरने वाली है।
- परमाणु ऊर्जा में वृद्धि: वैश्विक परमाणु ऊर्जा उत्पादन वर्ष 2025 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने वाला है, जिसमें 2025-26 के दौरान 2% की वृद्धि होने का अनुमान है। यह वृद्धि मुख्यतः चीन, भारत और दक्षिण कोरिया में नए रिएक्टरों की स्थापना तथा जापान में बंद पड़ी परमाणु संयंत्रों के पुनः प्रारंभ होने के कारण हो रही है।
- विद्युत सुरक्षा: चिली और स्पेन/पुर्तगाल में ब्लैकआउट से विद्युत सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मज़बूत ग्रिड अवसंरचना, सुरक्षित आपूर्ति शृंखला और लचीले संसाधनों की आवश्यकता पर बल मिलता है।
- उत्सर्जन: चरम मौसम के बावजूद, 2024 में वैश्विक उत्सर्जन में केवल 1.2% की वृद्धि होगी।
- कम उत्सर्जन वाले स्रोत (नवीकरणीय + परमाणु) जीवाश्म ईंधन के उपयोग की भरपाई कर रहे हैं, हालांकि अप्रत्याशित मौसम अभी भी वर्ष-दर-वर्ष प्रवृत्तियों को प्रभावित करता है।
भारत का ऊर्जा परिदृश्य क्या है?
- भारत में स्थापित विद्युत क्षमता (जून 2025)
स्रोत (Source) |
क्षमता (GW) |
प्रतिशत (%) |
थर्मल |
242.04 |
49.92% |
परमाणु (Nuclear) |
8.78 |
1.81% |
बड़े जल विद्युत (Large Hydro) |
49.38 |
10.19% |
नवीकरणीय ऊर्जा (RE) |
184.62 |
38.08% |
कुल |
484.82 |
100% |
- स्थापित ऊर्जा में जीवाश्म बनाम गैर-जीवाश्म ऊर्जा का हिस्सा (जून 2025 तक):
श्रेणी |
क्षमता (GW) |
प्रतिशत (%) |
जीवाश्म ईंधन (Thermal) |
242.04 |
49.92% |
गैर-जीवाश्म ईंधन (RE + LH + Nuclear) |
242.78 |
50.08% |
कुल |
484.82 |
100% |
- नवीकरणीय ऊर्जा: नवीकरणीय ऊर्जा में सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा हिस्सा है, जो कुल गैर-जीवाश्म क्षमता का 47.06% योगदान देता है, इसके बाद पवन ऊर्जा का 21.78% योगदान है।
- जल विद्युत का योगदान 20.35% है, जबकि जैव ऊर्जा का योगदान 4.92% है। परमाणु ऊर्जा का योगदान 3.73% है, और लघु जल विद्युत का योगदान 2.17% है।
- अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) के नवीकरणीय ऊर्जा सांख्यिकी 2025 के अनुसार, भारत वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में चौथे स्थान पर, पवन ऊर्जा में चौथे स्थान पर तथा सौर ऊर्जा क्षमता में तीसरे स्थान पर है।
- तेल, गैस और जैव ऊर्जा: तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) कनेक्शन 14.5 करोड़ से बढ़कर 33 करोड़ (2014-2025) हो गए।
- भारत ने वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह मिश्रण 2014 में केवल 1.5% से बढ़कर 2025 में 20% हो जाएगा।
- जैव ऊर्जा क्षमता 8.1 गीगावाट से बढ़कर 11.6 गीगावाट हो गई तथा संपीड़ित बायोगैस (CBG) क्षमता 2014 में 1 परियोजना (8 टन प्रति दिन (TPD)) से बढ़कर मार्च 2025 तक 150 परियोजनाएँ (1,211 TPD) हो गई।
- बिजली सुरक्षा: बिजली की कमी वर्ष 2013-14 में 4.2% से घटकर वर्ष 2024-25 में 0.1% हो गई। प्रति व्यक्ति बिजली खपत में 45.8% की वृद्धि (957 kWh से बढ़कर 1,395 kWh) हो जाएगी।
- भारत ने अप्रैल 2018 तक 100% गाँवों का विद्युतीकरण कर लिया था और तब से 2.8 करोड़ से अधिक घरों को ग्रिड से जोड़ दिया गया है।
- प्रमुख नवीकरणीय योजनाएँ:
योजना |
उद्देश्य |
कृषि में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना |
|
1 करोड़ घरों के लिये छत पर सौर ऊर्जा |
|
बड़े पैमाने पर सौर परियोजनाओं के लिये बुनियादी ढाँचा |
|
घरेलू सौर फोटोवोल्टिक विनिर्माण को बढ़ावा देना |
|
बिजली उत्पादन के लिये अपशिष्ट से ऊर्जा, बायोमास और बायोगैस |
|
ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा का उपयोग करके जनजातीय/PVTG घरों का विद्युतीकरण करना |
|
भारत को हरित हाइड्रोजन उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाना |
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA)
- IEA एक स्वायत्त अंतर-सरकारी संगठन है, जो आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की रूपरेखा के तहत कार्य करता है।
- IEA की स्थापना वर्ष 1974 में पेरिस में 1973-74 के तेल संकट के जवाब में की गई थी, ताकि तेल आपूर्ति में व्यवधान का समाधान किया जा सके।
- यह एजेंसी ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास, पर्यावरणीय जागरूकता और वैश्विक सहभागिता पर केंद्रित है।
- IEA के 32 सदस्य देश और 13 सहयोगी देश हैं। भारत वर्ष 2017 में सहयोगी सदस्य के रूप में जुड़ा।
- IEA ने भारत को पूर्ण सदस्य बनने का आमंत्रण दिया है, जिससे भारत की वैश्विक ऊर्जा प्रवृत्तियों में बढ़ते प्रभाव को स्वीकार किया गया है।
- IEA ऊर्जा नीति विश्लेषण करता है और वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक तथा वर्ल्ड एनर्जी इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट जैसी रिपोर्टें प्रकाशित करता है।
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रश्न: भारत द्वारा स्वयं को नवीकरणीय ऊर्जा के वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने हेतु कौन-कौन सी पहलें की गई हैं और वे कितनी सफल रही हैं? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)मेन्स प्रश्न. भारत की ऊर्जा सुरक्षा का प्रश्न भारत की आर्थिक प्रगति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के ऊर्जा नीति सहयोग का विश्लेषण कीजिये। (2017) प्रश्न. वहनीय (अफोर्डेबल), विश्वसनीय, धारणीय तथा आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच संधारणीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये अनिवार्य हैं। भारत में इस संबंध में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिये। (2018) |