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भारतीय अर्थव्यवस्था

कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार विकास निधि

  • 31 Jul 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कॉर्पोरेट ऋण के लिये गारंटी योजना, कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार विकास निधि, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), कॉर्पोरेट ऋण के लिये गारंटी निधि (GFCD)

मेन्स के लिये:

कॉरपोरेट बाॅण्ड बाज़ार में CDMDF की भूमिका, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार ने कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार विकास निधि (Corporate Debt Market Development Fund- CDMDF) द्वारा उठाए गए ऋण के लिये गारंटी कवर प्रदान करने हेतु कॉर्पोरेट ऋण के लिये गारंटी योजना (Guarantee Scheme for Corporate Debt- GSCD) को मंज़ूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य दबाव के समय में कॉर्पोरेट बाॅण्ड बाज़ार को स्थिर करना है।

कॉर्पोरेट ऋण के लिये गारंटी योजना (GSCD):

  • कॉर्पोरेट ऋण के लिये गारंटी योजना, कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार विकास निधि द्वारा उठाए गए ऋण के लिये पूर्ण गारंटी कवर प्रदान करता है।
  • GSCD का प्राथमिक उद्देश्य निवेशकों का विश्वास बढ़ाना और कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार को स्थिरता प्रदान करना है।
  • GSCD का प्रबंधन कॉर्पोरेट ऋण के लिये गारंटी फंड (GFCD) द्वारा किया जाता है।
    • GFCD आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs- DEA) द्वारा गठित और नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रबंधित एक ट्रस्ट फंड है, जो वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।
  • इस योजना को बाज़ार अव्यवस्था के दौरान CDMDF द्वारा निवेश-श्रेणी की कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों के क्रय करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • निवेश-श्रेणी की कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियाँ उन कंपनियों द्वारा जारी किये गए बाॅण्ड या नोट होते हैं जिनमें डिफ़ॉल्ट/कमी पाए जाने का जोखिम कम होता है और क्रेडिट रेटिंग भी अच्छी होती है।
  • GSCD द्वारा प्रदान किया गया गारंटी कवर यह सुनिश्चित करता है कि निवेशक, निवेश-श्रेणी की कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों से संबंधित संभावित जोखिमों से सुरक्षित हैं।
  • CDMDF द्वितीयक बाज़ार की तरलता/चलनिधि को बढ़ाता है जो GSCD के अंतर्गत सुनिश्चित प्रतिभूतियों को क्रय करने और कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार की समग्र स्थिरता का समर्थन करता है।

कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार विकास निधि (CDMDF):

  • CDMDF भारत में कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु स्थापित एक वैकल्पिक निवेश निधि है, इसे एक क्लोज़-एंडेड योजना के रूप में लॉन्च किया जाएगा।
  • CDMDF, निवेश-श्रेणी की कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों के लिये बैकस्टॉप सुविधा के रूप में कार्य करता है, जो स्थिरता प्रदान करने के साथ-साथ बाज़ार में निवेश के लिये निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है।
  • CDMDF म्यूचुअल फंड के लिये 33,000 करोड़ रुपए की बैकस्टॉप सुविधा प्रदान करता है। इसमें सरकार 30,000 करोड़ रुपए का योगदान देने के साथ-साथ परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों को बकाया 3,000 करोड़ रुपए प्रदान करेंगी।
  • CDMDF का उद्देश्य एक स्थायी संस्थागत संरचना का निर्माण कर द्वितीयक बाज़ार की तरलता/चलनिधि को बढ़ाना है, जिसे बाज़ार में बढ़ने वाले दबाव (Market Stress) की अवधि के दौरान सक्रिय किया जा सकता है।
  • यह फंड बाज़ार की अव्यवस्था के समय निवेशकों के लिये सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करता है, कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार को समर्थन एवं स्थिरता प्रदान करता है।

CDMDF के लिये SEBI दिशा-निर्देश:

  • निवेश:
    • सामान्य बाज़ार स्थितियों के दौरान CDMDF कम अवधि की सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities/G-sec), ट्रेज़री बिल और सात दिनों से अधिक की परिपक्वता अवधि वाले गारंटीकृत कॉर्पोरेट बॉण्ड रेपो से निपटने पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • बाज़ार अव्यवस्था का अनुभव होने पर CDMDF निवेशकों के लिये सुरक्षा जाल प्रदान करते हुए निवेश-श्रेणी की कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों को खरीदने के लिये कदम उठाता है।
      • बाज़ार अव्यवस्था के दौरान म्यूचुअल फंड योजनाओं द्वारा CDMDF को बेची गई कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों को रिक्वेस्ट फॉर कोट (Request for Quote- RFQ) प्लेटफॉर्म पर निष्पादित व्यापार के रूप में माना जाएगा।
  • योग्य प्रतिभूतियाँ:
    • CDMDF केवल पाँच वर्ष तक की शेष परिपक्वता अवधि वाली सूचीबद्ध कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों को खरीदने के लिये अधिकृत है।
    • बहिष्करण की शर्त:
      • फंड असूचीबद्ध, निवेश-ग्रेड से नीचे, या डिफॉल्ट ऋण प्रतिभूतियों को प्राप्त करने से परहेज करता है।
      • ऐसी प्रतिभूतियाँ जो डिफॉल्ट या प्रतिकूल क्रेडिट समाचार या विचारों की भौतिक संभावना प्रस्तुत करती हैं, उन्हें भी बाहर रखा गया है।
  • उचित मूल्य निर्धारण तंत्र:
    • CDMDF पारदर्शिता एवं बाज़ार स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये तरलता जोखिम, ब्याज दर जोखिम तथा क्रेडिट जोखिम को ध्यान में रखते हुए उचित मूल्य पर प्रतिभूतियाँ खरीदता है।
      • इसके तहत खरीदारी अथवा व्यापार उचित मूल्य पर किया जाता है, न कि संकटापन्न मूल्य (Distress Price) पर।
    • बाज़ार के स्थिर होते ही प्रतिभूतियों की बिक्री लाभ के लिये की जाने लगती है, जिसका लक्ष्य उधार को जल्द-से-जल्द कम करना होता है।
  • सदस्यता और योगदान:
    • CDMDF की इकाइयों को म्यूचुअल फंड की परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (Asset Management Companies- AMCs) और निर्दिष्ट ऋण-उन्मुख म्यूचुअल फंड योजनाओं द्वारा सदस्यता प्रदान की जाती है।
    • CDMDF के संचालन का समर्थन करने के लिये विशिष्ट ऋण-उन्मुख म्यूचुअल फंड योजनाओं के AMCs प्रबंधन के तहत उनकी परिसंपत्ति के दो आधार अंकों (basis points- bps) के बराबर एकमुश्त योगदान करते हैं।
  • कार्यकाल:
    • 15 वर्ष के शुरुआती कार्यकाल के साथ CDMDF को एक क्लोज़्ड-एंडेड योजना के रूप में लॉन्च किया जाएगा।
    • SEBI के सहयोग से आर्थिक कार्य विभाग (Department of Economic Affairs- DEA) के पास इसके विस्तार संबंधी निर्णय लेने की शक्ति होगी।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रश्न. पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों, जो स्वयं को सीधे पंजीकृत कराए बिना भारतीय स्टॉक बाज़ार का हिस्सा बनना चाहते है, को निम्नलिखित में से क्या जारी किया जाता है? (2019)

(a) जमा प्रमाण-पत्र

(b) वाणिज्यिक पत्र

(c) वचन-पत्र (प्रॉमिसरी नोट)

(d) सहभागिता पत्र (पार्टिसिपेटरी नोट)

उत्तर: (d)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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