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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

15वीं ‘पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन ऊर्जा मंत्रियों की बैठक’

  • 17 Sep 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये

दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन

मेन्स के लिये

ऊर्जा ट्रांज़िशन हेतु भारत द्वारा किये गए प्रयास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने 15वीं ‘पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन ऊर्जा मंत्रियों की बैठक’ में हिस्सा लिया।

  • इस बैठक का विषय था- ‘वी केयर, वी प्रिपेयर, वी प्रॉस्पर’ (We Care, We Prepare, We Prosper)।

प्रमुख बिंदु

  • बैठक के विषय में
    • बैठक का उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा ट्रांज़िशन के लक्ष्य को आगे बढ़ाने हेतु दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) देशों के प्रयासों का समन्वय करना था, जिससे क्षेत्र के लोगों को अधिकतम लाभ प्रदान किया सके।
    • भारत ने पुष्टि की कि आसियान बहुत ही महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है और आसियान के साथ जुड़ाव भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति का एक अनिवार्य तत्त्व है।
      • ‘एक्ट ईस्ट’ भारत के इंडो-पैसिफिक विज़न का एक केंद्रीय तत्त्व है।
    • भारत ने ऊर्जा ट्रांज़िशन योजनाओं, नीतियों, चुनौतियों और डीकार्बोनाइज़ेशन की दिशा में प्रयासों की मौजूदा स्थिति का संक्षिप्त ब्योरा भी प्रदान किया।

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पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन:

  • पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के बारे में:
    • वर्ष 2005 में स्थापित, यह भारत-प्रशांत क्षेत्र के समक्ष उत्पन्न होने वाली प्रमुख राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों पर रणनीतिक बातचीत एवं सहयोग हेतु 18 क्षेत्रीय नेताओं (देशों) का एक मंच है।
    • वर्ष 1991 में पहली बार पूर्वी एशिया समूह की अवधारणा को तत्कालीन मलेशियाई प्रधानमंत्री, महाथिर बिन मोहम्मद द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
    • EAS के ढांँचे में  क्षेत्रीय सहयोग के छह प्राथमिकता वाले क्षेत्र शामिल हैं जो इस प्रकार हैं - पर्यावरण और ऊर्जा, शिक्षा, वित्त, वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दे और महामारी रोग, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन तथा आसियान कनेक्टिविटी।
  • सदस्यता:
    • इसमें आसियान के दस सदस्य देशों- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार,फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के साथ 8 अन्य देश- ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, भारत, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
    • यह आसियान देशों पर केंद्रित एक मंच है, इसलिये इसकी अध्यक्षता केवल आसियान सदस्य ही कर सकता है।
      • वर्ष 2021 के लिये इसकी अध्यक्षता ब्रुनेई दारुस्सलाम (Brunei Darussalam) के पास है।
  • पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और प्रक्रियाएँ :
    • पूर्वी एशिया शिखर (EAS) सम्मेलन की वार्षिक सूची नेताओं के शिखर सम्मेलन के साथ समाप्त होती है, जिसका आयोजन आमतौर पर प्रत्येक वर्ष की चौथी तिमाही में आसियान नेताओं की बैठकों के साथ किया जाता है।
    • EAS विदेश मंत्रियों और आर्थिक मंत्रियों (Economic Ministers) की बैठकें भी प्रतिवर्ष आयोजित की जाती हैं। 
  • भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन :
    • भारत पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के संस्थापक सदस्यों में से एक है।
    • भारत ने नवंबर 2019 में बैंकॉक में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत की इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव (IPOI) का अनावरण किया था, जिसका उद्देश्य एक सुरक्षित और स्थिर समुद्री डोमेन या अधिकार क्षेत्र बनाने के लिये भागीदार बनाना है।
  • अन्य संबंधित समूह:
    • आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस (ADMM PLUS):
      • यह 10 आसियान देशों और आठ संवाद भागीदार देशों के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक बैठक है।
      • ADMM-Plus में दस आसियान सदस्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूसी संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
    • आसियान क्षेत्रीय मंच:
      • वर्ष 1994 में स्थापित, आसियान क्षेत्रीय मंच (ARF) इंडो-पैसिफिक में सुरक्षा वार्ता के लिये एक महत्त्वपूर्ण मंच है।
      • इसमें 27 सदस्य शामिल हैं: 10 आसियान सदस्य देश, 10 आसियान संवाद भागीदार [ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य (ROK), रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका]; बांग्लादेश, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मंगोलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका तथा तिमोर-लेस्ते; और एक आसियान पर्यवेक्षक (पापुआ न्यू गिनी)।

स्रोत: पीआईबी

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