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शासन व्यवस्था

उजाला और SLNP के 6 वर्ष

  • 25 Feb 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

उजाला (Unnat Jyoti by Affordable LEDs for All) योजना और SLNP (स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम) ने अपने सफल कार्यान्वयन के छह वर्ष पूरे कर लिये हैं। इन दोनों कार्यक्रमों ने देश भर में घरेलू और सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था को पुनर्जीवित किया है।

  • दोनों योजनाओं का क्रियान्वयन ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (Energy Efficiency Services Limited- EESL) द्वारा किया जा रहा है, जो विद्युत मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रमों का एक संयुक्त उद्यम है।
  • इन योजनाओं को एलईडी क्षेत्र में परिवर्तनकारी योगदान के लिये ‘साउथ एशिया प्रोक्योरमेंट इनोवेशन अवार्ड’ (SAPIA) 2017, ‘ग्लोबल सॉलिड स्टेट लाइटिंग ’ (SSL) अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस जैसे वैश्विक पुरस्कार दिये गए हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • उजाला योजना (Unnat Jyoti by Affordable LEDs for All)

    • उजाला, सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई एक ‘ज़ीरो-सब्सिडी योजना’ है।
    • इसे विश्व की सबसे बड़ी घरेलू प्रकाश परियोजना के रूप में जाना जाता है।
    • इसे एलईडी-आधारित घरेलू कुशल प्रकाश कार्यक्रम (DELP) के रूप में भी जाना जाता है, इसका उद्देश्य सभी के लिये ऊर्जा के कुशल उपयोग (अर्थात् इसकी खपत, बचत और प्रकाश व्यवस्था) को बढ़ावा देना है।
    • प्रत्येक परिवार जो संबंधित विद्युत वितरण कंपनी का घरेलू कनेक्शन रखता है, योजना के तहत LED बल्ब प्राप्त करने के लिये पात्र है।
  • उपलब्धियाँ:
    • उजाला योजना के तहत EESL ने पूरे भारत में 36.69 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किये हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रतिवर्ष 47.65 बिलियन किलोवाट घंटा की अनुमानित ऊर्जा बचत के साथ विद्युत की मांग में 9,540 मेगावाट की कमी और प्रतिवर्ष अनुमानतः 38.59 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन में कमी के साथ ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन में भी कमी आई है।
    • इसने घरेलू एलईडी बल्ब बाज़ारों की वृद्धि में सहायता की है।
    • इसने औसत घरेलू बिजली बिलों को 15% तक कम करने में सहायता की है।
  • स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम (SLNP):

    • SLNP को वर्ष 2015 में शुरू किया गया था , यह भारत में ऊर्जा-दक्षता को बढ़ावा देने हेतु एक सरकारी योजना है।
    • इस कार्यक्रम के तहत EESL नगरपालिकाओं द्वारा किसी भी प्रकार के निवेश के बिना अपनी लागत पर पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों को एलईडी से बदल देता है, जिससे EESL द्वारा किया जा रहा यह परिवर्तन अधिक आकर्षक हो जाता है।
    • इस योजना से विद्युत मांग में 500 मेगावाट की कमी, 190 करोड़ किलोवाट की वार्षिक ऊर्जा बचत और CO2 उत्सर्जन में 15 लाख टन की कमी आने की संभावना है।
    • SLNP की योजना पूरे ग्रामीण भारत को कवर करने के लिये वर्ष 2024 तक 8,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने की है।।
  • उपलब्धियाँ:
    • अभी तक 1.14 करोड़ से अधिक स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं, जिससे प्रतिवर्ष 7.67 बिलियन kWh की अनुमानित ऊर्जा बचत होती है तथा प्रतिवर्ष 1,161 मेगावाट की उच्च मांग और 5.29 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन में कमी के साथ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी आती है।
    • इस योजना से नगरपालिकाएँ अपने बिजली बिलों में 5,210 करोड़ रुपए बचाने में सक्षम हुईं हैं।

स्रोत- पी.आई.बी

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