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ओमिक्रॉन : नया कोरोना वेरिएंट

  • 29 Nov 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वेरिएंट ऑफ कन्सर्न, विश्व स्वास्थ्य संगठन, डेल्टा प्लस वेरिएंट

मेन्स के लिये:

ओमिक्रॉन वेरिएंट : वेरिएंट ऑफ कन्सर्न

चर्चा में क्यों?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में खोजे गए कोविड-19 के B.1.1.1.529 स्ट्रेन की ‘वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ (Variants of Concern- VOC) के रूप में पहचान की है।

  • इस वायरस का सबसे पहले दक्षिणी अफ्रीका में पता चला था और इसके नाम को परिवर्तित करके  ओमिक्रॉन (Omicron) कर दिया गया।

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प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • ओमिक्रॉन को विश्व स्तर पर प्रमुख डेल्टा प्लस और इसके कमज़ोर प्रतिद्वंद्वियों अल्फा, बीटा एवं गामा के साथ-साथ कोविड-19 वेरिएंट की सबसे अधिक चिंताजनक श्रेणी में रखा गया है।
    • इस संस्करण में बड़ी संख्या में उत्परिवर्तन/वेरिएंट हैं। उनमें से कुछ गंभीर रूप से  चिंताजनक स्थिति का कारण हैं क्योंकि वे नए संस्करण को पिछले संक्रमण या टीके के माध्यम से प्राप्त प्रतिरक्षा से बचने की अनुमति दे सकते हैं। 
      • हालाँकि इस बात का कोई विश्वसनीय अनुमान नहीं है कि वायरस के पिछले स्ट्रेंन की तुलना में ओमिक्रॉन वेरिएंट कितना अधिक संक्रामक है।
      • दक्षिण अफ्रीका के अलावा, इज़रायल में मलावी, बोत्सवाना, बेल्जियम और हॉन्गकॉन्ग से आने वाले लोगों में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान की गई।
  • नामकरण:
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उन देशों (जहाँ पहली बार उनकी पहचान की गई) के स्थान पर ग्रीक वर्णमाला के अक्षरों के आधार पर वेरिएंट का नाम देने का फैसला किया है।
    • WHO ने Mu और Omicron के बीच के दो अक्षरों Nu या Xi के बजाय ओमिक्रॉन नाम का चयन किया। क्योंकि यह:
      • शी (Xi) चीन में एक लोकप्रिय उपनाम है (किसी भी सांस्कृतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, पेशेवर या जातीय समूहों के लिये अपराध करने से बचना)।
      • नू (Nu) को 'नया' (New) शब्द से भ्रमित किया जा सकता था।
  • भारत में स्थिति: 
    • सिरोप्रवैलेंस (Seroprevalence) अध्ययनों से पता चलता है कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा पहले से ही वायरस के संपर्क में आ चुका है जो बाद के संक्रमणों के लिये कुछ स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है।
      • साथ ही टीकाकरण/प्रतिरक्षण अभियान ने गति पकड़ ली है।
      • लगभग 44% भारतीय वयस्कों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है और 82% ने कम-से-कम एक खुराक प्राप्त की है। 
    • वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि टीकाकरण की एक या दो खुराक के बाद पहले संक्रमण का केवल टीकाकरण की दो खुराक की तुलना में अधिक सुरक्षात्मक प्रभाव हो सकता है।

वेरिएंट ऑफ कंसर्न: 

  • वायरस के इस वेरिएंट के परिणामस्वरूप संक्रामकता में वृद्धि, अधिक गंभीर बीमारी (जैसे- अस्पताल में भर्ती या मृत्यु हो जाना), पिछले संक्रमण या टीकाकरण के दौरान उत्पन्न एंटीबॉडी में महत्त्वपूर्ण कमी, उपचार या टीके की प्रभावशीलता में कमी या नैदानिक उपचार की विफलता देखने को मिलती है।
  • नए वेरिएंट महामारी संचरण की नई लहर (s) को शुरू कर सकते हैं।
  • WHO ने वर्तमान में वेरिएंट के 5 प्रकारों को सूचीबद्ध किया है:
    • ओमिक्रॉन (B.1.1.529),नवंबर 2021 में दक्षिणी अफ्रीका में पहचाना गया।
    • डेल्टा  (B.1.617.2), जो 2020 के अंत में भारत में उभरा और दुनिया भर में फैल गया।
    • गामा (P.1), जो 2020 के अंत में ब्राज़ील में उभरा।
    • बीटा (B.1.351), जो 2020 की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में उभरा।
    • अल्फा (B.1.1.7),इसे वर्ष 2020 के अंत में ब्रिटेन में देखा गया ।

वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI):

  • यह एक विशिष्ट ‘जेनेटिक मार्कर’ (Genetic Marker) वाला वेरिएंट है जो ‘रिसेप्टर बाइंडिंग’ में परिवर्तन करने, पूर्व में हुए संक्रमण या टीकाकरण के दौरान उत्पन्न एंटीबॉडी द्वारा संक्रमण के प्रभाव को कम करने, नैदानिक प्रभाव तथा संभावित उपचार को कम करने या संक्रमण के प्रसार या बीमारी की गंभीरता में वृद्धि करने से संबंधित है।
  • वर्तमान में इसके दो प्रकार हैं:
    • Mu (B.1.621),जो 2021 की शुरुआत में कोलंबिया में उभरा।
    • Lambda (C.37), जो 2020 के अंत में पेरू में उभरा।

म्यूटेशन, वेरिएंट तथा स्ट्रेन:

Mutation

  • जब कोई वायरस अपनी प्रतिकृति बनाता है तो वह हमेशा अपनी एक सटीक प्रतिकृति नहीं बना पाता है।
  • इसका तात्पर्य यह है कि समय के साथ वायरस अपने आनुवंशिक अनुक्रम के संदर्भ में थोड़ा भिन्न होना शुरू कर सकता है।
  • इस प्रक्रिया के दौरान वायरस के आनुवंशिक अनुक्रम में कोई भी परिवर्तन, उत्परिवर्तन यानी म्यूटेशन के रूप में जाना जाता है।
  • नए म्यूटेशन वाले वायरस को कभी-कभी वेरिएंट कहा जाता है। वेरिएंट एक या कई म्यूटेशन से भिन्न हो सकते हैं।
  • जब एक नए वेरिएंट में मूल वायरस की तुलना में अलग-अलग कार्यात्मक गुण होते हैं और यह जन आबादी के बीच अपना स्थान बना लेता है, तो इसे कभी-कभी वायरस के नए स्ट्रेन के रूप में जाना जाता है।
    • सभी स्ट्रेन, वेरिएंट होते हैं लेकिन सभी वेरिएंट स्ट्रेन नहीं होते।

आगे की राह 

  • यात्रा प्रतिबंध के लिये वैज्ञानिक दृष्टिकोण: वैरिएंट के चलते में यात्रा प्रतिबंधों पर विचार करते समय भारत को जोखिम-आधारित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिये।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को सुदृढ़ करना: नए उभरते हुए रूप इंगित करते हैं कि सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय अपनाना अभी भी आवश्यक है।
    • उदाहरण के लिये डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना और उचित निकासी।
  • सीख: भारत में महामारी ने हमें जो एक महत्त्वपूर्ण सबक सिखाया, वह है जीवन बचाने और आर्थिक विकास हेतु जैव चिकित्सा अनुसंधान और क्षमता निर्माण महत्त्वपूर्ण है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

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