रैपिड फायर
अग्नि-5 मिसाइल
भारत ने परिचालन एवं तकनीकी मापदंडों को मान्य करने और विश्वसनीय न्यूनतम निवारण बनाए रखने के लिये परमाणु-सक्षम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM), अग्नि-5 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
अग्नि-5 मिसाइल:
- परिचय: यह भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत विकसित एक उन्नत सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (SSBM) है।
- यह पृथ्वी, त्रिशूल, नाग और आकाश के साथ IGMDP के तहत विकसित पाँच मिसाइलों में से एक है।
- रेंज/मारक क्षमता: लगभग 5,000 किमी.
- महत्त्व: अपने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) सक्षम IRBM प्रौद्योगिकी के साथ, अग्नि-5 भारत को अमेरिका, रूस, चीन और फ्राँस सहित चुनिंदा देशों के समूह में शामिल करता है।
सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें (SSBMs)
- परिचय: SSBMs ऐसी मिसाइलें हैं जिन्हें किसी भी आधार (या जहाजों/पनडुब्बियों) से प्रक्षेपित करके जमीन या समुद्र में स्थित लक्ष्यों पर हमला करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- SSBMs को पारंपरिक या परमाणु हथियार से लैस किया जा सकता है।
- वर्गीकरण (रेंज/मारक क्षमता के आधार पर):
- कम दूरी की मिसाइलें (SRM): 1000 किमी से कम
- मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (MRBM): 1,000-3,000 किमी
- उच्च-मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (IRBM): 3,000-5,500 किमी
- अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM): 5,500 किमी से अधिक
और पढ़ें: अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल |
रैपिड फायर
स्लिनेक्स-25
भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास स्लिनेक्स-25 का 12वाँ संस्करण 18 अगस्त, 2025 को कोलंबो में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
- उन्होंने 1987 और 1990 के बीच श्रीलंका में शांति अभियानों के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए भारतीय शांति सेना (Indian Peace Keeping Force- IPKF) स्मारक पर श्रद्धांजलि भी दी।
- वर्ष 2005 में शुरू किये गए स्लिनेक्स द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य अंतर-संचालन, आपसी समझ और सर्वोत्तम अभ्यास आदान-प्रदान को बढ़ाना है।
- श्रीलंका में भारतीय नौसैनिक जहाज़ों की तैनाती ने भारत और श्रीलंका के बीच बढ़ती समुद्री साझेदारी में एक और अध्याय जोड़ा तथा क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप स्थिरता तथा सुरक्षा में योगदान दिया।
- रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग: भारत-श्रीलंका का अन्य द्विपक्षीय अभ्यास मित्र शक्ति (सेना) है, जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
- भारत मानवीय सहायता और आपदा राहत के क्षेत्र में श्रीलंका के लिये 'प्रथम प्रत्युत्तरदाता' के रूप में कार्य करता है।
और पढ़ें: भारत-श्रीलंका संबंध |