प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 21- 08- 2019
भवनों के लिये QR कोड
हरियाणा सरकार ने राज्य में सभी निर्मित संरचनाओं/घरों के बाहर लगाई गई धातु की प्लेटों पर विशिष्ट संपत्ति पहचान के लिये 18-अंकीय क्विक रेस्पॉन्स (QR) कोड स्थापित करने की महत्त्वाकांक्षी परियोजना को लागू करना सुनिश्चित किया है।
- इसका तात्पर्य मकानों के बाहर धातु की प्लेटों पर डिजिटल नंबर स्थापित करना है।
- इस प्रणाली के परिणामस्वरूप संपत्ति आधारित कर राजस्व कई गुना बढ़ जाएगा।
- इस संपत्ति कर संग्रह तंत्र के माध्यम से भविष्य के विकास के लिये शहरी स्थानीय निकायों हेतु धन में वृद्धि होगी।
- साथ ही यह भवन/संरचना के किसी भी परिवर्तन के मामले में निवासियों को तेज़ी से निर्माण की मंज़ूरी एवं भूमि उपयोग में बदलाव के लिये सक्षम बनाएगा।
- सरकार ने राज्य में सभी आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक, संस्थागत और खाली संपत्तियों का विश्लेषण करने के लिये ड्रोन आधारित भौगोलिक सूचना सर्वेक्षण (GIS) शुरू कर दिया है।
- राज्य सरकार इस साल के अंत तक QR कोड बनाकर स्थापित करेगी।
QR कोड
- QR कोड का पूरा नाम क्विक रेस्पॉन्स (Quick Response) कोड होता है।
- इन्हें क्विकली रीड करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- यह एक ऐसा कोड है जो मशीन के द्वारा ही पढ़ा जा सकता है।
- यह कोड काले और सफ़ेद रंग से बने एक डिब्बे के आकर का होता है।
- QR कोड को 2D बारकोड भी कहा जाता है।
बावली का पुनरुद्धार
मुगल सम्राट जहाँगीर द्वारा अरब की सराय (Arab Ki Sarai) में निर्मित बावली को विरासत एवं जल संरक्षण के दोहरे उद्देश्य से पुनर्जीवित किया जा रहा है।
- वर्तमान में देश के कई शहर पानी की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। अतः बावली को पुनर्जीवित कर जल संरक्षण किया जा सकता है।
- 16वीं शताब्दी की दीवार से घिरी बावली जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल हुमायूँ के मकबरे के भीतर स्थित है, यह ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है।
- संभवतः इस बावली के पास स्थित कुएँ का पानी बादशाह जहाँगीर ने पिया होगा, व्यापारियों के साथ बातचीत की होगी तथा दूर- दूर से व्यापारियों ने यहाँ पर अपना सामान बेचा होगा।
- ये बावली पारंपरिक ज्ञान को उजागर करने तथा जल संरक्षण के लिये एक तरह की गाइडबुक है।
- नीति निर्माताओं एवं पर्यावरणविदों को वर्तमान परिदृश्य में इस पर काम करने की आवश्यकता है क्योंकि सिंचाई, फव्वारा या बगीचों को पानी देने के लिये पानी की आवश्यकता होती है।
- उल्लेखनीय है कि वर्तमान में बावलियों के कई संरचनात्मक तत्त्व ढह गए हैं।
- बावली की मुख्य दीवारें मरम्मत किये जाने योग्य नहीं हैं तथा इनके क्षरण को रोकने के लिये तत्काल आवश्यक उपाय किये जाने की आवश्यकता है।
बया वीवर बर्ड
Baya Weaver
बया वीवर बर्ड (Baya Weaver Bird) भारतीय उपमहाद्वीप एवं दक्षिण पूर्व एशिया में पाई जाती है, यह खासकर जंगलों और खेतों में निवास करती है। वर्तमान में कृषि पैटर्न में परिवर्तन तथा पर्यावरणीय ह्रास के कारण ये कम दिखाई पड़ते हैं।
- बया वीवर बर्ड का वैज्ञानिक नाम प्लोसस फिलिपिनस (Ploceus philippinus) है।
- यह एक सुंदर चिड़िया है जिसे बेहतरीन घोंसले बनाने के लिये जाना जाता है। घोंसला नर चिड़िया द्वारा बनाया जाता है।
- इनका घोंसला एक अच्छी कारीगरी का उत्कृष्ट नमूना प्रदर्शित करता है।
- इनको बारिश का सटीक पूर्वानुमान लगा लेती है। बारिश का मौसम आने से पहले यह चिड़िया घोंसला बनाती है।
- ये खेतों के आसपास पेड़ों की डालियों पर घोंसला बुनती हैं।
- नर बया पीले और काले रंग की, जबकि मादा बया भूरे रंग की होती है। कुछ ऑरेंज रंग की भी होती हैं।
- इनका आकार 5 से 10 इंच के बीच होता है।
 
            
 
     
                  
                 
  