ध्यान दें:





डेली अपडेट्स


रैपिड फायर

मछलीपट्टनम बंदरगाह का पुनरुद्धार

  • 15 Jul 2025
  • 4 min read

स्रोत: बीएल

आंध्र प्रदेश का मछलीपट्टनम बंदरगाह कभी एक प्रमुख प्राचीन बंदरगाह शहर हुआ करता था। वर्तमान में एक ग्रीनफील्ड बंदरगाह के निर्माण के साथ इसका बड़े पैमाने पर पुनरुद्धार किया जा रहा है, जिसके 2026 के अंत तक चालू होने की उम्मीद है।

  • प्राचीन विरासत: मछलीपट्टनम को मसूलीपट्टनम या मैसोलिया के नाम से भी जाना जाता है, यह पहली शताब्दी ईस्वी के प्रारंभ में और संभवतः सातवाहन वंश (दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व - दूसरी शताब्दी ईस्वी) के दौरान एक व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ। 
    • इस बंदरगाह से रोम, चीन, फारस और दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार किया जाता था। इसके प्रमुख निर्यात में मसाले, कपास के वस्त्र, चीनी तथा हाथी शामिल थे।
    • 1570 के दशक से, इब्राहिम कुली कुतुब शाह के शासनकाल में, मसूलीपट्टनम का व्यापार फला-फूला और 17वीं शताब्दी के अंत में अब्दुल्ला कुतुब शाह के शासन के दौरान चरम पर पहुँच गया।
      • गोलकुंडा के अभिलेखों में इसे बंदर-ए-मुबारक (Bandar-i-Mubarak) कहा गया है। यह हैदराबाद से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ था, जिससे चिंट्ज़ (छपाईदार वस्त्र) समेत कई वस्तुओं का एशिया, अफ्रीका और यूरोप तक निर्यात किया जाता था।
      • 17वीं शताब्दी में यह पूर्वी भारत का एकमात्र बंदरगाह था, जिसकी पेगू (बर्मा), सियाम (थाईलैंड), बंगाल, मनीला, कोचीन, मेडागास्कर, चीन और मक्का जैसे केंद्रों से सीधा व्यापारिक संबंध था।
  • सांस्कृतिक विविधता: मछलीपट्टनम में मंगोल, तुर्क, फारसी, यहूदी, तमिल, डच, फ्राँसीसी और कई अन्य समुदायों का सांस्कृतिक संगम देखने को मिलता था।
  • पतन के कारक: वर्ष 1867 में आए विनाशकारी चक्रवात (जिसमें लगभग 30,000 लोगों की मृत्यु हुई) और मुगल प्रशासन की उपेक्षा ने बंदरगाह को गंभीर नुकसान पहुँचाया। ब्रिटिश काल में अंतिम झटका तब लगा, जब उन्होंने अपना ध्यान मद्रास (वर्तमान चेन्नई) की ओर केंद्रित कर लिया।
  • पुनरुद्धार: मंगिनापुडी में नया ग्रीनफील्ड बंदरगाह, जिसका निर्माण कार्य लगभग 50% पूरा हो चुका है, 2026 के अंत तक चालू होने की उम्मीद है। इसे लैंडलॉर्ड मॉडल का उपयोग करते हुए एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) मछलीपट्टनम पोर्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तहत विकसित किया जा रहा है ।
  • आर्थिक प्रभाव: बंदरगाह से निर्यात में कोयला, फार्मा, सीमेंट, उर्वरक और कंटेनर यातायात शामिल होंगे।
    • तेलंगाना सरकार मछलीपट्टनम से जुड़ने के लिये एक ड्राय पोर्ट सुविधा और सीधा मालवाहक कॉरिडोर स्थापित करने पर कार्य कर रही है, जिससे क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
    • बंदरगाह निर्माण की प्रगति के साथ स्थानीय समुदायों को भूमि की कीमतों में वृद्धि और रोज़गार के अवसरों से लाभ मिलने की संभावना है।

Machilipatnam

और पढ़ें: प्रधानमंत्री ने विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया

close
Share Page
images-2
images-2