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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 19 Aug, 2021
  • 13 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 19 अगस्त, 2021

‘यूनाइट अवेयर’ प्लेटफॉर्म

(UNITE Aware Platform)

हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के सहयोग से दुनिया भर में काम कर रहे ‘शांति सैनिकों’ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये एक प्रौद्योगिकी मंच शुरू किया है।

  • ‘यूनाइट अवेयर’ (UNITE AWARE) प्लेटफॉर्म का शुभारंभ तब हुआ, जब भारत ने अगस्त माह के लिये 15 देशों वाले ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ की अध्यक्षता ग्रहण की है।

प्रमुख बिंदु

‘यूनाइट अवेयर’ प्लेटफॉर्म के विषय में

  • उद्देश्य: इस परियोजना का उद्देश्य विषम खतरों का पता लगाने हेतु आधुनिक निगरानी प्रौद्योगिकी के प्रभाव को प्रदर्शित करना है।
  • सिचुएशनल अवेयरनेस सॉफ्टवेयर प्रोग्राम: यह सुरक्षा बनाए रखने में शांति सैनिकों के लिये वास्तविक समय में खतरे के आकलन हेतु आधुनिक निगरानी तकनीक का उपयोग करता है।
    • यह लाइव वीडियो और सैटेलाइट इमेजरी एक्सेस प्रदान करेगा और बहुत ही अस्थिर परिस्थितियों में शांति सैनिकों को शुरुआती चेतावनी भी दे सकता है।
    • यह महत्त्वपूर्ण घटनाओं का भी डेटा रिकॉर्ड करता है और दैनिक परिचालन गतिविधियों का पालन करता है।
    • इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके वास्तविक समय के आधार पर शांति अभियान की परिकल्पना, समन्वय और निगरानी की जा सकती है।
  • साझेदारी: भारत ने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान संचालन विभाग और परिचालन सहायता विभाग के साथ साझेदारी में प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म विकसित किया है।
  • तैनाती: प्लेटफॉर्म शुरू में चार संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में तैनात किया जाएगा: MINUSMA (माली), UNMISS (दक्षिण सूडान), UNFICYP (साइप्रस) और AMISOM (सोमालिया)।
  • भारत का योगदान: भारत ने इस परियोजना के लिये 1.64 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है।

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन:

  • संयुक्त प्रयास: यह शांति अभियान विभाग और परिचालन सहायता विभाग का एक संयुक्त प्रयास है।
    • इसके तहत दुनिया भर से सैनिकों और पुलिस को तैनात किया जाता है तथा उन्हें ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ (UNSC) एवं ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ द्वारा निर्धारित कई जनादेशों को संबोधित करने के लिये नागरिक शांति सैनिकों के साथ एकीकृत किया जाता है।
    • यह देशों को संघर्ष से शांति के कठिन रास्ते पर चलने में मदद करता है।
  • वित्तीय योगदान: संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिये वित्तीय संसाधन सुनिश्चित करना संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की सामूहिक ज़िम्मेदारी है।
  • कानूनी दायित्व: संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, प्रत्येक सदस्य राज्य शांति स्थापना के लिये अपने-अपने हिस्से का भुगतान करने के लिये कानूनी रूप से बाध्य है।
  • भारतीय योगदान
    • भारत, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना गतिविधियों में प्रमुख योगदान देने वाला देश है।
      • वर्तमान में भारत से 5506 सैनिक और पुलिस शांति सेना में शामिल हैं, जिन्हें नौ अलग-अलग संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में तैनात किया गया है, यह सैन्य योगदान देने वाले देशों में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्त्ता है।
    • वर्ष 1948 से दुनिया भर में स्थापित 71 संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में से 49 में 200,000 से अधिक भारतीयों ने सेवा दी है।
    • भारत में महिलाओं को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भेजने की लंबी परंपरा रही है।
      • वर्ष 2007 में भारत संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में एक महिला दल को तैनात करने वाला पहला देश बना था।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 अगस्त, 2021

राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मज़दूर न्याय योजना

छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में 12 लाख भूमिहीन परिवारों को लाभान्वित करने हेतु 200 करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मज़दूर न्याय योजना' की शुरुआत की है। राज्य सरकार के मुताबिक, इस योजना राशि को वित्तीय वर्ष 2021-2022 के अनुपूरक बजट में शामिल किया गया है। गौरतलब है कि यह ग्रामीण भूमिहीन मज़दूरों के लिये आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में अपनी तरह की पहली योजना है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण भूमिहीन मज़दूरों को न्यूनतम मज़दूरी के साथ समर्थन प्रदान करना है ताकि बुनियादी सुविधाओं तक उनकी पहुँच सुनिश्चित की जा सके। योजना के तहत लाभार्थी परिवारों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के सफल संचालन को सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकार ने लाभार्थी के बैंक खाते से संबंधित किसी भी विसंगति को 15 दिनों के भीतर हल करने हेतु एक तंत्र भी स्थापित किया है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से मुख्य तौर पर मनरेगा और ठेका श्रमिकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा समाज के अन्य समूहों जैसे- नाइ, धोबी, लोहार और पुजारी आदि को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा। योजना के लाभार्थी समर्पित पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।  

चिक्सुलब प्रभावक: डायनासोर की विलुप्ति

साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा प्रस्तुत एक नए शोध के मुताबिक, 66 मिलियन वर्ष पूर्व डायनासोर की विलुप्ति हेतु उत्तरदायी क्षुद्रग्रह के सौरमंडल के मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट के बाहरी हिस्से से उत्पन्न होने की संभावना है। इस घटना को ‘चिक्सुलब प्रभावक’ के रूप में जाना जाता है और इस विशाल खगोलीय निकाय की अनुमानित चौड़ाई तकरीबन 6 मील (यानी 9.6 किलोमीटर) थी और इसके कारण मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप में एक बड़ा गड्ढा उत्पन्न हुआ था, जो कि 90 मील (145 किलोमीटर) तक फैला हुआ था। पृथ्वी के साथ इस विशाल क्षुद्रग्रह के अचानक संपर्क के बाद क्षुद्रग्रह ने न केवल डायनासोर की प्रजाति को समाप्त कर दिया, बल्कि पृथ्वी की लगभग 75 प्रतिशत जानवरों की प्रजातियों को भी विलुप्त कर दिया। यह माना जाता है कि इस घटना के कारण हुए विस्फोटक के परिणामस्वरूप ही ‘मेसोज़ोइक युग’ की समाप्ति हुई। व्यापक स्तर पर विनाश करने वाला यह क्षुद्रग्रह, पृथ्वी से टकराने से पूर्व मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट में अन्य क्षुद्रग्रहों के साथ सूर्य की परिक्रमा कर रहा था। गौरतलब है कि हमारे सौरमंडल में बहुत सारे क्षुद्रग्रह हैं। उनमें से ज़्यादातर क्षुद्रग्रह ‘मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट’ (Main Asteroid Belt) में पाए जाते हैं। यह मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट मंगल और बृहस्पति ग्रहों की कक्षाओं के बीच के क्षेत्र में स्थित है।

छात्र उद्यमिता कार्यक्रम 3.0

अटल इनोवेशन मिशन (AIM) नीति आयोग ने भारत में ‘ला फोंडेशन डसॉल्ट सिस्टम्स’ के सहयोग से हाल ही में ‘अटल टिंकरिंग लैब्स‘ (ATL) के युवा नवप्रवर्तकों के लिये ‘छात्र उद्यमिता कार्यक्रम 3.0' (SEP 3.0) की शुरुआत की है। ‘छात्र उद्यमिता कार्यक्रम 3.0’ की थीम 'मेड इन 3डी-सीड द फ्यूचर एंटरप्रेन्योर्स प्रोग्राम' पर आधारित है, जिसे 2017 में ‘ला मेन आ ला पाटे फाउंडेशन’ और ‘ला फोंडेशन डसॉल्ट सिस्टम्स’ द्वारा फ्रांँस में तैयार और शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में प्रत्येक स्कूल (6 छात्र और एक शिक्षक) की एक टीम को 3डी प्रिंटिंग का उपयोग करके अपना स्वयं का स्टार्टअप, डिज़ाइन और प्रोटोटाइप बनाने, मार्केटिंग अभियान तैयार करने, उत्पाद मूल्य निर्धारण को परिभाषित करने और विस्तार करने की रणनीति के लिये सीड फंडिंग आवंटित की जाएगी। इससे उन्हें 'स्टार्टअप कैसे काम करता है', का वास्तविक अनुभव प्राप्त होगा। कार्यक्रम के अंत में प्रत्येक स्कूल का स्टार्टअप एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा और उद्योग एवं शिक्षा जगत के विशेषज्ञों के सामने अपना मार्केटिंग अभियान प्रस्तुत करेगा। इस कार्यक्रम के लिये 26 राज्यों की कुल 50 टीमों का चयन किया गया है। इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें फ्रांँस और भारतीय स्कूलों के बीच छात्रों व शिक्षकों के लिये बातचीत के अवसर भी होंगे। गौरतलब है कि इस प्रकार की उद्योग भागीदारी युवा छात्रों की आविष्कारशीलता को बढ़ाने के लिये काफी महत्त्वपूर्ण साबित हो सकती है।

जाम्बिया के नए राष्ट्रपति: हाकैंडे हिचिलेमा

जाम्बिया के विपक्षी नेता हाकैंडे हिचिलेमा को हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनावों में देश का नया राष्ट्रपति चुना गया है। हाकैंडे हिचिलेमा का जन्म दक्षिणी ज़िले ‘मोंज़े’ में 04 जून, 1962 को हुआ था। जाम्बिया विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने ब्रिटेन में ‘बर्मिंघम विश्वविद्यालय’ से एमबीए की डिग्री हासिल की। वर्तमान में वे जाम्बिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक हैं और वित्त, पशुपालन, संपत्ति, स्वास्थ्य देखभाल तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में उनके व्यावसायिक हित मौजूद हैं। ज्ञात हो कि जाम्बिया, दक्षिण-मध्य अफ्रीका में एक लैंडलॉक देश है और यह अंगोला, ज़ैरे, तंजानिया, मलावी, मोज़ाम्बिक, ज़िम्बाब्वे, बोत्सवाना तथा नामीबिया के साथ अपनी सीमा साझा करता है। यह देश अधिकांशतः पठारीय क्षेत्र है, जो पूर्व में 8,000 फीट (2,434 मीटर) तक ऊँचा है। अफ्रीका खासतौर पर जाम्बिया के अग्रणी नेताओं में से एक डॉ. केनेथ कोंडा ने जाम्बिया में उपनिवेशवाद को समाप्त करने और एक नए जाम्बिया का गठन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।


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